LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशदेशसाहित्य

यूपी के स्कूल-कॉलेजों की फीस 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए : पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव रैली के लिए लाखों एलईडी टीवी लगवाकर अरबों का प्रचार फंड खर्च करने वाली बीजेपी सरकार के पास क्या शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने का फंड नहीं है? भाजपा सरकार ईमानदारी से पीएम केयर्स फंड को जनता का फंड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे.

अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते दौर में शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूल-कॉलेज खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह गरीब परिवार के प्रति विद्यार्थी को एक स्मार्टफोन, नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराएं साथ ही टीचरों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निःशुल्क हार्डवेयर दे.

उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने दूरदर्शिता में प्रदेश के मेधावी छात्रों को लैपटाप दिए थे, जो आज ऑनलाइन शिक्षण में काम आ रहे हैं. भाजपा सरकार ने तो अपने 2017 के चुनाव घोषणापत्र में युवाओं को लैपटाप देने का वादा किया था. उसने यह भी कहा था कि कॉलेजों में दाखिला लेने पर प्रदेश के सभी युवाओं को बिना जाति-धर्म के भेदभाव के मुफ्त लैपटाप दिया जाएगा.

Corona period government smartphone network and electricity poor family

कॉलेज में दाखिला लेने वाले युवाओं को स्वामी विवेकानन्द युवा इंटरनेट योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1 जीबी इंटरनेट मुफ्त दिया जाएगा. सभी कालेजों, विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई देने का वादा भी उनके कथित लोककल्याण संकल्पपत्र 2017 में किया गया था. ये वादे भाजपा के दूसरे वादों की तरह बस उनके संकल्प पत्र में ही लिखे रह गए.

शिक्षा जगत में इन दिनों अभिभावकों के सामने एक और विकट समस्या स्कूल-कॉलेजों की फीस भरने की है. ऑनलाइन शिक्षण में 80 प्रतिशत प्रयास तो अभिभावकों को करने पड़ते हैं. इस हिसाब से स्कूली फीस 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए लेकिन स्कूल कॉलेज अभी पूरी फीस वसूलना चाहते हैं. ज्यादातर शिक्षा संस्थाओं के प्रबंधक व्यवसायिक संस्थान के रूप में काम कर रहे हैं. वैसे भी ऑनलाइन पढ़ाई की फीस कैम्पस पढ़ाई की फीस के बराबर नहीं हो सकती है. भाजपा सरकार को इस सम्बंध में गाइडलाइन जारी करना चाहिए.

ऑनलाइन शिक्षण में 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो फीस, सरकार जारी करे गाइडलाइन- अखिलेश

उन्होंने कहा कि कैसी विसंगति है कि ऑनलाइन के फैशन में बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता नहीं की जा रही है कि फोन, लैपटाप और टीवी के सामने घंटों बैठने की आदत से बच्चों की आंखो की रोशनी पर कितना दुष्प्रभाव पड़ेगा? अब तो कक्षा एक तक से इसकी आदत डालने का खेल चल रहा है. बच्चों के स्वास्थ्य एवं भविष्य के साथ ऐसी कुनीति भाजपा सरकार ही चला सकती है क्योंकि उसे बड़े व्यवसायियों एवं देशी-विदेशी निर्माता कम्पनियों को फायदे में रखना है. पूंजी घरानों का हित ही उसके लिए सर्वोपरि हैं.

Related Articles

Back to top button