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आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर एक व्यक्ति में नहीं है ये 5 गुण तो वो है बोझ समान

आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विख्‍यात हुए. उनकी कुशाग्र बुद्धि और तार्किकता से सभी लोग प्रभावित थे. यही वजह है कि वह कौटिल्य कहे जाने लगे.

उन्‍होंने नीति शास्त्र के माध्‍यम से अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर जहां जीवन की परिस्थितियों का सामना करने और सुख-दुख में विचलित न होने के लिए कई महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं, वहीं उन्‍होंने कई और अहम बातों की ओर ध्‍यान दिलाया है.

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार नियति एक भिखारी को राजा और राजा को भिखारी बना सकती है. इसी तरह यह एक अमीर आदमी को गरीब बना सकती है और गरीब व्‍यक्ति को अमीर बना सकती है. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य द्वारा वर्णित नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. आइए जानें इसकी खास बातें-

1 – चाणक्‍य नीति में ज्ञान के महत्‍व को समझाते हुए कहा गया है कि जिस व्‍यक्ति के पास धन नहीं है, वो गरीब नहीं है. वास्‍तविकता में तो वह अमीर है, अगर उसके पास विद्या का धन है, लेकिन जिस व्‍यक्ति के पास विद्या नहीं है, तो वह सब प्रकार से निर्धन है.

2 – आचार्य चाणक्‍य के अनुसार नियति एक भिखारी को राजा और राजा को भिखारी बना सकती है. इसी तरह यह एक अमीर आदमी को गरीब बना सकती है और गरीब व्‍यक्ति को अमीर बना सकती है.

3 – चाणक्‍य नीति कहती है कि भिखारी कंजूस आदमी का दुश्मन है. इसी तरह एक अच्छा सलाहकार एक मूर्ख आदमी का शत्रु है. वह चोर जो रात को चोरी करने निकलता है, उसके लिए तो चन्द्रमा ही उसका शत्रु है.

4 – आचार्य चाणक्‍य के अनुसार जिन लोगों के पास विद्या, तप, ज्ञान, अच्छा स्वभाव और दया भाव ये गुण नहीं हैं वे कुछ नहीं हैं. ऐसे लोग धरती पर मनुष्य के रूप में घूमने वाले पशु समान हैं. धरती पर उनका भार है.

5 – चाणक्‍य नीति के अनुसार अपने निकट संबंधियों का अपमान करने से प्राण जाते हैं. इसी तरह दूसरों का अपमान करने से दौलत जाती है. वहीं राजा का अपमान करने से तो सब कुछ चला जाता है. इसी तरह किसी ब्राह्मण का अपमान करने से कुल का नाश हो जाता है.

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