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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते फिर हुआ बड़ा भूस्खलन

हिमाचल प्रदेश में बरसात के चलते भूस्खलन का दौर जारी है. एक बार फिर से सिरमौर जिले में बड़ा लैंडस्‍लाइड हुआ है. इस बार भी वीडियो सामने आया है. सिरमौर जिला में भूस्खलन हुआ और रेणुकाजी का यह मामला है. फिलहाल ट्रैफिक बाधित हो गया है.

सूत्रों से मिली बड़ी जानकारी के अनुसार, सिरमौर जिले में नाहन को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग रेणुका जी संगड़ाह- हरिपुरधार पर लैंडस्लाइडिंग हुई है और अब यातायात के लिए यह मार्ग पूर्ण रूप से बाधित हो गया है.

कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि, वाहनों की कतारें लग गई हैं. बता दें कि इससे पहले, शिलाई पावंटा मार्ग में हाईवे धंस गया था. वह मार्ग अब भी बहाल नहीं हो पाया है.

बीते 24 घंटों के दौरान पालमपुर में 30 एमएम, बिजाई व नगरोटा सूरियां में 24-24, सियोबाग में 19, अंब में 18, नादौन में 17, धर्मपुर में 12, काहू में 10, सुजानपुर टीहरा में 9 मिली बारिश दर्ज की गई है.

बारिश की वजह से राज्य के नदी-नाले उफान पर हैं. सोमवार को भूस्खलन की वजह से राज्य में 218 सड़कें अवरुद्व रहीं. शिमला में 87, मंडी में 70, कुल्लू में 33, हमीरपुर में 8, कांगड़ा में 7,

सिरमौर में 5, चंबा में 4, लाहौल-स्पीति में 3 और उना में 1 सड़क यातायात के लिए बंद है. बरसात के कारण पानी की 46 स्कीमें प्रभावित रहीं. वहीं, 14 मकान, 8 घरों और एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई.

इसके अलावा, मानसून में आई आपदाओं में 440 जानवर मारे गए. मानसून सीजन में 112 मकान पूरी तरह से तबाह हो गए. वहीं 522 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. कांगड़ा में सबसे ज्यादा 212 मकानों को नुकसान पहुंचा है.

इसके अलावा बारिश से राज्य में आठ दुकानें, 10 पुल एवं 458 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में आपदा के चलते 681 करोड़ की चल-अचल संपति ध्वस्त हुई है.

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने खराब मौसम के मददेनजर लोगों और पर्यटकों को नदी-नालों से दूरी बनाए रखने का परामर्श दिया है. उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति एवं किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों के कुछ स्थानों में 4 और 5 अगस्त को भारी बारिश होने की आशंका है.

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