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उत्तर प्रदेश : गोरखपुर गए योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बात की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि गोरखपुर का कमाल है कि मच्छर और माफिया का सफाया हुआ है. गोरखपुर से इसकी शुरुआत हुई है

और पूरे प्रदेश में इसकी धमक देखने को मिल रही है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था, निवेश से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा सहित तमाम मुद्दों पर सवालों के जवाब दिए.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये गोरखपुर का कमाल है कि मच्छर और माफिया का सफाया हुआ है. गोरखपुर से इसकी शुरुआत हुई है और पूरे प्रदेश में इसकी धमक देखने को मिल रही है. 1997-98 से इसकी शुरूआत हुई थी.

जिस प्रकार की सरकारें प्रदेश में आयीं उससे पूरा प्रदेश त्रस्त था. जब मैं अकेले था, तब गोरखपुर वालों ने मेरे साथ होकर सफलता को ऊंचाई पर पहुंचाया. गोरखपुर में हर व्यापारी गुण्डा टैक्स देता था. कहीं भी गोलीकाण्ड हो सकता था.

जब 1998 में पहली बार सांसद बना था, तब बन्द खाद कारखाने को शुरू करने के लिए मंत्री के पास गया था. उन्होंने मुझे देखा और देखते ही रहे. तब उन्होंने कहा कि आप गोरखपुर से चुनाव कैसे जीत गये? मैं तो तीस साल से गोरखपुर नहीं गया क्योंकि वहां मेरी चुनावी रैली के दौरान गोली चलने लगी.

सीएम ने कहा कि पहले दिमागी बुखार से हजारों बच्चों की मौत होती थी लेकिन, कोई पूछता नहीं था. ज्यादातर गरीब तबके के बच्चों की मौत होती थी. ऐसे गरीब परिवार के लोग सिर्फ कुछ राजनीतिक दलों के वोट बैंक थे.

हमने उनके साथ मीटिंग की. ये बीमारी कई राज्यों में थी. फिर हमने इसे संसद में उठाया और ये राष्ट्रीय मुद्दा बना. गोरखपुर से इन्सेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई शुरू की.

जब स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोदी सरकार ने हर घर में शौचालय दे दिया, स्वास्थ्य की सुविधा बढ़ाई गई, तब इसपर काबू पाया जा सका है. हमने सर्विलांस को मजबूत किया है. हमने 95 फीसदी से अधिक बीमारी पर नियंत्रण किया है.

हमने 2004-05 से यहां टीकाकारण की शुरुआत करवाई. 1974 ये 2004 तक ये जापानी इन्सेफलाइटिस के नाम से थे. वैरियंट चेंज होने के बाद इसमें बदलाव आया. ये एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस हो गया. हमने समझा कि इलाज के साथ इंसानी व्यवहार को भी दुरुस्त करना होगा.

जब मेरी सरकार आई तो हमने दोनों पर जोर दिया. 7 जिलों में हमने बच्चों के लिए ICU तैयार करवाया. इसके अलावा मेडिकल स्टाफ को ट्रेन किया. यूपी कोरोना प्रबंधन में सबसे अच्छा परिणाम दे रहा है जबकि आबादी देश में सबसे ज्यादा है.

ये सदी की सबसे बड़ी महामारी है. सबसे बड़ी बात ये है कि लीडरशिप किस दिशा में देश और राज्य को लेकर जा रहा है. कोरोना कर्फ्यू हो या लॉकडाउन हो, राशन का हो या गरीबों को एक निश्चित धनराशि उपलब्ध करवाने का हो, भारत पहला ऐसा देश है जिसने ये सारे काम किये.

यूपी ने मोदी जी के उसी विजन और मार्गदर्शन में काम किया. पहले वेव में हमने सफलतापूर्वक सभी चुनौतियों को सामना करने के बाद अचानक दूसरी लहर आई. दूसरी लहर के समय स्थिति को पैनिक किया गया.

आज भी कई राज्यों में स्थिति अनियंत्रित है लेकिन, कहीं मीडिया ट्रायल नहीं है. हमें उंगली उठाने से पहले तुलना को भी ध्यान में रखना चाहिए. हम 24 करोड़ जनता को बेड उपलब्ध करा रहे थे और दिल्ली पौने दो करोड़ की आबादी के बावजूद व्यवस्था अच्छी नहीं थी. वहां के मरीज हमारे यहां भर्ती हो रहे थे.

सीएम योगी ने कहा कि जब मैं सांसद था तो गोरखपुर पर फोकस रखता था. अब मैं सीएम हूं तो पूरे प्रदेश पर ध्यान है. आपको आगरा और प्रयागराज में भी ऐसा ही देखने को मिलेगा. प्रयागराज में भव्य कुंभ का आयोजन किया था.

पूरे प्रदेश के अंदर हम लोग ये कर रहे हैं. हर जिला मुख्यालय और हर तहसील मुख्यालय़ को फोर लेन टू लेन से जोड़ने का काम चल रहा है. जितने एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं

वे सिर्फ गोरखपुर में नहीं हैं. पूरे प्रदेश में फैले हुए हैं. दिल्ली से मेरठ को 12 लेन की सड़क से जोड़ रहे हैं. आज मेरठ से दिल्ली 45 मिनट में पहुंच जायेंगे. हर जगह इन्फ्रास्ट्रकचर बढ़ा रहे हैं.

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