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नवरात्रि में उच्च शिक्षा के मंदिर की सौगात देंगे सीएम योगी

पंजाब में दलित सीएम का अपमान, यूपी में नाटक: रमापति शास्त्री

प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के दलित प्रेम को सियासी नाटक करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चहेते नवजोत सिंह सिद्धू ने खुले मंच से पंजाब के दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपशब्दों से नवाजा था, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।लेकिन यूपी में प्रियंका दलित प्रेम की घड़ियाली आंसू बहा रहीं हैं। यही कांग्रेस का असली चेहरा और चरित्र है। जबकि भाजपा दलितों के विकास के साथ उन्हें आत्मसम्मान से जीने का अवसर भी दे रही है । नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने प्रयागराज महाकुम्भ में दलित सफाई कर्मचारियों के पांव पखार कर उनके आत्मसम्मान को बढ़ाया था ।

        कैबिनेट मंत्री शास्त्री ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के दलित प्रेम पर तंज कसते हुए कहा कि दलितों का अपमान करना कांग्रेस का इतिहास रहा है । कांग्रेस आज भी इसी परंपरा पर चल रही है । शास्त्री ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री चन्नी के विरुद्ध अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि "यह (चन्नी) 2022 में कांग्रेस का पंजाब में बेड़ा गर्क कर देगा ।"  खुले मंच से एक दलित मुख्यमंत्री का इस तरह अपमान कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को कहीं से नहीं कचोटा । उल्टे सिद्धू को और बढ़ावा दिया जा रहा है । ऐसे में उत्तर प्रदेश के सियासी पर्यटन पर आते ही प्रियंका गांधी कैमरे के सामने दलित  बस्ती में झाड़ू लगाना महज सियासी नाटक है। दलित समाज कांग्रेस के इस दोहरे चरित्र से भलीभाँति अवगत हो चुका है ।  लंबे समय तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस ने कभी दलितों को आत्मसम्मान से जीने का अवसर ही नहीं दिया । केवल गरीबी हटाओ का नारा देकर गरीबों का हक छीना और वोट बैंक के रूप में उनका इस्तेमाल किया। आज मोदी और योगी सरकार दलितों व वंचितों के जीवन में उजियारा ला रही है ।  दलितों और गरीबों को निशुल्क आवास, निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन,निशुल्क बिजली कनेक्शन, निशुल्क राशन, पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दे रही है । भाजपा सरकार में पहली बार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े तबके का विकास और सम्मान मिल रहा है,  तो प्रियंका दलित प्रेम के ढोंग पर उतर आयीं हैं ।

दुनिया में बढ़ते जल संकट के बीच पश्चिम यूपी से आई राहत की बड़ी खबर

पश्चिम यूपी में तेजी से गिरते भूजल स्‍तर को रोकने में बड़ी कामयाबी मिली है। क्षेत्र के कई अतिदोहित और क्रिटिकल विकासखंडों की रिसर्च रिपोर्ट उम्‍मीद की नई किरण लेकर आई है। पश्चिम यूपी के मेरठ, सहारनपुर के कई विकासखंडों में भूजल स्‍तर में बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई है। ताजा रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ में अब एक भी विकासखंड अतिदोहित नहीं है। सहारनपुर के भूजल स्‍तर में 20 सेमी की रिकार्ड बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई है। यहां क्रिटिकल भूजल स्‍तर में शामिल विकासखंडों की संख्‍या 4 से घटकर एक रह गई है।

        पानी बचाव को लेकर जहां पूरी दुनिया चिंतन में लगी हुई है। वहीं, पश्चिम यूपी से एक सुखद खबर सामने आई है। 2017 में भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट में मेरठ और सहारनपुर के जो विकासखंड गिरते भूजल स्‍तर से जूझ रहे थे। वहां भूजल संरक्षण विभाग की कोशिशें उम्‍मीद की नई किरन बन कर सामने आई हैं।  मेरठ के 12 विकासखंडों में 3 अतिदोहित श्रेणी में आते थे लेकिन आज एक भी विकासखंड अतिदोहित नहीं है। सहारनपुर में भी अतिदोहित व क्रिटिकल विकासखंडों में भूजल स्‍तर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने पानी की समस्‍या से उबरने के लिए तालाबों के निर्माण व जीर्णोद्धार, चेकडैम का निर्माण, सिंचाई में कम जल खपत वाली विधियां इसमें ड्रिप व स्प्रिंकलर प्रणाली के इस्‍तेमाल के लिए किसानों को जागरूक किया। इससे भूजल स्‍तर में सुधार हुआ।

सहारनपुर में बढ़ा 20 सेमी भूजल स्‍तर

        बात करें सहारनपुर की तो भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के अनुसार यहां के 5 विकासखंड अतिदोहित व 4 क्रिटिकल श्रेणी में थे। भूजल संरक्षण विभाग ने यहां के सभी 11 विकासखंडों में भूजल में बढ़ोत्‍तरी के लिए व्‍यापक स्‍तर पर काम शुरू किया। सहारनपुर के सभी विकासखंडों में 72 चेकडैम व 2203 तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार कराया। सिंचाई की नई विधियों से किसानों को रूबरू कराया गया। इन प्रयासों ने साढ़े चार सालों में अतिदोहित 5 विकासखंडों की संख्‍या घटाकर 4 और क्रिटिकल विकासखंडों की संख्‍या 4 कम करके एक कर दी। यहां पर भूजल में 20 सेमी की बढ़ोत्‍तरी हुई। वहीं, शहरी क्षेत्रों में भूजल में बढ़ोत्‍तरी के लिए रूफ टॉप रेन हार्वेस्टिंग को प्रयोग में लाया गया। 187 शासकीय व अर्द्धशासकीय भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्‍थापना की। वनीकरण योजना के जरिए सहारनपुर में 5981391 पौधरोपण किया। इन प्रयासों से भूजल में बढ़ोत्‍तरी का काम किया।

मेरठ में अब कोई अतिदोहित विकासखंड नहीं

        भूजल संरक्षण विभाग ने सहारनपुर के साथ मेरठ में भूजल स्‍तर ऊपर लाने के लिए जो प्रयास किए उसने पानी की समस्‍या को बहुत हद तक कम कर दिया है। इससे किसानों के चेहरे पर खुशहाली आई है। 2017 में भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट के अनुसार मेरठ के 12 विकासखंडों में 3 अतिदोहित व 2 क्रिटिकल विकासखंडों में शुमार होते थे। ताजा रिपोर्ट के अनुसार  मेरठ में एक भी विकासखंड अतिदोहित श्रेणी में नहीं है। लघु सिंचाई विभाग की ओर से यहां 5 चेकडैम व 16 तालाबों का निर्माण कराया गया। शहरी क्षेत्रों में  467 शासकीय व अर्द्धशासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्‍थापित की गई। जिले में 6081452 पौधरोपण किया गया। इससे भूजल स्‍तर में काफी हद तक सुधार हुआ।

        नमामि गंगे योजना के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि कार्ययोजना बनाकर प्रदेश भर में भूजल संरक्षण के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार जल संचयन के इंतजाम किये जा रहे हैं। स्थानीय लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं जिससे परिणाम भी सकारात्मक मिल रहे हैं।

गुंडों,माफियाओं के पालनहार दे रहे हैं संविधान और कानून की दुहाई – सिद्धार्थ नाथ

गुंडों,माफियाओं के पालनहार भी अब संविधान और कानून की दुहाई दे रहे हैं। सत्‍ता में बैठ कर कानून को माफियाओं के पैरों तले रख देने वाले अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को अब कानून और संविधान की ताकत का एहसास हो रहा है। योगी सरकार ने साढ़े चार साल में गुंडों,माफिया,अपराधियों और उनके आकाओं को बता दिया है कि कानून की अहमियत क्‍या है। यह बात शनिवार को राज्‍य सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कही।

        सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव की रथ यात्रा के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि साढ़े चार साल तक ड्राइंग रूम से राजनीति करने वाले अखिलेश कम से कम इस बहाने प्रदेश का विकास देख पाएंगे। उत्‍तर प्रदेश में लगातार हो रहे निवेश का नजारा देखेंगे। योगी सरकार के एक्‍सप्रेस वे, मेट्रो,एयरपोर्ट, उद्योग और रोजगार के साथ ही विकास की रौशनी में नहाए गांव,मजदूर और किसानों की खुशहाली भी देख सकेंगे।

        राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता ने कहा कि सियासी औपचारिकता निभाने को अखिलेश और उनकी पार्टी यात्रा निकाल रही है। प्रदेश की जनता उनका चाल,चरित्र और चेहरा अच्‍छी तरह पहचानती है। सपा की पृष्ठभूमि रक्त रंजित है। एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि कन्नौज में बूथ कैप्चरिंग से रोके जाने को लेकर हुए विवाद में सपा सरकार बनने के बाद अखिलेश के इशारे पर सपा के एक कार्यकर्ता ने बूथ कैप्‍चरिंग का विरोध करने वाले युवक नीरज मिश्रा की हत्या कर दी थी। सपा कार्यकर्ता नीरज मिश्रा का कटा हुआ सिर डिब्‍बे में रख कर सीएम आवास लाया और अखिलेश के सामने पेश किया था। ऐसा जघन्‍य अपराध करने वाले पर मुकदमा दर्ज कराने के बजाय तत्कालीन मुख्यमंत्री और उनके बेटे ने अपराधी  को पीठ थपथपा कर विदा किया था । यह घटना किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए किसानों और लखीमपुर खीरी को लेकर ओछी राजनीति कर रहे हैं । लखीमपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शुभम मिश्रा और हरिओम मिश्रा की भी मौत हुई है। लेकिन ब्राह्मणों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली सपा,बसपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित अन्य दलों की कलई जनता के सामने खुल गई है। किसी के मुंह से मरने वाले ब्राह्मणों के लिए एक शब्द भी नहीं निकले हैं। सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है और पीड़ित पक्ष पूरी तरह से संतुष्ट भी है।

नवरात्रि में उच्च शिक्षा के मंदिर की सौगात देंगे सीएम योगी

नवरात्रि के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उच्च शिक्षा के मंदिर की सौगात देंगे। इस ज्ञान मंदिर में इसी सत्र से शैक्षिक आराधना भी प्रारंभ हो जाएगी। 12 या 13 अक्टूबर को जंगल कौड़िया के रसूलपुर में बने महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लोक शिक्षा सेवा को अर्पित होने की उम्मीद है।

        मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 मई 2018 को जिले के तीसरे राजकीय महाविद्यालय के रूप में महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय की आधारशिला रखी थी। अब यह बनकर तैयार है और उच्च शिक्षा का उजास फैलाने को तत्पर भी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य कक्षाएं चलाने पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। यहां कला संकाय में अब तक प्रथम वर्ष के लिए 260, विज्ञान संकाय में बीएससी बायो के लिए 60 और बीएससी मैथ के लिए 40 छात्रों ने प्रवेश लिया है। जबकि वाणिज्य संकाय में 50 छात्रों ने प्रवेश लिया है। यह कॉलेज आसपास के क्षेत्र की उन बालिकाओं के लिए वरदान साबित होगा जो कतिपय कारणों से अधिक दूर जाकर शिक्षा ग्रहण करने में दिक्कतों का सामना करती हैं। पठन-पाठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए यहां प्राचार्य डॉ जयप्रकाश के साथ 14 शिक्षकों की नियुक्ति हो जा चुकी है। सभी ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। 12 या 13 अक्टूबर को होने वाले लोकार्पण समारोह के मद्देनजर उच्च शिक्षा अधिकारी एके मिश्रा,

        राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह व राजकीय कॉलेज के प्राचार्य डॉ जय प्रकाश तैयारियों में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कुशीनगर में पर्यटन को लगेंगे पंख

भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर की डायरेक्ट इंटरनेशनल कनेक्टिविटी होने जा रही है। इसके साथ ही यहां विकास को नई रफ्तार मिलेगी तो पर्यटन क्षेत्र को भी पंख लग जाएंगे। विदेशी पर्यटकों को सीधी उड़ान की सुविधा मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक संबंध भी और मजबूत होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह सब संभव होगा 20 अक्टूबर से, जब यूपी के तीसरे क्रियाशील कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

        मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुरोध पर ही कुशीनगर एयरपोर्ट को वर्ष 2020 में केंद्रीय कैबिनेट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ान सेवाओं के लिए मान्यता दी थी। अब उनकी ही पहल पर इस हवाई अड्डे के 3.2 किमी लंबे रनवे से पहली उड़ान (लैंडिंग व टेकऑफ) भी अंतरराष्ट्रीय होगी। 20 अक्टूबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति का विमान 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ लैंड करेगा। उनके साथ कई बौद्ध भिक्षु भी रहेंगे। वास्तव में यह एयरपोर्ट पूरी दुनिया में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी योगी सरकार की तरफ से बड़ा उपहार है। भगवान बुद्ध के उपासकों की संख्या श्रीलंका, थाईलैंड, जापान, वियतनाम, भूटान, म्यामांर, कम्बोडिया, मंगोलिया, सिंगापुर, लाओस, उत्तरी व दक्षिणी कोरिया समेत कई देशों मे बहुतायत में है। उनके लिए भगवान बुद्ध से जुड़े स्थल उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। चूंकि कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है, इसलिए इस तीर्थ पर आने की मंशा हर बौद्ध अनुयायी की होती है। अबतक उन्हें देश के अलग अलग रास्तों से होकर यहां आना पड़ता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से वे अब सीधे यहां पहुंच सकेंगे। जब बड़ी संख्या में ये बौद्ध मतावलंबी आएंगे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के सांस्कृतिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

पर्यटन क्षेत्र से सृजित होंगे रोजगार के अवसर

        नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में नए कुशीनगर की तस्वीर देश के पर्यटन नक्शे पर और निखर उठेगी। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के क्रियाशील होने के साथ ही कुशीनगर के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली का दर्शन करने आने वाले विदेशी मात्र 50 किमी की दूरी पर स्थित गोरखपुर में विश्व प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर, खूबसूरत रामगढ़ताल, चिड़ियाघर आदि का भी भ्रमण करने आएंगे। विदेशी पर्यटकों की आमद बढ़ने से रोजगार के कई अवसर भी सृजित होंगे।

निवेश की संभावना भी बढ़ेगी

        मजबूत एयर कनेक्टिविटी होने से कुशीनगर व आसपास के जिलों में निवेश की संभावना भी खूब बढ़ेगी। यूपी सरकार द्वारा किए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सीधे विदेशियों की नजर में भी आएगा। जमीन और मानव संसाधन की सहज सुलभता के साथ प्रदेश सरकार की औद्योगिक विकास नीति से निवेशक यहां आने के लिए आकर्षित होंगे।

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