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नीदरलैंड्स के मार्टिन ग्लैट्ज नदी में मिली एक शख्स को दुर्लभ यलो कैट फिश

कई लोगों को मछली पकड़ने का शौक होता है तो कुछ लोगों की रोजी-रोटी ही फिशिंग होती है. लेकिन फिशिंग कोई आसान काम नहीं होता. इसके लिए धैर्य और प्रैक्टिस की जरूरत होती है.

इन दिनों नीदरलैंड का एक शख्स काफी चर्चा में है, जिसे फिशिंग के दौरान एक ऐसी मछली हाथ लगी जिसे देखकर सब हैरान हो गए. ये मछली बेहद दुर्लभ मानी जाती है. अब उस शख्स और मछली की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

डेली स्टार में छ्पी एक खबर के अनुसार नीदरलैंड्स के मार्टिन ग्लैट्ज नदी में फिशिंग के लिए गए थे. जब उन्होंने नदी में कांटा डाला तो कुछ देर बाद उनकी फिशिंग रॉड भारी लगने लगी.

मार्टिन समझ गए कि उनके हाथ कोई बड़ी मछली लगी है. लेकिन जब उन्होंने मछली को बाहर निकाला तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि उनके हाथ कोई ऐसी वैसी मछली नहीं बल्कि एक पीले रंग की बड़ी सी मछली लगी थी. ये मछली एक दुर्लभ कैट फिश थी.

आमतौर पर कैट फिश भूरे रंग की होती है. लेकिन मार्टिन के हाथ जो मछली लगी थी वो बेहद दुर्लभ पीले रंग की थी. ये एक वेल्स कैटफिश थी जो यूरोप में पाई जाती है. ये मछली 2.7 मीटर तक लंबी हो सकती है

और इसका वजन 136 किलो तक हो सकता है. मार्टिन ने मछली को बाहर निकाला और उसे देखकर इतने इंप्रेस हुए कि उन्होंने उसे दोबारा पानी में छोड़ दिया. उन्हें उम्मीद है कि मछली इस साइज से भी बड़ी हो जाएगी.

मार्टिन ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसी पीले रंग की कैट फिश नहीं देखी है. दरअसल, ये दुर्लभ कैट फिश लियुसिज्म का नतीजा है. लियुसिज्म एक तरह का जेनेटिक डिसऑर्डर है. जिसके कारण जानवरों के शरीर का रंग बदल जाता है.

स्किन और बाल का पिगमेंटेशन खत्म हो जाता है और शरीर का असली रंग उड़ जाता है. ये डिसऑर्डर एलबिनिस्म से अलग है क्योंकि इसमें आंखों का रंग नहीं बदलता है.

जानवरों का रंग उड़ जाने के कारण उनका रंग इतना चमकीला हो जाता है कि वो जल्द अपने शिकारी को आसानी ने नजर आ जाते हैं इसलिए छुपना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.

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