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काशी विश्वनाथ धाम में अब से मिलेगी लोगों को ये 10 खास सुविधाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार 13 दिसंबर को वाराणसी में बीजेपी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने वाले हैं. इस धाम को प्राचीन विश्वनाथ मंदिर के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए 55 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विकसित किया गया है.

बताया जा रहा है कि साढ़े तीन सौ साल के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनरुद्धार का काम किया गया है. इससे पहले रानी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया था. वहीं महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़वाकर बाबा विश्वनाथ मंदिर को भव्य स्वरूप दिया था.

तंग गलियों और संकरे रस्तों वाले वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण की प्रक्रिया बहुत ही जटिल थी. इसके लिए 315 भवनों का अधिग्रहण किया, करीब 700 परिवारों तथा छोटे-बड़े दुकानदारों का विस्थापन करके धाम आज के इस भव्य स्वरूप में आ सका है.

इसे बनाने में करीब 800 करोड़ रुपये की लागत आई है. काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा धार तक बनकर तैयार काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ध्यान रखा गया है.

विश्वनाथ मंदिर के आस-पास पहले जहां सिर्फ सकरी गलियां थीं, वहीं विश्वनाथ धाम में प्रवेश के लिए 4 विशालकाय द्वार बनाए गए हैं.
पूरे धाम क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और उनकी निगरानी के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है.
इस धाम के बनने के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर सीधे गंगा से जुड़ गया है. ऐसे में श्रद्धालु अब जलासेन, मणिकर्णिका और ललिता घाट पर गंगा स्नान करके सीधे बाबा विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर सकेंगे.
काशी विश्वनाथ धाम में 3 यात्री सुविधा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें श्रद्धालु अपना सामान रखने के साथ वहां बैठकर आराम कर सकेंगे.
श्रद्धालुओं के लिए यहां बाबा भोलनाथ की भोगशाला भी स्थापित की गई है, जहां 150 श्रद्धालु एक साथ बैठकर बाबा विश्वनाथ का प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे.
काशी विश्वनाथ धाम में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा से लेकर एंबुलेंस तक की व्यवस्था रहेगी.
विश्वनाथ धाम में महाश्मशान मणिकर्णिका से महज 100 कदम की दूरी पर मुमुक्षु भवन बनाया गया है.
काशी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विश्वनाथ धाम में योग और ध्यान केंद्र के रूप में एक वैदिक केंद्र स्थापित किया गया है.
यहां दिव्यांगों और बुजुर्गों के आने-जाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. रैंप और ऐस्कलेटर की अत्याधुनिक सुविधा धाम में उपलब्ध है.
बाबा विश्वनाथ धाम में महादेव के प्रिय रुद्राक्ष, बेल, पारिजात के पौधों के साथ ही तरह-तरह के फूल धाम परिसर में लगाए जा रहे हैं.

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