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जयपुर जिला प्रशासन ने शहर में बढ़ते कोरोना केसों को लेकर जताई चिंता

जयपुर शहर में बढ़ते कोरोना केसों के साथ ही जयपुर जिला प्रशासन एक्टिव मोड पर आ गया है. जयपुर जिला प्रभारी सचिव सुधांश पंत ने बढ़ते कोरोना केसों की संख्या को देखते हुए चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि जयपुर शहर में संक्रमण की दर 12 फीसदी पहुंच गई है जो की चिंता का विषय है. लोग इसे माइल्ड ले रहे हैं लेकिन हमें सख्ती करना जरूरी है. दूसरी तरफ वैक्सीनेशन और सेम्पलिंग कम होने पर नाराजगी जताई.

उन्होंने पुलिस, जिला प्रशासन, जेडीए, नगर निगम, हेल्थ डिपार्टमेंट, रेलवे, रोडवेज सहित अस्पतालों में स्थिति को लेकर फीडबैक लिया. कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बैठक में बताया कि अभी अस्पतालों में सिर्फ ओमिकॉन के मरीजों को आइसोलेट किया जा रहा है.

बढ़ती गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू-वेंटीलेटर बैड कोविड पेशेंट के लिए आरक्षित करेगा. 40 फीसदी बैड्स पर मरीज आने के साथ ही लॉकडाउन लगना चाहिए. क्योंकि पिछले दूसरी लहर में भी इस तरह के हालात पैदा हो गए थे.

इस पर प्रभारी सचिव पंत ने कहा कि दूसरी लहर भी बहुत तेजी के साथ आई थी इसलिए हमें 20 फीसदी बैड पर मरीजों की संख्या आने के साथ ही तैयारी रखनी होगी. पुलिस के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा की कोविड पेंशेंट जहां आ रहे हैं वहां पर कंटनमेंट जोन घोषित किए जा रहे हैं.

घर पर आइलोशन मरीजों को वीडियो कॉलिंग के जरिए निगरानी रखी जा रही है. रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिदिन 70 हजार लोगों का रेलवे स्टेशन पर आगमन रहता है. ऐसे में जांच के लिए राउंड द क्लॉक टीमें तैनात होनी चाहिए.

पंत ने कहा कि नगर निगम, पुलिस की टीमें गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों के चालान काटे. सभी अस्पतालों में कोविड के केसों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर श्रेणी के बैड की उपलब्धता बढ़ाने के निर्देश देते हुए उनके साथ मानव संसाधन और लॉजिस्टिक्स जैसे दवा,

चिकित्सा में उपयोग होने वाली वस्तुएं, आईसीयू आदि भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के लिए कहा है. साथ ही सभी अस्पतालों को उनके यहां बैड की उपलब्धता का डाटा प्रतिदिन वेबसाइट पर अपडेट करने के निर्देश भी दिए हैं.

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