साहित्य

कांग्रेस ने कहा, जांच एजेंसियों को निरंकुश शक्तियों के मिलने से लोकतंत्र को खतरा

 नई दिल्ली, एजेंसी। ईडी में निहित शक्तियों को सुप्रीम कोर्ट का समर्थन मिलने के अगले ही दिन कांग्रेस ने कहा कि जांच एजेंसियों को निरंकुश शक्ति मिलने से लोकतंत्र के लिए विनाशकारी परिस्थितियां उत्पन्न होना तय है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का सर्वाधिक सम्मान करती है। लेकिन ऐसा लगता है कि अदालत ने पिछले आठ सालों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लगातार गिने-चुने लोगों को निशाना बनाने और किसी मकसद से प्रेरित होकर काम करने की प्रवृत्ति नजर नहीं आई है।

सिंघवी का आरोप, ईडी भाजपा के एक्सटेंशन के तौर पर काम कर रही

 

सिंघवी ने आरोप लगाया कि ईडी एक तरह से सत्तारूढ़ दल के एक्सटेंशन के तौर पर काम कर रही है। ईडी को हथियार बनाकर भाजपा विपक्ष का दमन कर रही है। उसे नुकसान पहुंचाकर नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने संसद में पेश आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ईडी ने 2004-2014 के बीच 112 छापे मारे हैं जबकि 2014-2022 के बीच तीन हजार से अधिक छापेमारी की हैं। सभी केस विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ हैं। सत्तारूढ़ दल के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जांच नहीं हो रही है। लेकिन जैसे ही विपक्षी नेता सत्तारूढ़ दल की ओर झुकाव दिखाता है, उसके खिलाफ सभी मामले ठंडे बस्ते में चले जाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजनीतिकरण न करें : भाजपा

 

सुप्रीम कोर्ट के धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विभिन्न प्रविधानों की वैधता पर अपनी स्वीकृति देने पर भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि पीएमएलए को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। कोहली ने कहा कि इस फैसले को लेकर बहस रुकनी चाहिए। यह मामला अधिनियम की कानूनी वैधता का था। मनी लांड्रिंग रोधी इस एक्ट को एक बहुत स्पष्ट कारण से बनाया गया है। इसके मुताबिक कानून के ऊपर कोई नहीं है। फिर चाहे वह काला धन हो या काले धन से अर्जित संपत्ति हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

 

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