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पांचवें चरण में 14 लोकसभा सीटों पर सफलतापूर्वक मतदान संपन्न

आशुतोष चतुर्वेदी, सहायक संपादक। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में आज 14 निर्वाचन क्षेत्रों में सफलतापूर्वक मतदान संपन्न हुआ। इनमें मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा शामिल हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, मतदाताओं ने भारी संख्या में मतदान कर 144 उम्मीदवारों, जिनमें 13 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं, का भविष्य तय किया।

मतदान प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय

मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला। 17,128 मतदान केंद्रों में 28,688 मतदान बूथों पर मतदान हुआ। इनमें से 4,232 बूथों को संवेदनशील घोषित किया गया था, जिसके लिए अतिरिक्त सावधानियां बरती गईं। सुरक्षा व्यवस्था में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, स्थानीय पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया दलों की तैनाती शामिल थी, ताकि मतदाता निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

मतदाता भागीदारी और मतदान प्रतिशत

इस चरण में कुल 2.71 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे। दोपहर तक कई मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोग मतदान करते हुए देखे गए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भारी संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचे, जिससे उच्च स्तर की मतदाता भागीदारी और उत्साह दिखाई दिया।

प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों से मुख्य बातें

लखनऊ

राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करते देखे गए, जिसमें प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने भी सुबह-सुबह अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में प्रमुख दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। लखनऊ में मतदान प्रक्रिया सुचारू रही और मतदाताओं ने चुनाव आयोग द्वारा की गई व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया।

रायबरेली और अमेठी

कांग्रेस पार्टी के पारंपरिक गढ़ रायबरेली और अमेठी पर सभी की निगाहें टिकी थीं। रायबरेली में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वोट डाला और नागरिकों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की। अमेठी में राहुल गांधी के क्षेत्र में, बीजेपी ने मजबूत उम्मीदवार उतारा था, जिससे मुकाबला कड़ा हो गया। दोनों क्षेत्रों में शांति पूर्ण मतदान हुआ और मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

झांसी और जालौन

बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी और जालौन में भी भारी मतदान हुआ। इन क्षेत्रों में, जो जल संकट और विकास से संबंधित मुद्दों से ग्रस्त हैं, मतदाता बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचे, यह उम्मीद करते हुए कि उनके सामाजिक-आर्थिक हालात में सुधार होगा। इन निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान बूथों पर कड़ी निगरानी रखी गई।

महिला उम्मीदवारों का प्रभाव

इस चरण में 13 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिससे चुनावी मुकाबला और दिलचस्प हो गया। प्रमुख राजनीतिक दलों से जुड़ी महिला उम्मीदवारों ने जोरदार चुनाव प्रचार किया, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। बाराबंकी और फैजाबाद जैसे क्षेत्रों में महिला उम्मीदवारों को महिला मतदाताओं का अच्छा समर्थन मिला।

संवेदनशील मतदान बूथ और मतदाता सुरक्षा

4,232 संवेदनशील मतदान बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए थे। निगरानी कैमरे, त्वरित प्रतिक्रिया दल और सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई गश्त से यह सुनिश्चित किया गया कि मतदान बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। ये उपाय विशेष रूप से उन क्षेत्रों में प्रभावी साबित हुए जहां चुनावी हिंसा या कदाचार का इतिहास रहा है।

मतदाता भावनाएं और मुद्दे

14 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं ने विभिन्न भावनाओं और मुद्दों के आधार पर मतदान किया। प्रमुख मुद्दों में विकास, रोजगार, ग्रामीण बुनियादी ढांचा और राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल थे। हमीरपुर और बांदा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि नीतियों और जल प्रबंधन पर जोर दिया गया, जबकि लखनऊ जैसे शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं ने शहरी विकास, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा को प्राथमिकता दी।

तकनीकी का उपयोग

चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ-साथ वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपैट) का उपयोग किया गया ताकि मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, चुनाव आयोग के मोबाइल ऐप ने वास्तविक समय में मतदान प्रतिशत और चुनाव संबंधी खबरों को अपडेट करके मतदाताओं को सूचित और संलग्न रखने में मदद की।

पर्यवेक्षक और प्रतिक्रिया

दिन भर चुनाव पर्यवेक्षकों ने मतदान प्रक्रिया की निगरानी की और चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के पालन को सुनिश्चित किया। मतदाताओं से प्राप्त प्रतिक्रिया सकारात्मक रही, और कई लोगों ने मतदान प्रक्रिया की दक्षता और इसे सुलभ और परेशानी मुक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की। कुछ क्षेत्रों में ईवीएम में मामूली तकनीकी खामियों की रिपोर्टें आईं, लेकिन अधिकारियों ने इन समस्याओं का त्वरित समाधान कर दिया, जिससे मतदान प्रक्रिया में कोई बड़ी बाधा नहीं आई।

निष्कर्ष

पांचवें चरण में मतदान का सफल आयोजन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम था। भारी मतदाता भागीदारी और चुनाव प्रक्रिया के कुशल प्रबंधन ने राष्ट्र के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की मतदाताओं और चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। दिन के अंत में, अब ध्यान मतगणना और परिणामों की घोषणा पर है, जो इन महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों के राजनीतिक परिदृश्य को निर्धारित करेंगे।

पांचवें चरण की सुचारू कार्यवाही ने भारत की चुनाव प्रणाली की मजबूती और लचीलेपन को साबित किया, जिससे लोकसभा चुनाव के शेष चरणों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित हुआ।

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