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विदेशों से जुड़ा है कनेक्शन, नोटबंदी के डेढ़ साल बाद भी चल रहे हैं पुराने 500 व 1000 के नोट !

देश में नोटबंदी को लागू हुए डेढ़ साल से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन प्रतिबंधित पुराने खासकर 100, 500 और 1000 के नोटों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में 10 ऐसे शातिर लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो भारत से नेपाल ले जाकर पुराने नोट बदले जाने का गोरखधंधा करते थे। इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था। गाजियाबाद में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए सभी शातिर तथाकथित व्यापारी हैं। ये शातिर पुराने नोटों को बदलने का काम चेन में करते थे और लंबे समय से इस काम अंजाम दे रहे थे। 

यूपी के गाजियाबाद से एक करोड़ के पुराने नोट बरामद, जुड़ा नेपाल से लिंक

यहां पर बता दें कि गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने दो कारों से एक करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी बरामद की है। पुलिस ने मौके से 10 लोगों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक करोड़ की पुरानी करेंसी, दो कार, आठ मोबाइल फोन व एक हजार रुपये मूल्य की वैध करेंसी (पांच सौ रुपये का एक नया नोट व सौ रुपये के पांच नोट) बरामद की है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को नेपाल के ऐसे कुछ कसीनो के नाम भी पता चले हैं। पुलिस की मानें तो पुराने नोट बदलने का यह पूरा खेल दो चरणों में चल रहा है। पहला चरण भारत से इन्हें नेपाल पहुंचाने का है, जिसमें एक फीसद कमीशन पर काम होता है।

नेपाल में धड़ल्ले हो रहा पुराने नोटों का इस्तेमाल

जानकारों की मानें तो पुराने भारतीय नोट बदलने के लिए नेपाल में किसी एजेंट को तलाशने की ज़रूरत नहीं है। नेपाल के कसीनो में अभी 500 और 1000 के पुराने नोटों का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। ऐसे में भारतीय पर्यटक नेपाल के कसीनो में इन नोटों के साथ जाते हैं और वहां 500 का नया नोट देने पर 800 नेपाली नोट और 500 का पुराना नोट देने पर 400 नेपाली नोट मिल जाते हैं। यही वजह है कि कसीनो और डांस बार में पुरानी भारतीय करेंसी को आसानी से बदला जा सकता है। 

नेपाल में 2 फीसद कमीशन पर बदले जाते हैं 100, 500 व 1000 के पुराने नोट

गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इनकी गिरफ्तारी की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भी दे दी गई है। पुलिस को जांच में पता चला है कि नेपाल में कसीनो के अंदर भारत में बंद कर दिए गए पुराने नोटों को बदलने का धंधा चल रहा है।

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह इस रकम को नेपाल लेकर जा रहे थे। उन्होंने वहां यह रकम खपानी थी और इसके बदले उन्हें नई करेंसी मिलनी थी। करेंसी बदलने की एवज में उन्हें एक से दो फीसद का कमीशन मिलना था। आरोपितों के पकड़े जाने के बाद पुलिस, आयकर विभाग समेत अन्य जांच एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हुई हैं।

पुलिस के हत्थे चढ़े 10 लोग

मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि पकड़े गए आरोपित मालवीय नगर दिल्ली निवासी अरुण गुप्ता, रोहिणी दिल्ली निवासी अवतार सिंह, गौरव गर्ग, पलवल हरियाणा निवासी राजेश कुमार उर्फ मंत्री, सेक्टर 23 संजयनगर निवासी पिंटू, कविनगर निवासी राहुल कुमार, मथुरा निवासी दीपक, मेरठ निवासी राहुल, काव्य व सचिन कुमार हैं।

उन्होंने बताया कि अरुण गुप्ता मुख्य आरोपित है और वह दिल्ली में फाइनेंस का काम करता है। बाकी सभी आरोपित प्रॉपर्टी डीलिंग व छोटी-मोटी नौकरी करते हैं। एसएसपी ने बताया कि सभी आरोपितों को कविनगर सी ब्लॉक कट से चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। आरोपित यहां किसी से मिलने के लिए आए थे। आरोपितों दीपक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि यह रकम अरुण गुप्ता की है। दीपक की जिम्मेदारी रकम लाने ले जाने की रहती है और इसकी एवज में उसे एक से दो फीसद कमीशन मिलता है।

अरुण गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि यह रकम उसे आगरा निवासी किसी यादव नामक व्यक्ति ने दी थी। यादव से उसे ग्रेटर नोएडा निवासी अनिल दीक्षित ने मिलवाया था। अनिल दीक्षित ने अरुण को बताया था कि उसके पास अभी दो सौ करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी है। सभी काला धन तस्करी से नेपाल लेकर जाना है। नेपाल जाकर किस तरह से इस करेंसी का इस्तेमाल होता इस बारे में आरोपित नहीं बता पाए।

आरोपितों ने पुलिस को बताया कि नेपाल जाने के बाद उन्हें यह रकम कहां छोड़नी है, इसका पता लगाता। पुलिस इस मामले में यादव व अनिल दीक्षित की तलाश कर रही है। वहीं मामले की जांच में पुलिस समेत आयकर विभाग व अन्य एजेंसियां जुट गई हैं। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स एक्ट व प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

पुराने नोट रखना गुनाह, हो सकती है सजा

देश में पुराने नोट लेना रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) काफी समय पहले ही बंद कर चुका है। पुराने नोट रखना भी गुनाह है। जब ऐसे नोट चलन में ही नहीं हैं तो पुराने नोट रखने पर जेल भी हो सकती है। इसके बावजूद लोग पुराने नोट एक्सचेंट करने के काम में लगे हैं। जाहिर है इसमें नेपाल में ऐसे शातिरों के लिए जुगाड़ है, जहां वे कमीशन लेकर नोट बदल रहे हैं। 

भारत-नेपाल में समझौता नहीं होने से हो रही गड़बड़ी

यहां पर बता दें कि पुराने नोटों को बदलने के लिए नेपाल के बैंकों और नेपाल सरकार से होने जा रहा समझौता लगातार टला रहा है। अब जबकि नोटबंदी को डेढ़ साल से भी ज्यादा हो गया है, लेकिन अब तक नेपाल में चल रहे नोट बदलने पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। यही वजह थी कि नेपाल सरकार ने भारत के नए 2000 और 500 के नोटों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। 

यहां पर बता दें कि नेपाली मार्केट से कितने रुपये रिजर्व बैंक के पास आने हैं, यह भी तय नहीं हुआ है। यह भी तय है कि जब भी ये रकम आएगी तब सारी करेंसी RBI को लेनी होगी जो नेपाल देगा। यह सबसे बड़ी वजह है, जिससे नेपाल में अब भी भारतीय रुपये बेधड़क चल रहे हैं। इसमें दोनों देशों के शातिर लगे हैं। 

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