ध्ययन में खुलासा: दिल्ली-NCR की खराब सड़कें काट रहीं आपकी जेब
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की खराब सड़कें आपकी जेब काट रही हैं। इन सड़कों पर गाड़ी चलाने में प्रति किलोमीटर एक रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं। पीसीआरए और सीआरआरआई की ओर से किए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) की ओर से सड़कों पर पेट्रोल की खपत को लेकर किए अध्ययन में पता चला है कि खराब सड़कों के चलते ईंधन की खपत बढ़ जाती है। अगर केवल सड़कों की गुणवत्ता को सुधार लिया जाए तो हर किलोमीटर पर प्रत्येक गाड़ी एक रुपये की बचत हो सकती है। गाड़ियों की रफ्तार का असर उसके माइलेज पर भी पड़ता है। हैचबैक गाड़ियों के मुकाबले एसयूवी गाड़ियों के माइलेज पर खराब सड़कें ज्यादा असर डालती हैं। इनकी माइलेज तीन गुना तक घट सकती है।
50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर माइलेज
कार मॉडल | गुरुग्राम एक्सप्रेस वे | यमुना एक्सप्रेस वे | नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस वे | फरीदाबाद | राजघाट आईएसबीटी |
हैचबैक | 25.9 | 23.62 | 23.43 | 17.64 | 21.12 |
एसयूवी | 15.30 | 15.30 | 14.70 | 5.83 | 12.93 |
इन जगहों पर अध्ययन किया
सीआरआरआई के यातायात विभाग के प्रमुख डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि अध्ययन में पांच सड़कों को लिया गया था। तीन एक्सप्रेस वे के साथ दो आंतरिक सड़कें थी। इसमे यमुना एक्सप्रेस वे, नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस वे, गुरुग्राम एक्सप्रेस वे, राजघाट से आईएसबीटी वाली सड़क और फरीदाबाद में आईपी कॉलोनी से चंदावली वाली सड़क को शामिल किया गया था। अध्ययन के दौरान सड़कों का तीस फीसदी हिस्सा खराब श्रेणी में मिला। एनसीआर के शहरों में यह हिस्सा और बढ़ सकता है। खराब सड़कों के चलते ज्यादा पेट्रोल खर्च होता है, जिससे पर्यावरण पर भी असर पड़ता है।
यह मानक अपनाए गए
सड़कों के रफनेस इडेंक्स के आधार पर खपत निकाली गई। रफनेस इडेक्स 2.8 होने पर सड़क अच्छी है। इसका इंडेक्स 2.8 से 4 के बीच होने पर इसे संतोषजनक माना गया और 4 से ज्यादा होने पर यह खराब श्रेणी में थी। तीस फीसदी हिस्से पर रफनेस इंडेक्स 4 से ऊपर था।
ईंधन खपत 46 फीसदी तक बढ़ जाती है
रिपोर्ट में बताया गया है कि रफ्तार कम होने पर ईंधन की खपत बढ़ जाती है। पचास किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सबसे ज्यादा माइलेज पाया गया। उसी गाड़ी को उसी सड़क पर बीस किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाने पर ईंधन की खपत 46 फीसदी तक बढ़ गई। डॉ. रविंद्र कुमार बताते हैं कि इससे जाम से ईंधन की खपत का पता चलता है। रफ्तार कम होने पर गाड़ी ज्यादा ईंधन खाने लगती है।