दिल्ली एनसीआर

दूसरे राज्यों के लिए भी बसें चलाएगी दिल्ली सरकार

दूसरे राज्यों को दिल्ली में अपनी बसों का प्रवेश कराने के लिए दिल्ली सरकार के साथ एग्रीमेंट (अनुबंध) करना होगा। एग्रीमेंट के तहत निर्धारित की गई संख्या के तहत ही दिल्ली में बसें प्रवेश कर सकेंगी। परिवहन विभाग एग्रीमेंट की अनिवार्यता को लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसी के साथ दिल्ली सरकार अंतरराज्यीय रूटों पर अपनी बस सेवा शुरू करने की भी तैयारी कर रही है।

दिल्ली सरकार इस प्रयास में है कि जब दूसरे राज्यों की डीजल बसें दिल्ली में प्रवेश कर रही हैं तो उसी आधार पर उसकी डीजल की बसों को भी अंतरराज्यीय रूटों पर अनुमति मिले। सरकार की योजना के तहत दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों को भी चंडीगढ़, जयपुर, देहरादून व लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ा जाएगा।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में इसे लेकर कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। फिलहाल डीटीसी के बसें दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और उत्तर प्रदेश के नोएडा व गाजियाबाद तक ही चल रही हैं। लेकिन, दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में आ रही बसों को देखते हुए अब डीटीसी भी प्रमुख शहरों के बीच अपनी बसें चलाएगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली को दूसरे राज्यों के प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए परिवहन विभाग दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरराज्यीय रूटों पर डीजल से बसों को चलाने की मंजूरी मांगेगा। सीएनजी पंप की कमी की वजह से अंतरराज्यीय रूटों पर सीएनजी वाली बसों को चलाने में परेशानी महसूस कर रहा है।

बाहरी राज्यों से दिल्ली आने वाली रोडवेज की बसों के लिए वर्तमान में कोई एग्रीमेंट नहीं है। मनमानी संख्या में बसें दिल्ली आती हैं, लेकिन एग्रीमेंट की अनिवार्यता लागू होने पर परमिट पर काउंटर साइन भी करना होगा। इससे बाहरी राज्यों से आने वाली बसों की संख्या को भी निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

हजारों की संख्या में आ रही बसें दिल्ली में तीन अंतरराज्यीय बस अड्डे हैं। इनमें कश्मीरी गेट, सरायकाले खां व आनंद विहार शामिल हैं। तीनों बस अड्डों को मिला लें तो उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान आदि की हजारों की संख्या में डीजल की बसें आ रही हैं। जबकि डीटीसी की एनसीआर को छोडृकर दूसरे राज्यों में जाने की सेवा ठप हो चुकी है।

2004 के बाद से शुरू हुआ परिचालन डीटीसी के बेड़े में वर्ष 2004 के बाद से सीएनजी चालित बसों का परिचालन शुरू हुआ। धीरे-धीरे डीजल बसें कम होती गईं। दिल्ली के बाहर उस समय सीएनजी की उपलब्धता नहीं थी। सीएनजी पंप उपलब्ध नहीं होने पर एनसीआर के आगे के अंतरराज्यीय रूट को बंद कर दिया गया। अब जयपुर, शिमला, देहरादून, लखनऊ, आगरा, हरिद्वार, मेरठ व चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों के बीच बसें चलाने की योजना है।

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