सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक कानून की वैधता को चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा।

सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक कानून की वैधता को चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस मामले पर चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है । याचिका में कहा गया है कि तीन तलाक कानून असंवैधानिक है।
सलमान खुर्शीद ने कहा:
याचिकाकर्ता के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस कानून की वैधता को परखा जाए। इसमें मुस्लिम पुरुषों को तीन साल तक की सजा समेत अन्य प्रावधान सही नहीं हैं। इस पर जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने सरकार को नोटिस जारी किया।
आरोपी पुरुष को तीन साल तक की सजा का प्रावधान:
तीन तलाक बिल 30 जुलाई को राज्यसभा में पास हो गया था। राज्यसभा में वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े। बिल 25 जुलाई को लोकसभा से पास हो चुका था। इसके अगले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक बिल को मंजूरी भी दे दी थी। तीन तलाक कानून के तहत दोषी पुरुष को 3 साल की सजा सुनाई जा सकती है। साथ ही पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे-भत्ते की मांग भी कर सकती हैं।