ED मामले में चिदंबरम को सोमवार तक रहना होगा CBI कस्टडी में
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर INX मीडिया मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई की.
बुधवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए चिदंबरम ने हाईकोर्ट के 20 अगस्त वाले फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अब अदालत इस मामले की सुनवाई सोमवार को करेगी. ऐसे में चिदंबरम को अपनी रिमांड की अवधि पूरी करनी होगी. इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि चिदंबरम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई दोनों के मामले की सुनवाई करेगा. शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय के मामले में सोमवार तक गिरफ्तारी से राहत दे दी है लेकिन सीबीआई वाले मामले में कोई राहत नहीं दी गयी है |
चार दिनों की हिरासत की अनुमति:
दिल्ली की अदालत ने गुरुवार के दिन सीबीआई को चिदंबरम को लेकर चार दिनों की हिरासत की अनुमति दे दी. सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को संरक्षण पाने में विफल रहने के बाद कांग्रेस नेता को गिरफ्तार कर लिया गया था. शुक्रवार को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई हुई. उनकी याचिका पर जस्टिस आर भानुमति और एएस बोपन्ना की पीठ ने शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई. बुधवार को शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार ने चिदंबरम के वकीलों को सूचित किया था कि भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है.
20 अगस्त के फैसले पर रोक लगाने की मांग :
2004-2014 से यूपीए सरकार में गृह मंत्री और वित्त मंत्री रहे चिदंबरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसमें आईएनएक्स से जुड़े मामलों में उनकी गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त करते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए हैं. बुधवार को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. चिदंबरम की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए बुधवार को उनके वकीलों द्वारा बार-बार प्रयास किए गए थे, लेकिन सीजेआई ने फैसला किया कि इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की याचिका पर मौखिक उल्लेख करते हुए मामले की सुनवाई के लिए यह कहते हुए विरोध किया था कि कागजात उनके पास नहीं हैं. 20 अगस्त को चिदंबरम को एक बड़ा झटका लगा था जब उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में उनकी अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया था.