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करतारपुर जाने वाले भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए जरूरी सूचना

पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब में कॉरिडोर के रास्ते दर्शन करने जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट जरूरी होगा, गुरुवार को पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने यह बयान दिया है। पाकिस्तान की तरफ आया यह बयान इस मुद्दे पर उसका यू टर्न माना जा रहा था। पहली नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि बिना पासपोर्ट के ही भारतीय तीर्थ यात्रियों को करतारपुर में दर्शन करने की अनुमती दी जाएगी, लेकिन अब पाकिस्तान सेना ने इमरान खान के फैसले को पलट साफ कर दिया है कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट जरूरी होगा।

इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक गफूर ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश प्रक्रिया पासपोर्ट-आधारित पहचान के तहत होगी। सुरक्षा या संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से लोकप्रिय करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के वहां जा सकते हैं। गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का पवित्र धर्मस्थल है, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 18 साल बिताए थे और वहीं अपने प्राण त्यागे थे। इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती को यादगार बनाने को लेकर इस कॉरिडोर की स्थापना की गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्विटर पर करतारपुर कॉरिडोर के पूरे होने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने आगंतुकों को अपने साथ पहचान पत्र के तौर पर पासपोर्ट लाने और पूर्व पंजीकरण में छूट देने की बात कही थी। वहीं पाकिस्तान सरकार ने भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर कॉरिडोर में प्रवेश करने के लिए 20 डॉलर के प्रवेश शुल्क से भी राहत प्रदान की है।

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