Main Slideउत्तर प्रदेशप्रदेश

योगी सरकार विभागों के पुनर्गठन पर आगे बढ़ी…

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित समिति ने सचिवालय स्तर पर राज्य सरकार के विभागों की संख्या को 95 से घटाकर 57 करने की सिफारिश की है। समिति ने जहां 31 विभागों का स्वरूप यथावत बनाये रखने का सुझाव दिया है, वहीं महकमों के प्रस्तावित विलय के बाद 24 नए विभाग सृजित करने की संस्तुति की है। दो विभागों के क्षेत्राधिकार को कम करने की सिफारिश की गई है। समिति ने शासन स्तर पर आयुक्त के तीन मौजूदा पदों के अलावा तीन नए पद का गठन प्रस्तावित किया है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने विभागों के पुनर्गठन के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया। समिति ने एक तरह का कार्य करने वाले विभागों को एक छतरी के नीचे लाते हुए 24 नए विभाग के सृजन की सिफारिश की है। रिपोर्ट में श्रम और खाद्य एवं रसद विभाग के क्षेत्राधिकार में कटौती करने की सिफारिश की गई है। वहीं शासन स्तर पर शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त और राजस्व संसाधन आयुक्त के तीन नए पद प्रस्तावित किये गए हैं। अभी शासन स्तर पर समाज कल्याण आयुक्त, कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त के पद सृजित हैं।

बैठक में यह सुझाव भी आया कि बेसिक और माध्यमिक शिक्षा जैसे विभाग अलग-अलग ही रखे जाएं लेकिन फिर इन्हें एक छतरी के नीचे लाने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने प्रस्तुतीकरण देखने के बाद समिति को रिपोर्ट का पुनरावलोकन करने और इसमें कुछ संशोधन करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों को समाहित करते हुए एक हफ्ते में फिर इस मुद्दे पर बैठक हो सकती हैं। नीति आयोग की पहल पर शुरू हुई विभागों के पुनर्गठन की इस कवायद पर निचले स्तर के राज्य कर्मचारियों से लेकर सरकार के मंत्रियों तक की निगाहें लगी हैं। सरकार भी इस मामले में बेहद गोपनीयता बरत रही है।

विभाग जिन्हें यथावत बनाये रखने की सिफारिश की गई

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सहकारिता, सिंचाई एवं जल संसाधन, राजस्व, भूतत्व एवं खनिकर्म, लोक निर्माण, परिवहन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण, समाज कल्याण, आयुष, चिकित्सा शिक्षा, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, वित्त, स्टांप एवं पंजीकरण, सूचना, आबकारी, सतर्कता, सार्वजनिक उद्यम, कारागार प्रशासन एवं सुधार, निर्वाचन, सचिवालय प्रशासन, न्याय, संसदीय कार्य, विधायी, विधान परिषद सचिवालय, विधान सभा सचिवालय, मुख्यमंत्री कार्यालय।

इन विभागों का क्षेत्राधिकार कम करने की संस्तुति

श्रम : सेवायोजन को इससे अलग करते हुए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास में शामिल करना।

खाद्य एवं रसद : उपभोक्ता संरक्षण तथा बाट एवं माप को अलग करते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में शामिल करना।

विलय की वजह से प्रस्तावित 24 नए विभाग

-कृषि, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, समन्वय

-उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, रेशम विकास

-लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, परती भूमि विकास

-पशुधन, मत्स्य, दुग्ध विकास

-वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण

-ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, पंचायती राज

-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग

-अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निजी पूंजी निवेश, एनआरआइ, मुद्रण एवं लेखन सामग्री

-आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

-ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत

-राज्य संपत्ति, नागरिक उड्डयन, प्रोटोकॉल

-नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, आवास एवं शहरी नियोजन

-खेलकूद, युवा कल्याण

-व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, सेवायोजन

-पर्यटन, संस्कृति, भाषा, धर्मार्थ कार्य

-खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उपभोक्ता संरक्षण तथा बांट एवं माप

-महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार

-संस्थागत वित्त एवं बैंकिंग, वाह्य सहायतित परियोजना

-कर एवं निबंधन, मनोरंजन कर एवं बाजीकर, वाणिज्य कर

-गृह, गोपन

-होमगार्ड्स तथा नागरिक सुरक्षा, राजनीतिक पेंशन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रकोष्ठ

-सामान्य प्रशासन, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय, प्रशासनिक सुधार, लोक सेवा प्रबंधन, राष्ट्रीय एकीकरण

-कार्मिक, नियुक्ति

-नियोजन, कार्यक्रम कार्यान्वयन

प्रस्तावित आयुक्त का क्षेत्राधिकार

शिक्षा आयुक्त : बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, खेलकूद एवं युवा कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, सेवायोजन।

स्वास्थ्य आयुक्त : चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उपभोक्ता संरक्षण तथा बांट एवं माप, आयुष, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार।

राजस्व संसाधन आयुक्त : भूतत्व एवं खनिकर्म, परिवहन, संस्थागत वित्त/बैंकिंग, वाह्मï सहायतित परियोजना, कर एवं निबंधन/मनोरंजन कर एवं बाजीकर/वाणिज्य कर, आबकारी।

Related Articles

Back to top button