LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशदेश

ऑनलाइन क्लास के लिए पूरी फीस लिए जाने के खिलाफ सुनवाई से SC ने किया मना

ऑनलाइन क्लास करवा के छात्रों से पूरी फीस वसूल रहे स्कूलों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. यह याचिका 8 राज्यों के अभिभावकों ने दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य की स्थिति अलग-अलग है. बेहतर हो कि अभिभावक अपने राज्य के हाई कोर्ट में मसला उठाएं.

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान और ओडिशा के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि ऑनलाइन क्लास नियमित स्कूल का विकल्प नहीं बन सकते. इस तरह कि पढ़ाई से छात्रों और अभिभावकों को काफी असुविधा हो रही है.

स्कूलों ने फीस वसूलने के नाम पर यह क्लास चला रखे हैं. याचिका में यह भी कहा गया था कि ऑनलाइन क्लास करवाने में नियमित स्कूल चलाने की तुलना में काफी कम खर्च होता है. लेकिन स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं. उसमें कोई रियायत नहीं दे रहे.

अभिभावकों की याचिका में यह मांग की गई थी कि स्कूलों को ऑनलाइन क्लास में आने वाले खर्च के हिसाब से ही फीस वसूलने के लिए कहा जाए. या फिलहाल छात्रों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जाए. मामला आज चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लगा. कोर्ट ने कहा कि अभिभावकों को अपने-अपने राज्य के हाई कोर्ट में जाना चाहिए था.

इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि अलग-अलग हाईकोर्ट ने अलग-अलग आदेश दिए हैं. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों की तरफ से तय फीस को मंजूरी दी है, तो उत्तराखंड हाई कोर्ट ने ऑनलाइन क्लास के लिए पूरी फीस लेने को गलत बताया है. इसलिए, हम दरख्वास्त कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले को देखे.

लेकिन चीफ जस्टिस ने इससे मना करते हुए कहा, हर राज्य में अलग-अलग स्थिति है. उसे देखते हुए वहां का हाई कोर्ट आदेश दे सकता है. अगर किसी को हाईकोर्ट के आदेश से समस्या हो, तो वो सुप्रीम कोर्ट आ सकता है. ऐसी याचिका में हम जरूर सुनवाई करेंगे. फिलहाल हमें नहीं लगता कि पूरे देश में लागू हो पाने वाला कोई एक आदेश दिया जा सकता है.

Related Articles

Back to top button