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आषाढ़ी अमावस्या पर चित्रकूट में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई परिक्रमा

आषाढ़ी अमावस्या पर आज धर्मनगरी चित्रकूट में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कल देर रात से ही लोगों का हुजूम यहां पहुंच रहा था। सुबह से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कामदगिरि परिक्रमा की शुरुआत की।आषाढ़ी अमावस्या पर आज धर्मनगरी चित्रकूट में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कल देर रात से ही लोगों का हुजूम यहां पहुंच रहा था। सुबह से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कामदगिरि परिक्रमा की शुरुआत की।   आषाढ़ी अमावस्या पर भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए कामदगिरि प्रथम द्वार मार्ग से सुरक्षा बल व नगर पंचायत के सफाई कर्मी भी मुस्तैदी से डटे रहे। श्रद्धालुओं के नारियल फोडऩे से जगह जगह कचरे के भारी ढेर लग गए हैं। इससे श्रद्धालुओं को परिक्रमा मार्ग में आवागमन में काफी दिक्कतें भी पेश आईं। माना जा रहा है कि आज देर शाम तक लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ परिक्रमा कर लेगी।  श्रद्धालुओं ने राम घाट पर मंदाकिनी में डुबकी लगाने के बाद चित्रकूट के महाराजाधिराज मत्य गयेन्द्र नाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद जय श्री राम की गूंज संग श्रद्धालुओं का रेला कामदगिरि परिक्रमा के लिए बढ़ा।     चित्रकूट में श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त, दो की मौत यह भी पढ़ें पंपापुर से सती अनुसुइया तक दिखे श्रद्धालु  कामदगिरि परिक्रमा पूरी करने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान राम के वनवास काल मे समय बिताने वाले स्थलों पंपापुर, हनुमान धारा, सती अनुसुइया तक भी दर्शन करने गए। इससे हर जगह भीड़ दिखाई पड़ी।   वायरल आडियो से खलबली: चित्रकूट में तीस हजार दो, छूट जाएंगे बालू लदे ट्रक यह भी पढ़ें अमावस्या का विशेष महत्व  कामदगिरि परिक्रमा का अमावस्या पर विशेष महत्व होता है। यह सदियों से परंपरा चली आ रही है। इसमें आषाढ़ी, श्रावणी व दीपावली अमावस्या पर लाखों लोग आते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम खुद भक्तों पर कृपा करने के लिए मौजूद रहते हैं।

आषाढ़ी अमावस्या पर भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए कामदगिरि प्रथम द्वार मार्ग से सुरक्षा बल व नगर पंचायत के सफाई कर्मी भी मुस्तैदी से डटे रहे। श्रद्धालुओं के नारियल फोडऩे से जगह जगह कचरे के भारी ढेर लग गए हैं। इससे श्रद्धालुओं को परिक्रमा मार्ग में आवागमन में काफी दिक्कतें भी पेश आईं। माना जा रहा है कि आज देर शाम तक लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ परिक्रमा कर लेगी।

श्रद्धालुओं ने राम घाट पर मंदाकिनी में डुबकी लगाने के बाद चित्रकूट के महाराजाधिराज मत्य गयेन्द्र नाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद जय श्री राम की गूंज संग श्रद्धालुओं का रेला कामदगिरि परिक्रमा के लिए बढ़ा।

पंपापुर से सती अनुसुइया तक दिखे श्रद्धालु

कामदगिरि परिक्रमा पूरी करने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान राम के वनवास काल मे समय बिताने वाले स्थलों पंपापुर, हनुमान धारा, सती अनुसुइया तक भी दर्शन करने गए। इससे हर जगह भीड़ दिखाई पड़ी।

अमावस्या का विशेष महत्व

कामदगिरि परिक्रमा का अमावस्या पर विशेष महत्व होता है। यह सदियों से परंपरा चली आ रही है। इसमें आषाढ़ी, श्रावणी व दीपावली अमावस्या पर लाखों लोग आते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम खुद भक्तों पर कृपा करने के लिए मौजूद रहते हैं।

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