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ICMR ने किया कोरोना वायरस को लेकर बड़ा बयान कहा की स्थिति नहीं गंभीर,चिंता की कोई बात नहीं

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव का कहना है कि भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर नहीं है, संक्रमण का बढ़ना चिंता का विषय नहीं है.

भार्गव ने कहा, अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी कोरोना संक्रमण चरम पर था, फिर वहां धीरे-धीरे कमी आने लगी और अब वहां संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है. उन्होंने कहा कि हमने इससे सीख ली है और ऐसा प्रबंधन किया जिससे हमारे यहां कोरोना के चलते अधिक संख्या में मौतें नहीं हुईं.

लराम भार्गव ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर किए गए नियंत्रित परीक्षण से सामने आया है कि प्लाज्मा थेरेपी मौत के मामलों को कम करने या मध्यम से गंभीर बीमारी की प्रगति को रोकने में मददगार नहीं है. इस परीक्षण में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 25 जिलों के 39 अस्पतालों में 464 मरीज शामिल रहे.

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भार्गव ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग 100 सालों से भी अधिक समय से किसी न किसी रूप में वायरस संक्रमणों के लिए किया जा रहा है. इबोला वायरस के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया गया था और कोविड-19 महामारी के बीच भी इसका इस्तेमाल किया गया. इसका फायदा है या नहीं इस बारे में अध्ययन किया जा रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को जानकारी दी कि आईसीएमआर और कैडिला हेल्थेयर लिमिटेड के साथ मिलकर भारत बॉयोटेक द्वारा किए गए पहले चरण के परीक्षण में खुलासा हुआ है कि स्वदेशी आधार पर विकसित किए गए इसके दो वैक्‍सीन सुरक्षा वाले हैं.

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राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में आईसीएमआर और निजी शोध केंद्रों द्वारा कोरोना के लिए क्लिनिकल ट्रायल की स्थिति का ब्‍यौरा देते हुए चौबे ने कहा कि उनके दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि सीरम इस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर ने दो वैश्विक वैक्सीन केंडिडेट्स के क्लिनिकल ट्रायल के लिए पार्टनरशिप की है

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