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नोटिस पर कंपनी ने दिल्ली सरकार से कहा- ‘तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को ही बंद कर दो’

कैंसर व टीबी की बीमारी की रोकथाम के लिए केंद्र व राज्य सरकारें तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम चला रही हैं पर तंबाकू लॉबी किस तरह हावी है इसका अंदाजा इस मामले से लगाया जा सकता है। सिगरेट के प्रचार-प्रसार व खुला सिगरेट बेचने के आरोप में दिल्ली राज्य तंबाकू नियंत्रण सेल ने एक नामचीन कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया तो कंपनी ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को ही बंद करने की नसीहत दे डाली। साथ ही अधिकारी के कार्रवाई करने के अधिकार पर भी सवाल खड़े कर दिए।

नोटिस मिलने पर सिगरेट उत्पादक कंपनी ने अतिरिक्त निदेशक को हड़काया

इस बाबत सेल के प्रभारी व दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एसके अरोड़ा ने दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कंपनी पर सरकारी कामकाज में दखल देने व हड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से उक्त कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है। पत्र में कहा गया है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो कंपनियों की दखलअंदाजी देश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को खत्म कर देगी। इससे देश को टीबी मुक्त करने व कैंसर की रोकथाम के लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा।

सेल ने कुछ सप्ताह पहले नेताजी सुभाष प्लेस में कार्रवाई की थी। इस दौरान वहां से कम गंध वाली सिगरेट का प्रचार-प्रसार करते व खुला सिगरेट बांटते कुछ लोगों को पकड़ा गया था। इसके बाद सेल ने सिगरेट उत्पादक कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सेल के मुताबिक, कोटपा (सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) के अनुसार तंबाकू उत्पादों का प्रचार-प्रसार गैर कानूनी है। क्योंकि इसके प्रचार-प्रसार से लोग नशे के प्रति आकर्षित होते हैं और तंबाकू सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

इसके अलावा खुला सिगरेट बेचना भी प्रतिबंधित है। क्योंकि सिगरेट पर चेतावनी संदेश नहीं होता। इसलिए सेल ने सिगरेट उत्पादक कंपनी को नोटिस जारी कर पूछा कि नियमों का उल्लंघन करने पर क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। नोटिस के जवाब में कंपनी ने आरोपों से इन्कार किया। सेल के प्रभारी डॉ. एसके अरोड़ा ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि कंपनी ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं है। यदि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो कोटपा कानून का सेक्शन 19 भी अधिकारी को बचा नहीं पाएगा।

ऐसे कैसे टीबी मुक्त होगा देश

देश में कैंसर के कुल 40 फीसद व मुंह के कैंसर के 90 फीसद मामलों का कारण तंबाकू है। यही नहीं, तंबाकू टीबी, हार्ट अटैक व लकवा जैसी बीमारियों का भी बड़ा कारण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। सिगरेट व तंबाकू उत्पादक कंपनियां यदि इसी तरह मनमानी करती रहीं तो बीमारियों पर अंकुश कैसे लगेगा? यह बड़ा सवाल है। 

यह है कोटपा का सेक्शन 19

यह कानून जनता के फायदे के लिए कोई कदम उठाने पर कानूनी कार्रवाई से अधिकारियों को बचाता है।

वहीं, डॉ. एसके अरोड़ा (प्रभारी, दिल्ली राज्य तंबाकू नियंत्रण सेल) का कहना है कि कंपनी का बयान व सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम में दखलअंदाजी अत्यंत आपत्तिनजक है। यदि केंद्र सरकार ने इस पर समय रहते कार्रवाई नहीं की तो तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों का हौसलापस्त हो जाएगा। 

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