EXCLUSIVE: उत्तर प्रदेश में हमने भ्रष्टाचार और माफिया की कमर तोड़ दी- योगी
उत्तर प्रदेश सरकार के सोलह महीने बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर वैसे हैं, जैसे कि सत्ता संभालने के वक्त थे। अपनी सरकार के कामकाज को लेकर वह आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं। विपक्ष के हर आरोपों का उनके पास स्पष्ट जवाब है। अब तक प्रदेश के सभी जिलों में जा चुके योगी कहते हैं कि बहुत कम समय में उनकी सरकार ने प्रदेश को सही रास्ते पर ला दिया है। माफिया की कमर तोड़ दी है और संस्थागत भ्रष्टाचार के लीकेज बंद हुए हैं।
कानून व्यवस्था सुधरी है और यही वजह है कि निवेशक प्रदेश में सोत्साह आने को आतुर हैं। सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरी है और केंद्रीय योजनाओं ने उन्हें सीधे तौर पर लाभ पहुंचाया है। वह कहते हैं कि लोगों का भाजपा सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है और विपक्ष के लोग चाहे जितने भी गठबंधन कर लें, भाजपा को हरा पाना मुश्किल है। जातिवादी, परिवारवादी और भारत विरोधी ताकतें पराजित होंगी। आने वाले चुनाव, राम मंदिर, पदोन्नतियों में आरक्षण और कई और ज्वलंत मुद्दों पर उन्होंने दैनिक जागरण वरिष्ठ कार्यकारी संपादक प्रशांत मिश्र और राज्य संपादक आशुतोष शुक्ल से लंबी बातचीत की–
- सबसे पहले चुनाव की बात। 2019 का चुनाव भाजपा क्यों जीते? खासकर यूपी में?
सरकार का बेहतरीन प्रदर्शन। केंद्र और राज्य की कल्याणकारी नीतियों ने लोगों के जीवन स्तर को उठाया है। विकास की नई योजनाओं ने भारत का चेहरा बदला है। भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। केंद्र और राज्य की योजनाओं से सबको लाभ हुआ है। योजनाएं सीधे गांव तक पहुंची हैैं। एक लाख करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए सीधे लोगों के खाते में पहुंचे हैैं। आम जीवन बेहतर हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नई दिशा दी है और लोग उन्हें पसंद करते हैं। उनके नेतृत्व में हमें पूर्ण बहुमत हासिल होगा। रही बात यूपी की तो हम यहां 75 सीटें जातेंगे।
- विपक्ष एकजुट हो रहा है। महागठबंधन के मुकाबले को कोई रणनीति..?
महागठबंधन न बना है, न बनेगा। विपक्ष में नेता को लेकर ही घमासान होगा। नेता कौन होगा? क्या अखिलेश, राहुल गांधी को नेता मानेंगें। क्या राहुल, मायावती को नेता मानेंगे। क्या मायावती और अखिलेश साथ-साथ चल सकेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसा ही हाल है। शरद पवार क्या राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करेंगे। क्या ममता राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार कर पाएंगी। विपक्ष के पास अपने ही अहं बहुत हैं। वह अभी से ही हारे हुए प्रतीत होते हैैं। गठबंधन की सोच ही विपक्ष की पराजय को प्रदर्शित कर रही है। भाजपा को रोकना असंभव है।
- पिछले सोलह महीने की अपनी सरकार को आप कैसे देखते हैैं?
इतने कम समय में सरकार ने पंद्रह वर्ष की जंग को दूर किया। हमारी सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश में भय का वातावरण खत्म करना था। पूर्व की सरकार में गुंडाराज था। दंगे होते थे। कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं था। व्यवस्था को चैलेंज किया जाता था। इन सोलह महीनों में हमने कानून व्यवस्था पर नियंत्रण किया। माफिया की कमर तोड़ी। संस्थागत भ्रष्टाचार पर जोरदार हमला किया। आज लोगों में विश्वास का माहौल है। लोग सुरक्षित महसूस करते हैैं। हर क्षेत्र में उत्पादन बढ़ा है। शासन की कार्यपद्धति बदली है। सत्ता में आने के एक साल के भीतर सफलतम इन्वेस्टर समिट हुआ। वस्तुत: प्रदेश में निवेश का बेहतरीन वातावरण बना है।
- लेकिन आम इंप्रेशन है कि भ्रष्टाचार और बढ़ गया है। किसी भी काम के लिए लोगों को दोगुना पैसा देना पड़ रहा है?
ऐसा नहीं है। भ्रष्टाचार के रास्ते बंद हुए हैं। आम जनता को राहत है। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए पैसा सीधे लोगों के खाते में पहुंच रहा है। डीबीटी से बीच का लेन-देन अपने आप समाप्त हो जाता है। बिचौलियों की जरूरत ही नहीं रह गई है। मिट्टी की रायल्टी खत्म कर दी गई है। पहले शिकायतेें थीं कि डायल 100 के सिपाही वसूली करते थे। अब ऐसा नहीं है। शासन की हर योजना पारदर्शी है जो कि भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला है। एक क्लिक में सब चीजें लोगों के सामने हैैं। हम बेइमानी की गुंजाइश को लगातार कम करते जा रहे हैैं। सरकार भ्रष्टाचार के सारे लीकेज खत्म कर रही हैै।
- आप सभी 75 जिलों का दौरा कर चुके हैैं। इनमें कौन सी समस्या कॉमन नजर आई?
हर जिले की अपनी समस्याएं हैं। कानून व्यवस्था लगभग कॉमन समस्या थी, जिसे काबू में किया गया।
- इन जिलों में सरकार के लिए क्या फीडबैक मिला?
सरकार की छवि आम जन में बहुत अच्छी है। सरकार अच्छा करना चाहती है, कर रही है। सरकारी संस्थाओं के प्रति भी लोगों का विश्वास बढ़ा है।
- भाजपा सरकार में अपनों की उपेक्षा का आरोप लग रहा है। बाहर से आने वाले मलाई काट रहे हैैं?
ऐसा नहीं है। भाजपा में जो आ गया, वह भाजपा का हो गया, हमारा हो गया। हमारे सुशासन के संकल्प का हिस्सा वह भी है। रही बात आम कार्यकर्ता की तो वह संतुष्ट है। उत्साह से भरा है। किसी भी जिले में जाकर देख लें। दलाली और गुंडागर्दी नहीं करने देंगें तो कुछ लोग तो बोलेंगे ही।
- लेकिन भाजपा के ही एक मंत्री ने निजी बातचीत में कहा कि वह अतिक्रमण तो हटवा दें, लेकिन दूसरे दलों से आए मंत्री आड़े आ जाते हैैं?
अतिक्रमण हटना ही चाहिए। पुनर्वास भी होना चाहिए। सरकार की प्राथमिकता में यह है। इसमें किसी बाधा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- मंत्रिमंडल विस्तार कब तक करेंगे?
मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। अपने समय पर यह भी होगा।
- क्या आप मंत्रियों के कामकाज का आकलन करते हैैं?
हां, नियमित करता हूं। हमार कई मंत्रियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कुछ कमजोर रहे हैैं, उनके भी काम का आकलन हो रहा है?
- कुछ चीजें भाजपा के विपरीत जाती हैैं। आपने सहकारिता में शिवपाल सिंह के परिवारवाद का विरोध किया, लेकिन सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी अपने बेटे को निदेशक बना बैठे। ओम प्रकाश राजभर अलग भाषा बोल रहे हैैं। बलिया के विधायक सुरेंद्र सिंह ने मायावती के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया?
हर चीज की एक सीमा होती है। किसी को भी असंसदीय और अशिष्ट शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसा करने वालों को नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्हें इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
- कैसे कह सकते हैैं कि उत्तर प्रदेश का विकास हो रहा है?
सब कुछ स्पष्ट है। आंकड़े देखिए। एक साल के भीतर हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 8.85 लाख आवास बनाए। इस योजना में हम 17वें नंबर पर थे। आज पहले नंबर पर हैैं। शहरी क्षेत्रों में 4.12 लाख आवास बनाए। इस योजना में हम 23वें नंबर से एक नंबर पर पहुंचे। ग्रामीण शौचालयों में यूपी कहीं नहीं था। 1.3 करोड़ शौचालय बनाकर आज हम एक नंबर पर हैैं। 46 लाख परिवारों को हमने मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया। 66 हजार मजरों में बिजली ले गए। राशन वितरण में बड़ा घोटाला हो रहा था। हमने 30 लाख फर्जी राशन कार्ड पकड़े। 37 लाख नये राशन कार्ड बनाए। सोचने की बात है कि पिछली सरकारों में राशन कहां जा रहा था। पिछली सरकारों में किसान से गेंहू और धान बिचौलिए खरीदते थे। हमने खुद खरीदकर उन्हें बिचौलियों से दूर किया। गन्ना किसानों पर हमारा ध्यान है। उनका बकाया अदा करने पर जोर दिया। इस साल जून तक चीनी मिलें चलीं। चीनी के दाम नियंत्रण में हैैं, जो बड़ी बात है।
- लेकिन आवारा पशुओं की समस्या बरकरार है?
सोचने की बात है कि क्या एक साल में इतने आवारा पशु हो गए। सरकार ने अवैध स्लाटर हाउस बंद किए हैं। इसे तो हम नहीं चलने देंगे। आवारा पशुओं की बात बेमानी है। यदि उनसे फसलों को नुकसान होता तो हर किसान के खेत में प्रति एकड़ पांच से सात क्विंटल गेहूं और धान की वृद्धि न हुई होती। हमने गोवंश के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया है। हर जिले में बड़ी गोशाला बनवा रहे हैैं। इसके लिए धनराशि जारी कर दी गई है। जनसहयोग से भी गोशाला बनवाकर गोवंश के संरक्षण का काम शुरू करेंगे। ललितपुर में 5000 गोवंश को रखने के लिए एक बड़ी गोशाला बन चुकी है। पशुपालन की नई तकनीक भी लाई जा रही है जिससे अधिक से अधिक बछिया पैदा होंगी।
- एक जिला एक उत्पाद पर आपका बहुत फोकस है?
इससे लाखों लोगों को उनके घर पर ही रोजगार मिलने जा रहा है। 10 अगस्त को राष्ट्रपति आकर इस अभिनव परियोजना को और तीव्रता प्रदान करेंगे। इससे पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
- इन्वेस्टर्स समिट के बाद की योजनाएं?
इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैैं। 60 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करने जा रहे हैं। अगले तीन माह में 30 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास फिर करेंगे। यह क्रम चलता रहेगा। कभी ज्यादा, कभी कम। निवेशकों में यहां आने के लिए उत्साह है।
- क्या वजह है कि गाजियाबाद में लगातार इमारतें गिर रही हैैं। फिर भी एक ही अधिकारी को दो-दो पद दिए गए हैैं। डीएम का भी और जीडीए उपाध्यक्ष पद का भी?
वस्तुत: प्रदेश में अच्छे अधिकारियों की कमी है। इस वजह से अच्छे अधिकारियों को कई-कई पद संभालने पड़ रहे हैैं। एक-एक प्रमुख सचिव को कई विभाग देखने पड़ रहे हैैं। हमें दिल्ली से अधिकारी बुलाने पड़ रहे हैैं।
- लेकिन अवैध इमारतें?
अवैध इमारतें पिछली सरकारों का पाप हैं। एक दिन में तो वे बनी नहीं। सरकारों ने बिल्डरों से मिलकर लोगों का शोषण किया। अकेले नोएडा, ग्रेटर नोएडा में पौने तीन लाख फ्लैट लोगों को नहीं मिले। हमने आइएएस दुर्गाशंकर मिश्र की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। 80 हजार फ्लैट बनवा चुके हैैं। एनओसी मिलते ही पचास हजार फ्लैट कभी भी दे सकते हैैं।
- पदोन्नतियों में आरक्षण का विवाद बड़ा है? आरक्षण समर्थक और विरोधी दोनों मुखर हैैं?
सभी पक्षों पर विचार होगा। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पूरे प्रकरण पर डिस्कसन के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
- क्या वजह है कि सरकार को अधिकांश मामलों में जांच के लिए सीबीआइ का सहारा लेना पड़ा?
पिछली सरकारों में नियोजित भ्रष्टाचार हुए हैं। सच सामने लाने के लिए सीबीआइ की मदद लेनी पड़ी है। लोक सेवा आयोग को ही लें तो यहां युवाओं के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। सीबीआइ को वहां अनियमितताओं के बहुत साक्ष्य मिले हैैं। यही स्थिति गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की भी है। इसकी भी जांच आगे बढ़ चुकी है। परिणाम की प्रतीक्षा है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यह तय है।
- क्या चुनाव में हिंदुत्व भी मुद्दा होगा?
हिंदुत्व मुद्दा होगा या नहीं, इसके खास मायने नहीं। हिंदुत्व राष्ट्रीयता का पर्याय है। उससे इतर नहीं है। विकास और सुशासन और हिंदुत्व एक-दूसरे के पूरक हैैं।
- राममंदिर तो भाजपा का कोर मुद्दा रहा है। आपने अयोध्या को अलग-अलग आयोजनों के जरिए थोड़ा और प्रचारित किया है जिसे राम मंदिर के मुद्दे पर गरम रखने के तौर पर देखा गया?
उम्मीदें कभी खत्म नहीं होती हैैं। विवाद का पटाक्षेप होना ही चाहिए। सुनवाई हो रही है। समाधान भी होगा। जनभावनाओं को जगाना होगा।
- आप पर ठाकुरवादी होने के आरोप लगाए जाते हैैं?
मैैं किसी का मुंह तो नहीं बंद कर सकता। फिर मुझे इन सब बातों की परवाह नहीं होती।
बातचीत के खास अंश
- सरकार भ्रष्टाचार के सारे लीकेज खत्म कर रही हैै
- गठबंधन की सोच ही विपक्ष की पराजय प्रदर्शित कर रही है
- भाजपा में जो आया, भाजपा का हो गया, हमारा हो गया
- धान और गेंहूं खरीदकर किसानों को बिचौलियों से दूर किया
- आवारा पशुओं ने नुकसान किया होता को किसानों की उपज न बढ़ती
- असंसदीय भाषा प्रयोग करने वालों को खमियाजा भुगतना होगा
- लोकसेवा आयोग में युवाओं के साथ बड़ा अन्याय हुआ है
- धर्म और राजनीति एक दूसरे के पूरक
- अपने समय पर होगा मंत्रिमंडल विस्तार
धर्म और राजनीति एक-दूसरे के पूरक
- चाणक्य ने कहा है कि धर्म और राजनीति को अलग-अलग होना चाहिए। आप क्या कहेंगे?
धर्म और राजनीति अलग नहीं, एक-दूसरे के पूरक हैैं। दोनों की दिशा एक होनी चाहिए। धर्म एक शाश्वत व्यवस्था है। इसे पूजा पद्धति से नहीं जोड़ा जा सकता। किसी को पूजा पद्धति थोपने का अधिकार नहीं। यह व्यक्तिगत है। हर काल, देश और परिस्थिति में धर्म के मूल्य शाश्वत रहते हैैं। इन पर सामाजिक व्यवस्था टिकी है।
- मनुष्य का जीवन हमेशा के लिए नहीं तो कुर्सी कैसे स्थायी रहेगी, आपने नोएडा मिथक को तोड़ा?
मैैं अपशकुन को नहीं मानता। मेरा मानना है कि जब मनुष्य का जीवन हमेशा के लिए नहीं है तो कुर्सी क्या हमेशा रहेगी। मुझसे लोगों ने बिजनौर जाने के लिए भी मना किया था। लेकिन, मैैं वहां गया। इसी तरह आगरा जाने लगा तो लोगों ने कहा कि वहां के गेस्टहाउस में मत रुकिएगा। मैैं रुका। नोएडा जाने को अपशकुन बताया, मैैंने कहा कि यह नोएडा वालों के साथ अन्याय होगा। मैैं फिर नोएडा जाऊंगा। मेरा मानना है कि कुछ भी अपशकुन नहीं होता।
धर्म क्या है?
धर्म एक शाश्वत व्यवस्था है। धर्म को पूजा पद्धति से नहीं जोड़ा जा सकता। यह व्यक्तिगत है। मुझे अपनी पूजा पद्धति किसी और पर थोपने का अधिकार नहीं है। हर देश, काल और परिस्थिति में धर्म के मूल्य शाश्वत रहते हैं और इन्हीं पर सकारात्मक व्यवस्था टिकी रहती है। इनका पालन होना चाहिए परंतु कुरीतियों से बचना चाहिए।