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बच्चियों की मौत के बाद दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, निरस्त होंगे 2.93 लाख राशन कार्ड

मंडावली में भूख से तीन बच्चियों की मौत के बाद जागी दिल्ली सरकार ने 2 लाख 93 हजार राशन कार्ड निरस्त करने के आदेश दिए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के विशेष आयुक्त एसके सिंह ने सभी जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारियों से 31 जुलाई तक इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने करीब 2400 राशन दुकानों में ई-पॉस प्रणाली लागू की थी। इसके तहत राशन लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया था। लोगों के फिंगर प्रिंट के आधार पर राशन दिया जाना था।

यह प्रणाली एक जनवरी 2018 को शुरू की गई थी। मार्च तक 2 लाख 93 हजार कार्डधारक राशन लेने नहीं आए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में प्रावधान है कि यदि तीन माह तक कोई राशन लेने नहीं आता है तो उसका कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा, लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन ने आदेश जारी किया था कि बिना मेरी अनुमति के एक भी राशन कार्ड निरस्त नहीं किया जाए। इसके बाद विभाग ने संदिग्ध राशन कार्डधारकों को पत्र जारी किए थे। इसमें से पांच फीसद ने ही जवाब दिया है। विभाग इन जवाबों का अध्ययन कर रहा है।

एलजी से मिले भाजपा विधायक, फर्जी राशन कार्ड रद करने की मांग

राशन वितरण में धांधली और यमुना सफाई के मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में राजनिवास पहुंचे। उन्होंने उपराज्यपाल से फर्जी राशन कार्ड रद करने और यमुना सफाई की योजनाओं को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राशन वितरण व्यवस्था को उचित प्रकार से नहीं चला पाने तथा नए राशन कार्ड नहीं जारी करने के कारण गरीबों को भोजन नहीं मिल रहा है। मंडावली में भूख की वजह से तीन बच्चियों की मौत हो गई। भूख की वजह से किसी की मौत दुखद है। इसलिए दिल्ली सरकार यह सुनिश्चिकरे कि अब किसी गरीब की मौत भूख के कारण न हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी जिद के चलते दिल्ली की राशन व्यवस्था को पटरी से उतारकर गरीबों का बहुत अहित किया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में चार लाख से अधिक राशन कार्डधारक राशन पाने के हकदार नहीं है। इनके राशन कार्ड निरस्त करने के बजाय गरीबों का हक छीनकर इन्हें दिया जा रहा है। इसलिए उपराज्यपाल दिल्ली सरकार को तुरंत फर्जी राशन कार्ड रद करने और जरूरतमंद लोगों को राशन देने का निर्देश दें। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि साढ़े तीन वर्ष के शासनकाल में केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार में डूबी रही और यमुना नदी को साफ करने की योजना पर काम नहीं किया गया। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने भी इसके लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। एनजीटी को कहना पड़ा है कि अक्षम लोगों के भरोसे यमुना की सफाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य को नहीं छोड़ा जा सकता।

भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार ने यमुना नदी साफ करने के लिए कोई नई योजना शुरू नहीं की है। पुरानी योजनाएं भी ठप कर दी गईं, जिस कारण यमुना पहले की तरह मैली है। इसलिए उपराज्यपाल को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। उपराज्यपाल से मिलने वालों में भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान भी शामिल थे। 

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