उत्तर प्रदेशप्रदेश

मार्च तक पूरा हो तैयार हो जाएगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

मेरठ। मेरठ के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली से मेरठ का सफर अब मार्च, 2019 तक 45 मिनट में पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 11000 करोड़ की लागत से बने 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन अवसर पर मवीकलां के मंच से केंद्रीय सड़क परिवहन और गंगा सफाई मंत्री नितिन गडकरी ने यह भरोसा दिया है। रविवार को इस कार्यक्रम से पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का भी उद्घाटन किया गया। नितिन गडकरी ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के डासना से मेरठ के बीच के काम को मार्च, 2019 तक पूरा करने के लिए ताकत झोंक दी जाएगी। बता दें कि लगभग डेढ़ माह ही इस 32 किमी लंबे ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू हुआ है।

सालभर के अंदर अपनी बड़ी योजनाओं का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि, दिल्ली-मुंबई के बीच एक्सप्रेस-वे बनाने का काम 15 दिन में शुरू कर दिया जाएगा। मार्च, 2019 तक 80 फीसद गंगा साफ करने का भी दावा किया।

परिवहन मंत्री ने कहा, हम दिल्ली में 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रहे हैं। दिल्ली हमारा दिल है। दिल्ली में प्रदूषण की वजह से दुनिया में हमारी बेइज्जती होती है, इसलिए दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना हमारा लक्ष्य है। डासना से मेरठ के बीच निर्माण कार्य होगा तेज

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के संपूर्ण परियोजना की कुल लंबाई 81.69 किलोमीटर होगी। इस पर 4965 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसे चार चरणों में पूरा किया जाएगा। दिल्ली-यूपी बॉर्डर तक का 14 लेन का पहला चरण पूरा हो गया है। दूसरा चरण यूपी बॉर्डर-डासना का है। यह भी 14 लेन का होगा। तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक हाईवे को चार से छह लेन किया जा रहा है। जबकि चौथे और आखिरी चरण में एक्सप्रेसवे को डासना से मेरठ तक ले जाया जाएगा। इसका सबसे अहम हिस्सा डासना से मेरठ के परतापुर तिराहे तक का है, क्योंकि यह बिल्कुल नया निर्माण है। लिहाजा नितिन गडकरी की घोषणा के बाद यहां के काम में तेजी लायी जाएगी। -दिल्ली से मेरठ तक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 59.42 किलोमीटर (निजामुद्दीन-यूपी बॉर्डर 8.36 किमी, यूपी बॉर्डर-डासना 19.28 किमी व डासना-मेरठ 31.78 किमी) है।

-दूसरे चरण के तहत यूपी बॉर्डर से डासना तक 19.28 किमी लंबे एक्सप्रेसवे-सह-हाईवे का निर्माण हो रहा है।

-दिल्ली से डासना तक आठ लेन हाईवे की कुल लंबाई 27.64 किलोमीटर होगी।

-डासना से आगे हापुड़ तक हाईवे छह लेन का हो जाएगा और इसकी लंबाई 22.27 किमी होगी।

-एक्सप्रेसवे वाले हिस्से पर कारों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी, बसों की 100 किमी तथा ट्रकों की 80 किमी प्रतिघटा होगी।

-हाईवे हिस्से पर नगरपालिका सीमा के भीतर क्रमश: 70, 60 व 60 तथा नगरपालिका सीमा के बाहर बाहर 100, 90 और 80 किमी की गति सीमाएं लागू होंगी। ईस्टर्न पेरीफेरल पर दौड़ने लगे वाहन, टोल 15 जून से

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन करने के बाद ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर वाहन दौड़ने लगे। हालांकि अभी मार्ग में कई जगह कार्य चल रहा है लिहाजा अभी कई स्थानों पर एक ही लेन पर चलना पड़ेगा। कई जगह एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर बोल्डर रखे हुए हैं जिससे विभिन्न कनेक्टरों से इस पर प्रवेश में दिक्कत हो रही है। इतना ही नहीं अभी 15 जून तक इस मार्ग पर चलने वालों को टोल नहीं देना पड़ेगा। सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था नहीं है। पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की विशेषताएं

-लगभग 11000 करोड़ की लागत से 135 किमी के इस एक्सप्रेस-वे को 910 दिनों बनना था, जिसे 500 दिनों में ही पूरा कर लिया गया।

-5900 करोड़ रुपये में 1900 हेक्टेयर भूमि का किया गया है अधिग्रहण। निर्माण पर खर्च हुए हैं 4617 करोड़ रुपये।

-छह लेन का यह एक्सप्रेस-वे सोनीपत के कुंडली से पलवल तक दिल्ली के बाहर-बाहर ले जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने के हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान के लोगों को बेवजह दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा।

-इससे दिल्ली का लगभग 41 फीसद ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण में 27 फीसद तक की कमी आएगी। एक्सप्रेस-वे पर छह कनेक्टरों की है व्यवस्था

-यह पूरी तरह से सोलर इनर्जी से लैस है। ढाई लाख पौधे रोपे गए हैं। ड्रिप इरीगेशन और वर्टिकल गार्डेनिंग की तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है।

-28 फाउंटेन लगे हैं। स्मारकों की 36 प्रतिकृति इस एक्सप्रेस-वे पर लगी है। इसके निर्माण में पांच लाख टन सीमेंट और एक लाख टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।

-इस एक्सप्रेस-वे की राह में चार बड़े पुल, आठ रेलवे के पुल, 45 छोटे पुल, 77 व्हीकल अंडरपास, 151 पिपुल अंडरपास और 116 पुलिया हैं। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम 15 दिन में शुरू होगा

गडकरी के अनुसार दिल्ली-मुंबई के बीच बनने वाले इस नए एक्सप्रेस-वे से दिल्ली में प्रदूषण काफी कम हो जाएगा। उन्होंने कहा, 15 दिन के अंदर दिल्ली-वडोदरा से होते हुए मुंबई तक के इस हाईवे का काम शुरू करने वाले हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को बुलाकर इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

यह होगी हाईवे की खासियत

-दिल्ली-अहमदाबाद-मुंबई रूट पर भू-अधिग्रहण की लागत सात करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर होती जबकि नए रूट पर 70 से 80 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिग्रहण हो जाएगा।

-इसकी वजह है कि इस नए हाईवे को राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के पिछड़े इलाकों से होकर निकाला जाएगा, जिससे 16 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी।

-यह हाईवे को दिल्ली से जयपुर रिंग रोड होते हुए अलवर, सवाईमाधोपुर और उसके बाद वडोदरा में निकाला जाएगा। वडोदरा से इसे आगे मुंबई तक ले जाया जाएगा।

-इस हाईवे के बनने से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के पिछड़े इलाके भी विकसित हो जाएंगे और दिल्ली-मुंबई के बीच दूरी 125 किलोमीटर कम भी हो जाएगी। जुलाई में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे का भूमि पूजन

सहारनपुर से दिल्ली के सफर को आसान बनाने के लिए गडकरी ने कहा कि जुलाई में इसका भूमि पूजन करेंगे। वे बोले, मैं सहारनपुर-दिल्ली हाईवे को लेकर तीन साल से कोशिश कर रहा था लेकिन काम नहीं हुआ। फिर जब योगी सरकार आई तो काम आगे बढ़ा है। सहारनपुर-दिल्ली हाईवे को देहरादून तक जोड़ा जाएगा और इसे शामली से बाईपास किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button