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मिलकर करेंगे परिसंपत्तियों के विवाद का समाधान: उत्तराखण्ड में CM योगी

हरिद्वार: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर चल रही कवायद परवान चढ़ने लगी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार पहुंचे और दोनों ने हरकी पैड़ी में पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पर्यटक आवास गृह की आधारशिक्षा रखी और कहा कि यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का समाधान मिलबैठकर निकाल लिया जाएगा। 

हरकी पैड़ी में आयोजित कार्यक्रम में कई पुरोहितों ने गंगा पूजन संपन्न कराया। इस दौरान यूपी की कबीना मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी गंगा पूजन में शामिल हुई। योगी ने गंगा मैया का दूध से अभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने गंगा की स्वस्छता की शपथ भी ली। 

उत्तर प्रदेश पर्यटक आवास गृह की रखी आधारशिला 

गंगा पूजन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत की मौजूदगी में अलकनंदा होटल के समीप 100 कमरों वाले उत्तर प्रदेश के पर्यटक आवास गृह की आधारशिला रखी। उत्तर प्रदेश के स्वामित्व वाले अलकनंदा होटल को फरवरी में उत्तराखंड को सौंपा गया था। 

इस मौके पर यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी ने कहा कि लंबे समय से यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का विवाद चल रहा था। इसके लिए उत्तराखंड के सीएम ने सार्थक पहल की। इससे लिए वह उन्हें साधूवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य मिलकर इस विवाद का समाधान निकालेंगे। 

कहा कि हम दोनों मुख्यमंत्री मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत देव भारत की संकल्पना को साकार करेंगे। कहा उत्तराखंड  धार्मिक आध्यात्मिक का केंद्र है। चारों धाम की यात्रा अब बड़े पैमाने पर हो रही है। उत्तराखंड सरकार के अभिनंदनीय प्रयास से रेकार्ड संख्या में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है। इसमें उत्तर प्रदेश की सहभागिता अधिक है। 

उन्होंने कहा कि हम भेदभाव रहित नीति पर चलकर एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार कर रहे हैं। कहा उत्तर प्रदेश की जनता उत्तराखंड को जोड़कर चलना चाहती है। गंगोत्री से निकलने वाली गंगा का सर्वाधिक प्रवाह का क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। उत्तराखंड में अनेक संभावना है। पर्यटन के विकास को मिलकर काम कर रहे हैं। इसका लाभ उत्तर प्रदेश और पूरे देश को मिल रहा है। 

उन्होंने कहा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण का जो प्रस्ताव रखा है उस पर मिलकर करेंगे। कहा गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए जनसहभागिता होनी चाहिए। कहा 2019 में इलाहाबाद होने वाले कुंभ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री संतों के साथ आएं। इसके लिए जरूरी है कि गंगा में गंदे नाले का पानी नहीं गिरना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए15 दिसंबर से इसको सख्ती से लागू कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गंगा कि नार के 27 जिले ओडीएफ घोषणा हो चुकी है। कहा गंगा में मरे पशुओं को नहीं डाला जाना चाहिए। कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नमामि गंगे के तहत जो अभियान छेड़ा है उसे उत्तर प्रदेश सरकार सफल बनाने के लिए आज गंगा तट पर संकल्प लेती है। 

पालीथिन का प्रयोग पूरी तरह बंद होना चाहिए। कहा संतों के समक्ष यह गंगा स्वच्छता का सभी संकल्प लेते है। कहा भक्तों का भी दायित्व है कि नमामि गंगे को सफल बनाएं। कहा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेंगी। कहा कहा दोनों प्रदेशों के बीच शेष समस्याओं को अगले दो महीने में समाधान कर लेंगे। 

उन्होंने कहा कि 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने अलकनंदा होटल को उत्तराखंड को देने का निर्णय लिया था लेकिन यूपी तत्कालीन सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई। जिसमें मामला लंबित हो गया। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका निर्णय लेकर अलकनंदा होटल को उत्तराखंड को दे दिया है। 

इसके बदले बगल में बनने वाले पर्यटक आवास गृह को हम भागीरथी का नाम देते हैं। इसका लुक उत्तराखंड के तर्ज पर होगा। कहा बदरीनाथ में उत्तराखंड भवन बनाने की सहमति जो उत्तराखंड सरकार ने दिया है इसके लिए हम उत्तराखंड सरकार को साधुवाद देते हैं।इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जिस भी राज्य में चुनाव में प्रचार में गए योगी योगी की गूंज रही। कहा कि उत्तर प्रदेश बनने के बाद परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर पूर्व में केवल लटकाने का काम हुआ। अब एक साल में होटल अलकनंदा, रोडवेज का एमओयू आदि होना ऐतिहासिक निर्णय हैं। इसमें योगी आदित्यनाथ का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा। 

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में परिसंपत्तियों को लेकर बची समस्या का समाधान भी हो जाएगा। कहा कि उत्तराखंड की नदियों में जल कम हो रहा है यह चिंता का विषय है। उत्तराखंड में वर्षा अधिक होती है। इसका संचय कर हम उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों को पेयजल और सिंचाई के लिए दे सकेंगे। दोनों प्रदेश मिलकर इस दिशा में काम करेंगें। कहा इससे भविष्य में पानी के संकट को लेकर युद्ध की स्थितियों की आशंकाओं को खत्म करेंगे। इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी उपस्थित थे।  भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद योग गुरु बाबा रामदेव चले गए थे। 

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