मेट्रो यूपी के दो शहरों के साथ दिल्ली को देने जा रही दिवाली गिफ्ट, लाखों लोगों को मिलेगा लाभ…
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन पर समय से दो माह पहले यानी अक्टूबर में मेट्रो का संचालन शुरू हो सकता है, जबकि इसके संचालन की अाधिकारिक तिथि दिसंबर 2018 है। जानकारी के मुताबिक, योजना के तहत पहले एक वर्ष के लिए मेट्रो का संचालन डीएमआरसी की ओर से किया जाएगा। इसके संकेत शुक्रवार को नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारियों ने दे दिए हैं।
डीएमआरसी परिचालन व रखरखाव के लिए 100 अधिकारी व पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी। इसके साथ ही एनएमआरसी के कर्मचारियों को एक वर्ष तक प्रशिक्षण भी देगी। इसके लिए एनएमआरसी तीन करोड़ रुपये देगी। इन दो कार्यों के लिए एनएमआरसी के प्रबंध निदेशक आलोक टंडन व डीएमआरसी निदेशक (ओपीएस) एके गर्ग के बीच शुक्रवार को एमओयू भी साइन किया गया।
एनसीआर का सबसे लंबा एलिवेटेड ट्रैक
बता दें कि मेट्रो संचालन के बाद यह ट्रैक एनसीआर का सबसे लंबा एलिवेटेड 29.707 किलोमीटर का ट्रैक बन जाएगा। इससे पहले जब दिल्ली में मेट्रो का संचालन शुरू हुआ था। उस समय ब्लू लाइन पर द्वारका से बाराखंबा मेट्रो रूट सबसे लंबा 26 किलोमीटर का था।
शुक्रवार को एनएमआरसी के प्रबंध निदेशक आलोक टंडन, कार्यकारी निदेशक पीडी उपाध्याय, डीएमआरसी के निदेशक (ओपीएस) एके गर्ग, कार्यकारी निदेशक विकास कुमार ने सेक्टर-29 स्थित एनएमआरसी कार्यालय में संवाददाताओं को बताया कि प्रोजेक्ट रिव्यू के तहत 10 अगस्त तक मेट्रो रूट का 87 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। कुल लागत का 73 प्रतिशत पैसा खर्च किया जा चुका है।
दिल्ली के साथ नोएडा व ग्रेटर नोएडा के यात्रियों का होगा फायदा
यह एनीसीआर का यह सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क होगा। जिसके जरिए ग्रेटर नोएडा का मुसाफिर दिल्ली के किसी भी कोने तक आसानी से जा सकेगा। जल्द ही इसे सेक्टर-71 में ब्लू लाइन से जोड़ा जाएगा। एक्वा लाइन मेट्रो रूट पर 21 मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं, जिसमें 15 नोएडा व छह स्टेशन ग्रेटर नोएडा में हैं। दोनों की पहचान अलग-अलग रंगो से की जा सकेगी। एक्वा लाइन का वाणिज्यक संचालन अक्टूबर से किया जाएगा। 22 सितंबर तक 11 कोच डिपो तक आ जाएंगे।
वर्तमान में पांच कोच आ चुके हैं। कुल 11 मेट्रो कोच के साथ पूरे रूट पर संचालन शुरू होगा। एक कोच की क्षमता 1034 मुसाफिरों की होगी। पूरा ट्रेक स्टैंर्ड गेज पर आधारित है। ट्रैक पर अधिकतम गति 95 किलोमीटर व न्यूनतम गति 35 किमीप्रति घंटा होगी। इसके निर्माण में 5503 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हंै। स्टेशन से उतरते ही मुसाफिरों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की परेशानी न हो इसके लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी तकनीक के जरिए फीडर बसें चलाई जाएंगी।
यूपीएसआरटीसी की ओर से सर्वे किया जा रहा है। पर्यावरण को ध्यान में रखकर डिपो के साथ पूरा सिस्टम जीरो डिस्चार्ज होगा। 21 स्टेशनों में से 18 स्टेशनों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इनकी क्षमता 200 से 250 वाहनों की होगी। हालांकि बाद में सभी स्टेशनों पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
ग्रेनो से दिल्ली व एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी होगी मजबूत
नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वाली एक्वा लाइन सेक्टर-71 मेट्रो स्टेशन पर डीएमआरसी की ब्लू लाइन को जोड़ेगी। यह एक ऐसी कनेक्टिविटी होगी, जिसमें ग्रेटर नोएडा का मुसाफिर दिल्ली के किसी भी कोने पर आसानी से आ-जा सकेगा। इसके लिए सेक्टर-71 मेट्रो स्टेशन व एक्वा लाइन के स्टेशन के बीच एक कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह एक वाणिज्यिक कॉरिडोर होगा। फिलहाल कॉमर्शियल स्थान नहीं बिकने की वजह से इस प्लान को रोका गया है, लेकिन भविष्य में इसे बनाया जाएगा। कॉरिडोर के जरिए जुड़ने की वजह से मेट्रो का एक बेहतर नेटवर्क बनेगा। जिसके जरिए जिन मुसाफिरों को ग्रेटर नोएडा से दिल्ली के किसी कोने पर जाना हो तो वह एक्वा लाइन के जरिए सेक्टर-71 मेट्रो स्टेशन पहुंच सकते हैं। यहा से ब्लू लाइन के जरिए बोटेनिक गार्डन या ब्लू लाइन से ही वह द्वारका तक जा सकते हैं। इसके अलावा बोटेनिक गार्डन पर मजेंटा लाइन पकड़कर वह जनकपुरी और एयरपोर्ट तक जा सकते हैं। यानी इस लाइन ने ग्रेटर नोएडा के मुसाफिरों के लिए एयरपोर्ट तक का सफर भी कम कर दिया है।
दिखेगी मेक इन इंडिया की झलक
नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) के मेट्रो कोच में मेक इन इंडिया की झलक देखने को मिलेगी। एनएमआरसी की एक्वा लाइन के कोच चाइना से मंगवाए जा रहे हैं, लेकिन इस कोच को बनाने में लगाए जा रहे पार्ट्स देश में बनाए जा रहे हैं। कोच में लगाए जा रहे 40 प्रतिशत पार्ट्स देश से निर्यात हो रहे हैं। जाहिर है भविष्य में मेट्रो कोच भी यहीं से असेंबल किए जाने लगेंगे, जिससे ट्रांसपोटेशन के खर्चे से बचा जा सकेगा। एक्वा लाइन 29.707 किलोमीटर ट्रैक पर कुल 21 मेट्रो स्टेशन हैं। यहां पहले चरण के लिए 11 कोच चाइना से मंगवाए जा रहे हैं। इसमें पांच कोच आ चुके हैं। छह कोच सितंबर तक आ जाएंगे। हालांकि संचालन के साथ ही कोचों की संख्या बढ़ाकर 19 कर दी जाएगी। इन कोच को चाइना में बनाया जा रहा है। जिसकी परख के लिए नोएडा से दो बार अधिकरियों का एक प्रतिनिधि मंडल भी चाइना जा चुका है। कोच हल्के स्टेनलेस स्टील के बने हैं। लिहाजा ट्रैक पर बने कर्व व टर्न पर इन कोचेस को चलाने में दिक्कत नहीं आएगी।