केंद्र सरकार की योजना SC में मंजूर, अब दिल्ली-NCR की गाड़ियों पर लगेंगे स्टीकर
आने वाले दिनों में वाहन पर लगे स्टीकर के रंग से यह पता चल सकेगा कि उसमें कौन का ईंधन इस्तेमाल हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय के सुझाव को स्वीकार कर लिया है। मंत्रलय को 30 सितंबर तक दिल्ली-एनसीआर के वाहनों पर रंगीन स्टीकर लगाने की इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया गया है।
पीठ ने मंत्रeलय की ओर से पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी से कहा कि इलेक्टिक और हाइब्रिड वाहनों के लिए हरे रंग की नंबर प्लेट या हरे स्टीकर पर भी विचार किया जाए। इस पर नादकर्णी ने बताया कि मंत्रलय जल्द ही इस संबंध में फैसला लेगा। मामले की सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर और दीपक गुप्ता भी शामिल थे।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान रंग आधारित स्टीकर का मसला उठा था। मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर अदालत में हाजिर रही एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा था कि एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी के सुझावों के अनुरूप वाहनों में प्रयोग होने वाले ईंधन की पहचान के लिए रंगीन स्टीकर का प्रयोग होना चाहिए।
अदालत नहीं कर सकती विधायिका के काम
मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक लागू करवाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालत विधायिका का काम नहीं कर सकती। एमिकस क्यूरी एडवोकेट गौरव अग्रवाल ने जस्टिस एमबी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि संशोधित विधेयक में सड़क दुर्घटना में मृतकों को दो लाख व घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है। अदालत को इसे लागू करवाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि जब राज्यसभा ने इसे रोका हुआ है, तो अदालत कैसे इस पर कदम बढ़ा सकती है।