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किसान आंदोलन का 66वां दिन, आज सद्भावना दिवस पर किसान रखेंगे उपवास

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 66वां दिन है। कड़ाके की सर्दी के बीच बड़ी तादाद में किसान अब भी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं। हालांकि गणतंत्र दिवस पर निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान मचे बवाल और हिंसा के बाद अचानक किसान आंदोलन कमजोर पड़ती दिख रही है। इस बीच कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस मनाएंगे और दिन भर का उपवास रखेंगे।

प्रदर्शनकारी किसान आज  सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक हम भूख हड़ताल रखेंगे। सभी किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके साथ ही सद्भावना दिवस (Sadbhavana Diwas) मनाने का भी ऐलान किया है। किसान नेताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण’ आंदोलन को ‘बर्बाद’ करने का प्रयास किया जा रहा है।

इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 30 जनवरी को हम सद्भावना दिवस मनाने जा रहे हैं। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक हम भूख हड़ताल रखेंगे। किसानों ने आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस इस मोर्चे को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेताओं ने केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा। किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि इंटरनेट बहाल किया जाए।  हमारी बातें लोगों तक नहीं पहुंच सके, इसके लिए इंटरनेट बंद किया गया है।

इस बीच योगेन्द्र यादव ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर कहा- मोदी जी और योगी जी और अन्य सावधानीपूर्वक सुन लें, किसान इस आंदोलन से वापस नहीं जाएंगे।

आपको बता दें कि कड़ाके की सर्दी और  गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।

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