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ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही पड़ रही है भारी

नैनीताल हाई कोर्ट ने भले ही कठोर रुख अख्तियार करते हुए गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने को गंभीरता से लेते हुए लाइसेंस रद करने का आदेश दिया है। लेकिन, हकीकत यह है कि यातायात नियमों का पालन कराना आसान नहीं है। आंकड़े इस हकीकत की पुष्टि भी करते हैं। दरअसल, पिछले वर्ष जहां यातायात नियमों की अनदेखी के चलते 1.19 लाख चालान हुए, वहीं इस साल बीते पांच माह में 26767 चालान हो चुके हैं।तीन सवारी-------------------1396  सीट बेल्ट-----------------------812  ओवरलोडिंग--------------------405  मालवाहक वाहन में सवारी---207  वर्ष 2017 में कार्रवाई एक नजर  कुल चालान--------------------119018  एमवी एक्ट--------------------16294  सीज वाहन----------------------2745  एल्कोमीटर में सीज------------955  चस्पा चालान------------------48563  ओवरस्पीड-----------------------2216  यह है स्थिति  वर्ष-----हादसे---------मृतक-------------घायल  2013----296--------138----------------274  2014----314--------146----------------285  2015----343--------143----------------303  2016----295--------139----------------220  2017----342--------132----------------143  2018अब तक 94-----------36--------------------63  एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि यातायात नियमों के पालन के प्रति लोगों को जागरूकों करने के साथ पुलिस कार्रवाई भी करती है। मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

सफर को सुरक्षित और सुखद बनाने के उद्देश्य से बनाए गए यातायात नियमों के प्रति लापरवाही अक्सर मौत का कारण बन जाती है। बावजूद इसके नियमों के अनुपालन के प्रति संवेदनशीलता नहीं बढ़ रही है। दून शहर की बात करें तो यहां हालात सूबे के किसी भी अन्य शहर से अधिक चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। यहां सीपीयू और ट्रैफिक पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद यातायात नियम की धज्जियां उड़ रही हैं। पिछले पांच महीनों के दौरान हुई कार्रवाई पर नजर डालें तो पता चलता है कि मोबाइल पर बात करते समय गाड़ी चलाने वाले सवा पांच हजार से अधिक लोगों के चालान हो चुके हैं। वहीं हेलमेट की बात करें तो अकेले चलने वाले मोटरसाइकिल सवार को भी हेलमेट बोझ लगता है। अधिकांश तो हेलमेट सिर पर तब रखते हैं, जब सामने उन्हें कोई पुलिसवाला दिख जाता है।

वर्ष 2018(मई तक) ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई

बिना हेलमेट——————-13860

तेज रफ्तार——————–7923

मोबाइल प्रयोग—————-5291

नशे में ड्राइविंग—————2266

रेड लाइट जंप —————1607

तीन सवारी——————-1396

सीट बेल्ट———————–812

ओवरलोडिंग——————–405

मालवाहक वाहन में सवारी—207

वर्ष 2017 में कार्रवाई एक नजर

कुल चालान——————–119018

एमवी एक्ट——————–16294

सीज वाहन———————-2745

एल्कोमीटर में सीज————955

चस्पा चालान——————48563

ओवरस्पीड———————–2216

यह है स्थिति

वर्ष—–हादसे———मृतक————-घायल

2013—-296——–138—————-274

2014—-314——–146—————-285

2015—-343——–143—————-303

2016—-295——–139—————-220

2017—-342——–132—————-143

2018अब तक 94———–36——————–63

एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि यातायात नियमों के पालन के प्रति लोगों को जागरूकों करने के साथ पुलिस कार्रवाई भी करती है। मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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