बिहार

दलित मुद्दे पर जीतनराम मांझी का बड़ा बयान, उदय नारायण चौधरी को बताया रंगा सियार

वंचित वर्ग मोर्चा के बैनर तले जदयू के बागी व अब शरद यादव के सहयोगी उदय नारायण चौधरी द्वारा रविवार को पटना के गांधी मैदान में ‘संविधान बचाओ, देश बचाओ’ सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्‍मेलन जारी है। इसमें शामिल होने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पौत्र एवं पूर्व सांसद प्रकाश अंबेडकर भी पहुंचे हैं।बात मांझी व उदय नारायण चौधरी की बात करें तो उनके बयानों से विपक्षी महागठबंधन की आंतरिक खींचतान फिर सार्वजनिक हुई है। बताया जाता है कि इसके पीछे महागठबंधन में दलित चेहरा बनने की कवायद है। मांझी महाबठबंधन में बिहार की दलित राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। लेकिन, शरद यादव की पार्टी के महागठबंधन में शामिल होने के बाद उनके पुराने विरोधी रहे उदय नारायण चौधरी भी महागठबंधन में दलित चेहरा बनने की कोशिश में हैं। दोनों की नजरें दलित वेाटों पर है।

इस बीच विपक्षी महागठबंधन में उदय नारायाण चौधरी के सहयोगी हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के अध्‍यक्ष जीतनराम मांझी ने हमला करते हुए उन्‍हें ‘रंगा सियार’ बताया तो चौधरी ने उन्‍हें इसके लिए धन्‍यवाद दिया है।

मांझी ने कसे तंज, लगाए ये आरोप
उदय नारायण चौधरी द्वारा इस सम्‍मेलन के आयोजन पर सवाल खड़े करते हुए जीतनराम मांझी ने उन्‍हें ‘रंगा सियार’ करार दिया। कहा कि जब वे मुख्‍यमंत्री थे, जब उदय नारायण चौधरी विधानसभा में स्‍पीकर थे। तब चौधरी ने मांझी के समर्थक 16 विधायकों की सदस्‍यता निलंबित कर दी थी। इससे उनकी सरकार गिर गई थी।

मांझी के अनुसार इससे दलित हित में किए जा रहे उनके कार्यों पर ब्रेक लग गया था। इस तरह चौधरी ने उनकी सरकार गिराने के बहाने दलित विरोध में काम किया था।

चौधरी ने कही ये बात 
मांझी के इस बयान पर उदय नारायण चौधरी ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। हां, उन्‍होंने मांझी को उनके बयान के लिए धन्‍यवाद जरूर दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने दावा किया कि आज संविधान खतरे में है। दलितों का आरक्षण समाप्‍त करने की साजिश की जा रही है। अल्‍पसंख्‍यक हित भी खतरे में हैं।

शिरकत करने पहुंचे बाबा साहेब आंबेडकर के पौत्र
‘संविधान बचाओ, देश बचाओ’ सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे बाबा साहेब आंबेडकर के पौत्र व पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर ने भी कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार की नीति साफ नहीं है। भाजपा और आरएसएस आरक्षण को समाप्त करने में लगे हैं। आरक्षण के मुद्दे पर दंगा कराने की साजिश की जा रही है। यह साजिश भाजपा और संघ के लोग कर रहे हैं।

उन्‍होंने सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार विदेश जा रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए कि देश को इससे क्या लाभ हो रहा है।

बात मांझी व उदय नारायण चौधरी की बात करें तो उनके बयानों से विपक्षी महागठबंधन की आंतरिक खींचतान फिर सार्वजनिक हुई है। बताया जाता है कि इसके पीछे महागठबंधन में दलित चेहरा बनने की कवायद है। मांझी महाबठबंधन में बिहार की दलित राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। लेकिन, शरद यादव की पार्टी के महागठबंधन में शामिल होने के बाद उनके पुराने विरोधी रहे उदय नारायण चौधरी भी महागठबंधन में दलित चेहरा बनने की कोशिश में हैं। दोनों की नजरें दलित वेाटों पर है। 

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