LIVE TVMain Slideउत्तराखंडखबर 50ट्रेंडिगप्रदेशबड़ी खबर

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर यूपी-112 ने 225 पीआरवी कर्मियों और 3 कॉल टेकर को किया सम्मानित, अब तक 41 हजार से अधिक जीवन बचाए

लखनऊ, 10 सितम्बर। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश की एकीकृत आपातकालीन सेवा यूपी-112 ने एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता और मानवता की मिसाल पेश की। राजधानी लखनऊ स्थित मुख्यालय पर पुलिस महानिदेशक यूपी-112 श्रीमती नीरा रावत ने आत्महत्या के प्रयासों पर त्वरित प्रतिक्रिया देकर अनमोल जीवन बचाने वाले 225 पीआरवी कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसी अवसर पर जीवन रक्षक कॉल पर काउन्सलिंग कर आत्महत्या रोकने में अहम भूमिका निभाने वाली तीन संवाद अधिकारियों (कॉल टेकर) को भी सम्मानित किया गया।

यूपी-112 परियोजना के प्रारंभ से अब तक लगभग 41,580 आत्महत्या संबंधी सूचनाओं पर समय से प्रतिक्रिया देकर पीआरवी कर्मियों ने हजारों परिवारों को अपूरणीय क्षति से बचाया है। पुलिस कर्मियों को विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य संवेदनशीलता, काउन्सलिंग कौशल, प्राथमिक उपचार और सीपीआर का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि मौके पर पहुंचकर वे न केवल आत्महत्या रोक सकें बल्कि जीवन रक्षा भी कर सकें। वर्ष 2017 से अब तक फांसी, नदी, रेल लाइन, ऊंची इमारतों और अन्य खतरनाक तरीकों से आत्महत्या का प्रयास करने वालों को समझा-बुझाकर सुरक्षित जीवन की ओर लौटाने का काम यूपी-112 ने लगातार किया है।

इस वर्ष 1 जनवरी 2025 से 31 अगस्त 2025 तक ही 4,895 आत्महत्या प्रयास की घटनाओं पर पीआरवी ने त्वरित कार्रवाई कर हजारों नागरिकों की जान बचाई। इसी अवधि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 225 पीआरवी कर्मियों को सम्मानित किया गया। कॉल सेंटर में तैनात संवाद अधिकारियों ने भी कई महत्वपूर्ण मौकों पर कॉलर को समझाकर आत्महत्या से रोका। उदाहरण के तौर पर कॉल टेकर शिवानी राय ने एक कॉलर को समझाया कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है और तत्काल पीआरवी को भेजकर उसकी जान बचाई गई। इसी प्रकार संवाद अधिकारी राफीना ने जहर खा चुके कॉलर को निरंतर बातचीत में व्यस्त रखकर उसे हिम्मत दी और मौके पर पहुंची टीम ने अस्पताल पहुंचाकर जीवन रक्षा की।

प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए वास्तविक उदाहरण इस सेवा की संवेदनशीलता और तत्परता को रेखांकित करते हैं। कानपुर नगर में पीआरवी-0710 ने कमरे का दरवाजा तोड़कर फांसी के फंदे पर लटक रहे व्यक्ति को नीचे उतारकर सीपीआर दिया और उसकी जान बचाई। आगरा जिले में पीआरवी-0031 ने रेलवे ब्रिज पर अपने दो बच्चों के साथ आत्महत्या का प्रयास कर रही महिला को पकड़कर सुरक्षित नीचे उतारा। प्रतापगढ़ जिले में पीआरवी-6588 ने रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या के लिए बैठी महिला और उसके दो मासूम बच्चों को समय रहते हटाकर उनकी जान बचाई। वहीं राजधानी लखनऊ में पीआरवी-4832 ने गोमती नदी के तेज बहाव में डूब रही महिला को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।

इन सभी घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि यूपी-112 न केवल एक आपातकालीन सेवा है बल्कि जीवन बचाने वाला विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक भी है। “आपकी सेवा में सदैव तत्पर” ध्येय वाक्य के साथ यह सेवा चौबीसों घंटे प्रदेश के नागरिकों को सुरक्षा, राहत और आश्वासन प्रदान करने के लिए संकल्पित है। आत्महत्या रोकथाम दिवस पर सम्मानित किए गए ये कर्मी और संवाद अधिकारी उन हजारों अनसुने- अनकहे प्रयासों के प्रतिनिधि हैं जिनकी बदौलत अनगिनत परिवार बिखरने से बच गए। यूपी-112 का यह मानवीय चेहरा आज समाज के लिए एक प्रेरणा है और जीवन की ओर लौटने का मजबूत संदेश भी।

Related Articles

Back to top button