LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशदेश

अब लखनऊ में होगा आंदोलन भारतीय किसान यूनियन ने किया एलान

भारतीय किसान यूनियन ने अब आंदोलन को लखनऊ में भी करने का एलान किया है. राकेश टिकैत ने आज राजधानी लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब लखनऊ को भी दिल्ली बनाएंगे, यानी किसान आंदोलन को दिल्ली की तर्ज पर लखनऊ में भी चलाया जाएगा.

राकेश टिकैत के इस बयान को लेकर कांग्रेस को उनका साथ मिला है. कांग्रेस साफ तौर पर कह रही है कि ना केवल यूपी बल्कि पूरे देश का किसान इस आंदोलन के साथ है. जबकि, बीजेपी का साफ तौर पर कहना है कि जो भी कानून के साथ खिलवाड़ करेगा तो सरकार उसके साथ सख्ती से पेश आएगी.

राकेश टिकैत ने आज जिस तरीके से किसान आंदोलन को अब लखनऊ में करने का एलान किया है, उसे लेकर विपक्षी दल जहां किसानों के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं, तो वहीं सत्ताधारी बीजेपी साफ तौर पर कह रही है कि कुछ लोग इस आंदोलन के जरिए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं, ऐसे लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं.

राकेश टिकैत ने आज लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंदोलन के अगले चरण का एलान करते हुए कहा कि अगस्त महीने में उनका ये आंदोलन अलग-अलग जगहों पर होगा, साथ ही ये भी कहा कि अब लखनऊ को भी दिल्ली बनाने की किसानों ने तैयारी कर ली है.

उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस जहां उनके साथ खड़ी नजर आ रही है, तो वहीं बीजेपी साफ तौर पर कह रही है कि कुछ लोग इस पॉलिटिकली मोटिवेटेड आंदोलन के जरिए अपना राजनीतिक करियर बनाना चाहते हैं.

कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह का साफ तौर पर कहना है कि ना केवल उत्तर प्रदेश का बल्कि पूरे देश का किसान इस आंदोलन के साथ है, और अगर किसान लखनऊ में आंदोलन करते हैं तो कांग्रेस उनका साथ देगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तब तक उनके साथ खड़ी रहेगी जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं ले लेगी.

वहीं, राकेश टिकैत के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का साफ तौर पर कहना है कि किसान आंदोलन के नाम पर कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं, वो अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं.

पहले 26 जनवरी को लालकिले पर किसान आंदोलन के नाम पर जो अराजकता इन्होंने की, उसे देश भूला नहीं हैं और अब 15 अगस्त से पहले वैसे ही तैयारी है. अगर आजादी के जश्न में कोई खलल डालने की कोशिश करेगा तो सरकार उसके साथ सख्ती से पेश आएगी.

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन कुछ लोगों ने केवल जिद पाल रखी है. बीजेपी का साफ तौर पर कहना है कि दरअसल इसके जरिए कुछ लोग अपना राजनीतिक करियर बनाना चाहते हैं और ये सफल नहीं हो पाएंगे क्योंकि देश की जनता को सब पता है.

Related Articles

Back to top button