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संसद में मानसून सत्र में तीसरे हफ्ते की शुरुआत एक बार फिर हंगामे के साथ

संसद में मानसून सत्र का आज से तीसरा हफ्ता शुरू हो गया है. पहले 2 हफ्ते संसद के दोनों सदनों में हंगामे की वजह से कोई खास कामकाज नहीं हो सका. हालांकि सरकार और विपक्ष के बीच का गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है ऐसे में तीसरे हफ्ते की शुरुआत एक बार फिर हंगामे के साथ ही हो सकती है.

विपक्ष संसद के दोनों सदनों में पेगासस कथित जासूसी कांड और किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. जबकि सरकार का कहना है कि कथित जासूसी कांड पर केंद्रीय मंत्री सदन के दोनों सदनों में जवाब दे चुके हैं और रही बात बाकी मुद्दों पर चर्चा की तो वह तब हो सकती है जब विपक्ष शांतिपूर्वक माहौल में चर्चा के लिए तैयार हो.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून सत्र के पहले 2 हफ्तों में विपक्ष के हंगामे की वजह से लगातार कामकाज बाधित होने के चलते अब तक करीब 133 करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है.

आरोप-प्रत्यारोप के बीच सूत्रों का कहना है कि निर्धारित बैठक के 105 घंटे में संसद के दोनों सदन केवल 18 घंटे ही चल पाए. राज्यसभा में, केवल कोविड पर एक उचित बहस देखी गई, जबकि लोकसभा में कोई बहस नहीं हुई

हालांकि सरकार ने संसद के दोनों सदनों में महत्वपूर्ण कानून पारित किए. राज्यसभा में लगभग 11 घंटे के काम में, सरकार हंगामे के बीच मेरिन एड्स विधेयक, किशोर न्याय विधेयक और नारियल बोर्ड विधेयक में संशोधन पारित करने में सफल रही.

दूसरी ओर, लोकसभा ने 7 घंटे के काम में आईबीसी विधेयक पारित कर दिया, जबकि दोनों सदनों में राज्यसभा में टीएमसी सांसद ने खूब हंगामा किया. शांतनु सेन को आईटी मंत्री से कागज छीनने के बाद निलंबित कर दिया गया था, जबकि लोकसभा, में विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में कागजात फेंके. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर गतिरोध का आरोप लगा रही है.

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