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हरियाणा में हल्की बारिश की संभावना के साथ आसमान में छाए रहेंगे बादल

दिल्ली-एनसीआर में आज यानी शनिवार को सुबह से आसमान में काले घने बादल छाए रहने के साथ हल्‍की बारिश होने की संभावना है. हालांकि दोपहर बाद धूप खिल सकती है.

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्‍ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद समेत आसपास के कई इलाकों में 23 सितंबर तक हल्की बारिश की संभावना के साथ आसमान में बादल छाए रहेंगे.

वहीं, मौसम विभाग ने राजस्‍थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के मैदानी इलाकों में आज (18 सितंबर) बारिश होने की संभावना जताई है.

वहीं, इस बार मानसून की सक्रियता 29 सितंबर तक लोगों को तरबतर करती रहेगी. जबकि दिल्ली में भी दो सप्ताह तक रुक-रुककर बारिश होने की संभावना है. इस वजह से दिल्ली सितंबर के महीने में बारिश का 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगी.

इसके अलावा देश में इस वर्ष मानसून लंबे समय तक बना रह सकता है, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘अगले 9 दिनों तक उत्तर भारत से मानसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं.’

भारत मौसम विज्ञान विभागके आंकड़ों के मुताबिक, इस साल बेहतर मानसून के कारण दिल्ली में अब तक 1170.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो 1964 के बाद से सबसे अधिक और

अब तक की तीसरी सर्वाधिक बारिश है. 1975 में 1,155.6 मिमी और 1964 में 1190.9 मिमी बारिश हुई थी. अब तक की सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 1933 में हुई 1,420.3 मिमी वर्षा का है.

मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को हरियाणा में मौसम साफ रहेगा और पूरे दिन धूल खिली रहने की संभावना है. हालांकि इस दौरान 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती रहेंगी. अगर हिमाचल प्रदेश की बात करें तो आज आंशिक रूप से बादल छाये रहेंगे और कुछ जगह गरज के साथ बूंदाबांदी हो सकती है.

मौसम विभाग के मुताबिक, 18 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में मौसमी चक्रवात बन रहा है, जो उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ेगा. इससे पूर्वी और मध्य भारत में जमकर बारिश होगी. इस कड़ी में ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी तेज बारिश की संभावना है.

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, दो सप्ताह से पहले मानसून का लौटना मुश्किल है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में दो मौसमी चक्रवात की स्थितियां बन रही हैं. इस वजह से समूचे पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में अधिक बारिश की संभावना है.

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