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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित किया

इन सभी परियोजनाओं के शेष कार्यों को हर हाल में माह नवम्बर तक पूर्ण किए जाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना (ललितपुर), रतौली बांध परियोजना (महोबा) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने मसगांव एवं चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना (हमीरपुर), कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना (महोबा) सहित बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों में सिंचाई सुविधा सम्बन्धी परियोजना (झांसी) की भी समीक्षा की। उन्होंने इन सभी परियोजनाओं के शेष कार्यों को हर हाल में माह नवम्बर तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए, जिससे सम्बन्धित क्षेत्रों की जनता को इन परियोजनाओं का शीघ्र लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्षों से लम्बित सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना अब पूर्णता की ओर हैं। इनके शेष कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा आदि जनपद लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए। परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पंचनद सिंचाई परियोजना के प्रस्ताव पर शीघ्रता से कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के चैनलाइजेशन का कार्य निरन्तर जारी रहे और आगामी वर्ष हेतु बाढ़ बचाव के कार्यों की तैयारी अभी से सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा किए गए कार्यों के दृष्टिगत इस वर्ष बाढ़ से होने वाले क्षति को व्यापक स्तर पर नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री जी को अधिकारियों ने अवगत कराया कि सरयू नहर परियोजना से सम्बन्धित सरयू बैराज एवं राप्ती बैराज पूर्ण हो चुके हैं। शेष कार्यों को भी निर्देशों के क्रम में समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराया जाएगा। अर्जुन सहायक परियोजना से महोबा, हमीरपुर एवं बांदा जनपद लाभान्वित होंगे। इस परियोजना के तहत अर्जुन फीडर चैनल, कबरई फीडर चैनल, चन्द्रावल बांध भरने हेतु स्केप चैनल, कबरई बांध उच्चीकरण, कबरई मुख्य नहर एवं वितरण प्रणाली सम्बन्धी कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। शेष कार्यों को नवम्बर माह तक पूर्ण करा लिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि 512.74 करोड़ रुपए लागत की भावनी बांध परियोजना (ललितपुर) से 3800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। रतौली बांध परियोजना (महोबा) की लागत 54.28 करोड़ रुपए है। इससे 1050 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। मसगांव एवं चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना (हमीरपुर) की लागत 18.27 करोड़ रुपए है। इससे 600 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन होगा। कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना (महोबा) की लागत 76.48 करोड़ रुपए है, जिसकी सिंचन क्षमता 2700 हेक्टेयर है। इसके अलावा, 246.84 करोड़ रुपए लागत की बबीना ब्लॉक के 15 ग्रामों में सिंचाई सुविधा सम्बन्धी परियोजना (झांसी) के पूर्ण हो जाने पर 4400 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता सृजित होगी। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य माह नवम्बर में निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के अनुसार कार्य प्रगति पर है। यह सभी परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूर्ण हो जाएंगी।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, जल शक्ति राज्यमंत्री श्री बलदेव ओलख, अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री राधा एस0 चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जिला पंचायत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की सर्वाेच्च संस्था है। जिला पंचायत अध्यक्ष जनपद का प्रथम नागरिक है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद के जिला पंचायत अध्यक्ष 15 लाख से लेकर 65 लाख तक की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अनेक देशों की आबादी भी इतनी नहीं है। इसलिए आप सब जिला पंचायत अध्यक्ष की प्राथमिकता जनविश्वास पर खरा उतरने की होनी चाहिए। आप सब प्राथमिकता तय कर उसके अनुसार कार्य करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि आप सबकी कार्य पद्धति का आदर्श एवं प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कार्य पद्धति होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां योजना भवन में प्रदेश के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का अपना महत्व है। प्रशिक्षण, पारस्परिक संवाद से एक-दूसरे के अनुभव से परिचित होने तथा जहां भी कुछ अच्छा घटित हो रहा है, उसे अंगीकार करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि नया और अच्छा सीखने की इच्छा व्यक्ति को निरन्तर बेहतर बनाती है। अच्छा शिक्षक जीवनपर्यन्त अच्छा छात्र बनने का प्रयास करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री चुने जाने के पश्चात सफल और प्रभावी ढंग से देश की 125 करोड़ की आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने वैश्विक मंच पर देश का सम्मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री जी ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जाति, मत, मजहब आदि के आधार पर नहीं, बल्कि गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं तथा अन्तिम पायदान के व्यक्ति को ध्यान में रखकर लागू किया। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में यह विशिष्टता दिखायी देती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंकों में गरीबों के खाते खोले गये। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनता को पूरी पारदर्शिता के साथ सुलभ कराने में जनधन खातों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इससेे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित व्यक्तियों के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि का अन्तरण सम्भव हुआ। लाभान्वित व्यक्ति को योजना का पूरा लाभ प्राप्त हुआ। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान गरीबों के खाते में आर्थिक सहायता धनराशि प्रेषित की जा सकी। उन्होंने कहा कि जनधन खाते जनविश्वास का प्रतीक बने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को बिना किसी भेदभाव के आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 करोड़ देशवासियों को शौचालय की सुविधा सुलभ करायी गयी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत बड़ी संख्या में पात्र परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्हांेने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में रसोई गैस कनेक्शन अथवा सिलेण्डर प्राप्त करना बहुत कठिन था। वर्तमान सरकार गरीबों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दे रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार ने हर क्षेत्र व हर वर्ग के लिए कार्य किया है। लगभग एक शताब्दी पूर्व एक महामारी में दुनिया के लगभग ढाई करोड़ लोगों की मृत्यु हो गयी थी। उस समय बीमारी से अधिक मौतें भूख से हुई थी। प्रधानमंत्री जी ने वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान देशवासियों के जीवन और जीविका को बचाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्षों में 56 प्रतिशत महिलाओं की संख्या होने की प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जिला पंचायत के रूप में निर्वाचित प्रत्येक व्यक्ति का अपना कार्यक्षेत्र एवं पृष्ठभूमि है। परिवार के संचालन में विशिष्ट संवाद एवं समन्वय की जरुरत पड़ती है। इसका महिलाओं का अपना अनुभव होता है। जिला पंचायतों को इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शीर्ष संस्था से जाने वाला संदेश क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत से होता हुआ अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक जाएगा। इसे ध्यान मंे रखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकारियों के साथ पारस्परिक संवाद एवं समन्वय के साथ कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में जिला पंचायतों में 2900 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध है। इसका तेजी से सदुपयोग विकास कार्याें में किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत शासन द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार शीघ्र कार्ययोजना तैयार कर उसके अनुरूप कार्य प्रारम्भ किया जाना चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी/जिला अधिकारी के साथ संवाद कर कार्ययोजना बनाकर लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन ला सकने वाले कार्याें को मूर्तरूप दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना संचालित की जा रही है। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार सुलभ कराने में इस योजना की उपयोगी भूमिका है। योजना के तहत प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पाद को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 में प्रारम्भ की गयी यह योजना वर्ष 2020 के केन्द्रीय बजट में भी सम्मिलित की गयी। प्रधानमंत्री जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र की पृष्ठभूमि में भी ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना है। लोक भवन के भूतल पर विभिन्न जनपदों के एक जनपद एक उत्पाद योजना के उत्पादों को डिस्प्ले किया गया है। प्रत्येक जिला पंचायत में भी सम्बन्धित जनपद के योजना के तहत चिन्हित उत्पाद को डिस्प्ले किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला पंचायत को अपनी आय बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। जिला पंचायत के पास अपनी भूमि, बाजार आदि अनेक संसाधन हैं। जिला पंचायत आत्मनिर्भर हो जाएं तो जनपदवासियों के लिए उपयोगी सुविधाएं स्वयं विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही ‘मातृभूमि योजना’ प्रारम्भ करने जा रही है। इस योजना के तहत ग्राम सचिवालय, सामुदायिक केन्द्र जैसे निर्माण कार्याें में स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाएगा। निर्माण कार्य पर व्यय होने वाली आधी धनराशि सरकार तथा आधी सम्बन्धित व्यक्ति व्यय करेगा। संस्था का संचालन दोनों मिलकर करेंगे। जिला पंचायत भी इस दिशा में कार्य कर सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में बेसिक शिक्षा विद्यालयों में जनसहयोग के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प का संचालन किया गया। इसके माध्यम से 01 लाख 38 हजार विद्यालयों में फ्लोरिंग, शौचालय, पेयजल, कुछ विद्यालयों मंे फर्नीचर, कुछ विद्यालयों मंे स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सफलता मिली। जिला पंचायत इसी तर्ज पर अपने क्षेत्र में ओपन जिम, खेल के मैदान, सड़क जैसी विभिन्न सुविधाओं को विकसित करा सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर में नल का कनेक्शन पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। शुद्ध पेयजल सुलभ हो जाने से लगभग आधी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध जल प्राप्त हो, इसके लिए प्रभावी ढंग से कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बहुत से कार्याें को कंवर्जेन्स के माध्यम से सम्पन्न कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोवंश कृषि परम्परा का आधार रहा है। आज भी इस पर लोगों की गहरी आस्था है। जिला पंचायत द्वारा कांजी हाउस का संचालन किया जाता है। कांजी हाउस को गोरक्षा और गोसंवर्धन के रूप में संचालित किया जाना चाहिए। विभिन्न जनपदों मंे जिला पंचायत द्वारा गोवंश आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है। इन स्थलों पर गोवंश के बेहतर रख-रखाव, चारे, साफ-सफाई, गोवंश को सर्दी व गर्मी से बचाने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। इस कार्य में जिला प्रशासन का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। प्रत्येक ग्राम पंचायत मंे गो आधारित खेती के साथ-साथ गोबर गैस को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गो आधारित खेती से उत्पन्न उत्पाद आरोग्यता का माध्यम बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला पंचायत द्वारा कराए जाने वाले कार्याें को गुणवत्ता व समयबद्धता के साथ सम्पादित किया जाना चाहिए। इसके लिए कार्याें की नियमित समीक्षा करनी होगी। मौके पर जाकर कार्याें की गुणवत्ता को देखना होगा। निर्माण कार्याें के गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पन्न होने तथा हैण्डओवर हो जाने के पश्चात सम्बन्धित कॉन्टैªक्टर भुगतान भी समय से होना चाहिए। जिला पंचायत के अध्यक्ष के रूप में जिला पंचायत की सम्पत्ति की रक्षा का दायित्व भी आप सबका है। इस सम्बन्ध में पूरी सजगता बरती जानी चाहिए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि संविधान में 73वें संविधान संशोधन के पश्चात जिला पंचायत को संवैधानिक दर्जा मिला। इससे जिला पंचायत को ग्रामीण विकास के लिए कार्य करने की धुरी बनने का अवसर मिला। उन्हांेने कहा कि पंचायतों द्वारा विगत 03 वर्षाें में अपने कार्याें को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन मंे पंचायतीराज विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। कोविड-19 का संक्रमण नियंत्रित करने तथा कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से वापस आए श्रमिकों के भरण-पोषण में पंचायतीराज विभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया।
कार्यक्रम के अन्त मंे पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के सम्बन्ध में संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यक्रम के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष बुलन्दशहर, जिला पंचायत अध्यक्ष फर्रुखाबाद, जिला पंचायत अध्यक्ष मेरठ, जिला पंचायत अध्यक्ष जालौन एवं जिला पंचायत अध्यक्ष फतेहपुर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर विभिन्न जनपदों के जिला पंचायत अध्यक्ष, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरित किये

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से कार्य करने में आसानी व पारदर्शिता आती है। इसके इस्तेमाल से कार्य क्षेत्र में दक्षता आती है। यह कार्य को सम्पादित करने वाले व्यक्ति को सम्मान का पात्र भी बनाती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया जा रहा स्मार्ट फोन उनकी कार्य पद्धति को स्मार्ट बनाएगा। इसके माध्यम से आप सब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री शासन-प्रशासन एवं जनविश्वास जीतकर अपनी पहचान बना सकती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने आज लोक भवन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने अपने कर कमलांे द्वारा 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किये। उन्होंने ‘एक संग मोबाइल एप’ लॉन्च किया। इस अवसर पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।
ज्ञातव्य है कि इस अवसर पर प्रदेश में पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए 1,23,000 ‘स्मार्ट फोन’ एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 1,87,000 ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरित किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्य रूप से कहने के लिए यह केवल ‘स्मार्ट फोन व ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ के वितरण का कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नींव के पत्थर के रूप में है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाए। इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे संसाधन उन लोगों को उपलब्ध कराए जाएं, जो शासन की योजनाओं को अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के प्रति लोगों में सम्मान व आदर का भाव बढ़ा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था की पहचान विपत्ति व आपत्ति के समय पता चलती है। जो व्यक्ति संकट आने पर भाग खड़ा हो, सहयोग न करे वह, कितना भी बड़ा, सम्पन्न व बुद्धिमान हो, अगर उसकी बुद्धिमत्ता व उसका ऐश्वर्य लोक कल्याण व समाज कल्याण के उपयोग में नहीं आ रहा है, तो उसका कोई महत्व नहीं है। संकट के समय सहयोगात्मक व लोक कल्याणकारी कार्य करने वाला ही महत्वपूर्ण होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर के समय प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रत्येक ग्राम व शहरी मोहल्लों में एक निगरानी समिति बनायी जाएगी। अप्रैल, 2021 में प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गयीं। इनके द्वारा घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति की पहचान कर संदिग्ध व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी गयी। इनकी सूची बनाकर अगले 24 घण्टे के अन्दर आर0आर0टी0 की टीम द्वारा जांच कराने की कार्यवाही की गयी। इस कार्य में 10 से 12 लोगों की एक टीम का गठन किया गया था, जिसमें आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, पार्षद, सहित ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायतीराज तथा राजस्व विभाग के कर्मी शामिल थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वर्करों एवं निगरानी समितियों के सहयोग से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित स्थिति में है। प्रदेश में कोरोना नियंत्रण एक मॉडल के रूप में सामने आया है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से एक महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व, राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का मॉडल प्रस्तुत कर चुकी है। वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों सहित प्रदेश के कुल 38 जनपदों में इन्सेफेलाइटिस रोग से मौतें होती थीं। इसमें अकेले बस्ती व गोरखपुर जनपद में प्रत्येक वर्ष डेढ़ से दो हजार बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी। प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस रोग से होने वाली 95 से 97 प्रतिशत मृत्यु को नियंत्रित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में कोरोना वॉरियर्स, खास तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा, ए0एन0एम0 ने अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करेंगे, तो समाज आपको सम्मान देगा। यही भूमिका आपको आगे बढ़ाएगी। कार्य करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से परिपक्व तथा आत्मविश्वास से भरपूर होता है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार तैयार करने के लिए संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। उसकी क्वॉलिटी की जांच की व्यवस्था की जा रही है। यह प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने व देश के औसत के समकक्ष लाने में मदद करेगा। इससे राज्य सरकार की दवा एवं अन्य खर्चाें में बचत होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले दिनों पोषण माह के कार्यक्रम में मैंने कहा था कि आंगनबाड़ी या आशा वर्कर का जितना पिछला मानदेय बकाया है, उसका तत्काल भुगतान किया जाए। विभाग ने उसकी कार्यवाही प्रारम्भ की है। यह पिछला वाला था। अभी सरकार उनको और भी देने जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी पूरी तन्मयता से कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में एक्साइज के क्षेत्र में हावी गिरोह को पारदर्शी कार्यपद्धति एवं नीतियों को लाकर पूरी तरह से समाप्त किया। जब भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बन्द कर दिये जाते हैं, तो विकास अपने आप बढ़ता हुआ दिखायी देता है। प्रदेश सरकार द्वारा सर्वांगीण विकास की नींव को रखने का कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इन आंगनबाड़ी भवनों को बाद में प्री-प्राइमरी के रूप में बनाने पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है।
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने बड़ी निष्ठा से कार्य किया। मुख्यमंत्री जी नेे वर्ष 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही, राज्य में गुड गवर्नेंस लाए। इस गुड गवर्नेंस का आधार ई-गवर्नेंस है। मुख्यमंत्री जी की मान्यता है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ई-गवर्नेंस से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक गुड गवर्नेंस की सोच को साकार नहीं किया जा सकता। इसके दृष्टिगत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘एक संग मोबाइल एप’ आंगनबाड़ी केन्द्रों को सामुदायिक भागीदारी का एक मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एवं संस्था अपनी सहायता प्रदान कर सकता है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चौहान, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, सूचना निदेशक श्री शिशिर, निदेशक राज्य पोषण मिशन श्री कपिल सिंह, निदेशक बाल विकास सुश्री सारिका मोहन सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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