मध्य प्रदेश सरकार की ‘चरण पादुका योजना’
मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव एवं अगले साल के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। शिवराज सिंह चौहान इन दिनों ‘चरण पादुका योजना’ के तहत तेंदूपत्ता बीनने वालों को मंच पर बुलाकर उन्हें अपने हाथों से जूते-चप्पल पहना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष जब मैं उमरिया जिले में भ्रमण पर आया था तो बाँधवगढ़ नैशनल पार्क जाते समय तेंदूपत्ता संग्राहकों से मिलने का अवसर मिला। वे नंगे पैर थे और उनके पास पीने के लिए पानी भी नहीं था। मैंने उनसे पूछा कि तुमने चप्पल क्यों नहीं पहनी हैं, तो उन्होंने बताया कि उनके पास चप्पल नहीं हैं। तभी मैंने निर्णय लिया कि इन गरीबों को चरण-पादुका, महिलाओं को धोती तथा पानी की कुप्पी निःशुल्क दी जायेगी, ताकि उनके पैर में कांटे न चुभे और वे जंगल में प्यासे न रहें।’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ‘चरण पादुका योजना’ की शुरुआत छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इस साल 14 अप्रैल को एक आदिवासी महिला को अपने हाथों से मंच पर चप्पल पहनाकर की थी। इस योजना के तहत देश में तेंदूपत्ता बीनने वालों को चप्पलें एवं जूते दिए जा रहे हैं, जिससे वह जंगलों में आसानी से चल सकें। इसके बाद 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश में चरण-पादुका योजना सिंगरौली जिले से शुरू की।
19 अप्रैल से लेकर अब तक इन सम्मेलनों में छह लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण-पादुकाएं एवं पानी की बोतल दी गई है। तेंदूपत्ता संग्राहक पुरूष को एक जोड़ी जूते एवं पानी की एक बोतल तथा महिलाओं को एक जोड़ी चप्पल, साड़ी एवं पानी की एक-एक बोतल दी जा रही है। त्रेता युग में भगवान राम की पादुका को सिंहासन पर रखकर भरत ने उनका प्रतिनिधि बनकर शासन चलाया था और अब आदिवासी बहुल दो राज्यों छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चरण पादुका से सत्ता तक पहुंचने का रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है।