LIVE TVMain Slideदिल्ली एनसीआरदेश

दिल्‍ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की आज एक बार फिर हुई मीटिंग

केंद्र सरकार द्वारा संसद में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने के बावजूद किसान आंदोलन जारी है. इस बीच दिल्‍ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की सुबह 11 बजे मीटिंग होगी.

इसमें किसान आंदोलन को लेकर अहम फैसला हो सकता है. यही नहीं, इस दौरान एमएसपी कानून पर कमेटी बनाने के लिए पिछले दिनों सरकार द्वारा अनौपचारिक रूप से किसान संगठनों से पांच नाम मांगे गए थे,

लिहाजा इस मीटिंग में इन नामों पर मुहर लगाई जा सकती है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी पर लिखित प्रस्ताव नहीं मिला है.

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज मीटिंग में आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा और सरकार बातचीत करेगी तो कैसे बातचीत करनी है, इस पर चर्चा होगी.

साथ ही उन्‍होंने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अधिकारियों और किसानों की शुक्रवार को बात हुई, जिसमें प्रदर्शन से संबंधित मामलों को वापस लेने पर सहमति बनी,लेकिन मुआवजे पर सहमति नहीं बनी है.

संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में इस बात पर भी फैसला होगा कि नाम भेजे जाएंगे या फिर सरकार से औपचारिक संदेश का इंतजार किया जाएगा. जबकि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार एमएसपी पर बन रही कमेटी की समयसीमा के बारे में पूछा है.

सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में किसान आंदोलन खत्म होगा या नहीं इसको लेकर भी फैसला होगा, क्‍योंकि पंजाब के अधिकांश किसान संगठन आंदोलन खत्म करने पक्ष में हैं.

उनका कहना है कि जिस मांग को लेकर वह यहां आए थे, वह पूरी हो चुकी है. हालांकि कुछ किसान नेता एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज केस वापस लेने और मृतक किसान परिवारों को मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हैं.

इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसान नेताओं के बीच शुक्रवार शाम को करीब पौने 3 घंटे मीटिंग चली थी, जो कि बेनतीजा रही. इसके बाद मीटिंग के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार से उनकी मांगों पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

हरियाणा सरकार ने उनके मुद्दों पर दोबारा मीटिंग के लिए कोई न्यौता नहीं दिया है. मीटिंग में सरकार का रुख न तो बहुत ज्यादा नरम था और न ही बहुत ज्यादा सख्त.

Related Articles

Back to top button