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प्रधानमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को दी 10 हजार करोड़ रुपये की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना उस पर बड़ा हमला बोला। कहा कि लाल टोपी
वाले यूपी के लिए “रेड अलर्ट” हैं यानी जनता के लिए खतरे की घंटी। लाल टोपी वालों को तो बस लालबत्ती
से मतलब है, इनका जनता के दुख दर्द से कोई लेना- देना नहीं। लोहिया और जयप्रकाश के आदर्शों को तो ये
लोग न जाने कबका छोड़ चुके हैं। इन लोगों को सत्ता चाहिए, घोटाला करने के लिए, अपनी तिजोरियों को
भरने के लिए, जमीनों पर कब्जा करने के लिए, माफिया को लूट की खुली छूट देने के लिए, आतंकवादियों
पर मेहरबानी करने और उन्हें जेलों से रिहा करने के लिए।
पीएम मोदी मंगलवार को गोरखपुर में खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की क्षेत्रीय इकाई रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) के
लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को 10 हजार करोड़ रुपये की लागत
वाली इन तीन बड़ी विकास परियोजना की सौगात देने के बाद उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते
हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से आज के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में पूर्व की
सरकारों की बेरुखी और उनका दोहरा रवैया भी याद आ रहा है। गोरखपुर का बंद पड़ा खाद कारखाना इस
समूचे क्षेत्र के किसानों व रोजगार के लिए कितना जरूरी था, लेकिन पूर्व की सरकारों को इसमें दिलचस्पी
नहीं थी। एम्स की मांग भी यहां वर्षों से थी। 2017 के पहले की सरकार जमीन देने में ही आनाकानी करने में
जुटी थी। पीएम मोदी ने कहा कि एम्स को लेकर बात जब आर-पार की आ गई तब जमीन आवंटित की गई।
आज का यह कार्यक्रम उन लोगों को करारा जवाब दे रहा है जिन्हें टाइमिंग पर सवाल उठाने का शौक है।
नेक नीयत से हो काम तो आपदाएं अवरोध नहीं बनतीं
पीएम मोदी ने कहा कि गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स की शुरुआत एकसाथ अनेक संदेश दे रहा है।
यह डबल इंजन की सरकार में डबल तेजी से काम का प्रमाण है। इस बात का भी संदेश है कि जब नेक नीयत

से काम होते हैं तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बनतीं हैं। गरीबों, शोषितों, वंचितों की सेवा करने वाली सरकार
परिश्रम करती है तो परिणाम भी दिखाई देता है। पीएम ने कहा कि आज का यह आयोजन इस बात का भी
सबूत है कि नया भारत ठान लेता है तो कुछ भी असंभव नहीं है।
2014 से पहले बेहद खराब थी फर्टिलाइजर सेक्टर की स्थिति
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के पहले देश में फर्टिलाइजर सेक्टर की स्थिति बेहद खराब थी। उस समय कई
बड़े खाद कारखाने वर्षों से बंद पड़े थे। खाद का आयात बढ़ता जा रहा था। खेती के लिए उपलब्ध यूरिया का
इस्तेमाल चोरी से और कामों में हो रहा था। देशभर में यूरिया की किल्लत सुर्खियों में होती थी। खाद पाने के
लिए किसानों को लाठी -गोली खानी पड़ती थी। पीएम मोदी ने कहा कि देश को इसी स्थिति से निकलने के
लिए हमने तीन सूत्रों पर एक साथ काम शुरू किया।
पहला नीम कोटिंग करके यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका गया। दूसरा करोड़ों किसानों को सॉयल हेल्थ
कार्ड दिए गए ताकि उन्हें पता चल सके कि उनकी खेती के हिसाब से किस प्रकार की खाद की जरूरत है।
तीसरा यूरिया का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया।
बंद खाद कारखानों पर लगाई पूरी ताकत
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंद खाद कारखानों पर पूरी ताकत लगाई गई। इसी के अंतर्गत गोरखपुर और देश के
चार और बंद पड़े कारखाने चुने गए। उनमें से एक आज गोरखपुर में शुरू हो गया है, बाकी अगले वर्षों में चालू
हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्लांट शुरू कराने को लेकर एक और भागीरथ कार्य किया गया। भागीरथ जी गंगा
जी को लाए थे, वैसे ही कारखानों में ईंधन की उपलब्धता के लिए पीएम ऊर्जा गंगा को लाया गया। इसके
लिए हल्दिया से जगदीशपुर तक पाइप लाइन बिछाई गई। इससे कारखाने को ईधन मिल ही रहा है, पूर्वी
भारत के दर्जनों जिलों में पाइप से सस्ती गैस भी मिल रही है।
यूरिया मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है देश
पीएम मोदी ने कहा कि यूरिया उत्पादन मामले में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें गोरखपुर खाद
कारखाना की भी बड़ी भूमिका होगी। पांचों प्लांट के चालू हो जाने पर देश में 60 लाख टन अतिरिक्त यूरिया
उपलब्ध होगी। आयात के लिए हजारों करोड़ रुपये विदेश नहीं भेजने पड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद
मामले में आत्मनिर्भरता क्यों जरूरी है, इसे पूरी दुनिया ने कोरोनाकाल में देखा। लॉक डाउन में एक देश से
दूसरे देश मे आवाजाही बंद था, सप्लाई चेन टूट गई थी। इससे खाद की कीमतें बहुत ही अधिक बढ़ गईं।
किसानों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़े दाम का बोझ नहीं पड़ने दिया

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद की कीमतों में वृद्धि को बोझ संवेदनशील और समर्पित
सरकार ने किसानों पर नहीं पड़ने दिया। इसी साल एनपीके पर 43 हजार करोड़ और यूरिया पर 33 हजार
करोड़ रुपये की सब्सिडी बढ़ाई गई ताकि किसानों पर कोई भार न आए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार
में जहां यूरिया 60-65 रुपये किलो है तो वहीं भारत मे 10-12 गुना सस्ती यूरिया देने का प्रयास किया गया।
खाने के तेल में भी हासिल करेंगे आत्मनिर्भरता
पीएम ने खाने के तेल के मामले में भी देश के आत्मनिर्भरता की राह पर चलने का जिक्र किया। कहा कि
खाने के तेल के आयात पर भारत हजारों करोड़ रुपये विदेश भेजता रहा है। देश में पर्याप्त खाद्य तेल उत्पादन
के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया है।
पहले खाड़ी का तेल, अब झाड़ी का तेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पेट्रोलियम उत्पादों के विकल्प के रूप में बायो फ्यूल को बढ़ावा देने
के प्रयासों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल पर देश प्रतिवर्ष 5-7 लाख करोड़ रुपए खर्च
करता है। इसके चलते अब एथेनॉल और बायोफ्यूल पर जोर दिया जा रहा है। पीएम में कहा कि पूर्वी उत्तर
प्रदेश तो गन्ना किसानों का गढ़ है। यहां एथेनॉल उनकी अतिरिक्त कमाई का बेहतर साधन हो सकता है।
इसके लिए यूपी की कई फैक्ट्रियों में काम चल रहा है। पहले यूपी से 20 करोड़ लीटर एथेनॉल तेल कम्पनियों
को भेजा जाता था, अब 100 करोड़ लीटर भेजा जा रहा है।
पीएम ने रोचक अंदाज में एथेनॉल से हो रहे फायदे की ओर यक कहकर इशारा किया, ‘पहले खाड़ी के तेल
आता था, अब झाड़ी का तेल आने लगा है।”
पर्याप्त यूरिया के साथ रोजगार और स्वरोजगार के हजारों अवसर देगा कारखाना
पीएम मोदी ने कहा कि खाद कारखाने के शिलान्यास में उन्होंने कहा था गोरखपुर इस क्षेत्र के विकास की
धुरी बनेगा। आज यह सच होता दिख रहा है। गोरखपुर का यह खाद कारखाना न केवल पर्याप्त यूरिया देगा
बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के हजारों नए अवसर भी उपलब्ध कराएगा। इससे आर्थिक विकास की नई
संभावना जागृत हुई है। अनेक प्रकार के बिजनेस, सहायक उद्योग, ट्रांसपोर्टेशन और सर्विस सेक्टर को भी
बढ़ावा मिलेगा।
योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए किए अभूतपूर्व कार्य
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि योगी
सरकार ने गन्ना किसानों के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। किसानों के हित में गन्ने का लाभकारी मूल्य बढ़ाया
है तो अपने साढ़े साल के कार्यकाल में ही इतना भुगतान किया है जितना पूर्व की दो सरकारों ने 10 साल में

भी नहीं किया था। गन्ना किसान नहीं भूल सकता कि पूर्व की सरकार ने गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए रुला
दिया था। किस्तों के पैसे में भी महीनों का अंतर होता था। चीनी मिलों के खेल और घोटाले जगजाहिर हैं।
एम्स से मिलेगी इंसेफेलाइटिस से मुक्ति अभियान को मजबूती
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह बड़ा क्षेत्र सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज के भरोसे था। गरीब व
मध्यम वर्ग के लोगों को इलाज के लिए लखनऊ और वाराणसी जाना पड़ता था। 5 वर्ष पहले यहां
इंसेफलाइटिस की क्या स्थिति थी, यह मुझसे बेहतर आप सभी लोग जानते हैं। मेडिकल कॉलेज में रिसर्च के
लिए भवन तक नहीं था। आप लोगों ने सेवा का अवसर दिया तो इतना बड़ा एम्स बनकर तैयार है और
आरएमआरसी की बिल्डिंग भी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं एम्स का शिलान्यास करने आया था तो कहा
था कि इंसेफलाइटिस से राहत दिलाने को जमकर और मिलकर मेहनत करेंगे। आज वह मेहनत जमीन पर
दिख रही है।
अब तो दुनियाभर में योगी के कार्यों को सराहा जा रहा
पीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से गोरखपुर बस्ती मंडल के सात जिलों में
इंसेफलाइटिस की बीमारी 90% से भी कम हो गई है। जो बीमार हो भी गए तो उनमें से अधिकाधिक लोगों
का जीवन बच रहा है। अब तो योगी जी के कामों की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। पीएम ने कहा कि
एम्स और आरएमआरसी से इंसेफलाइटिस से मुक्ति अभियान को मजबूती मिलेगी। साथ ही अनेक
संक्रामक बीमारियों से बचाव में भी मदद होगी।
सस्ती व सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवा देश को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य सेवा सस्ती हो और सर्व सुलभ हो।
उन्होंने कहा कि मैंने लोगों को इलाज के लिए चक्कर लगाते, उधारी लेते और जमीन गिरवी रखते तक देखा
है। पहले यह समझा जाता था कि एम्स सिर्फ बड़े शहरों में ही होते हैं। हमारी सरकार इसे सुदूर इलाकों तक ले
जा रही है। आजादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ एक एम्स था। अटल जी ने छह एम
स्वीकृत किए थे। 7 वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर काम चल रहा है। पीएम ने कहा कि उनकी मंशा है कि हर
जिले में एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। खुशी की बात है कि उत्तर प्रदेश इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कहा कि उत्तर प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण का अवसर भी मुझे प्राप्त हुआ। उत्तर प्रदेश सरकार
ने स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इसी से यूपी 17 करोड़ कोविड वैक्सिनेशन के पड़ाव पर
पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उनके लिए 130 करोड़ देशवासियों नक स्वास्थ्य, सुविधा, समृद्धि सर्वोपरि है।
फेमिली हेल्थ सर्वे का सकारात्मक संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सम्मान व सुविधा के लिए सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है।
पक्के मकान, शौचालय, बिजली, गैस, पानी, पोषण व टीकाकरण की सुविधाएं गरीब बहनों को मिली हैं।
उन्होंने कहा कि फैमिली हेल्थ सर्वे से सकारात्मक संदेश आए हैं। पहली बार महिलाओं की संख्या पुरुषों से
आनुपातिक रूप से अधिक बढ़ी है। जमीनों पर महिलाओं का मालिकाना हक बढ़ा है और उत्तर प्रदेश इस
मामले में टॉप राज्यों में है। बैंक खातों और मोबाइल के उपयोग में भी महिलाओं की संख्या बढ़ी है।
डबल ताकत से सेवा में जुटी है डबल इंजन सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार डबल ताकत से लोगों की
सेवा और जीवन को आसान बनाने में जुटी है। विरासत में मिली मुसीबतें आप की संतानों को भी विरासत में
देने की नौबत ना आने पाए, इसके लिए हम बदलाव लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पहले गरीबों को राशन
नहीं मिलता था। आज उनके लिए सरकारी गोदाम खोल दिए गए हैं योगी सरकार ने पूरी ताकत से कोरोना
संक्रमण में लोगों तक अन्य पहुंचाया। उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। अब तो यह
योजना होली तक बढ़ा दी गई है।
योगी ने हर जिले को वीआईपी बना दिया
पीएम ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के कुछ वीआईपी जिलों में ही बिजली मिलती थी। आज योगी जी ने हर
जिले को वीआईपी बना दिया है। हर गांव को बराबर और भरपूर बिजली मिल रही है।
माफिया जेल में तो यूपी में खुलकर निवेश
कानून व्यवस्था की बेहतरी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने कहा कि आज माफिया जेल में है तो निवेशक दिल खोल कर यूपी में निवेश कर रहे हैं। जबकि पहले
अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार पर यूपी की जनता को पूरा
भरोसा है।

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