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आइये आज जाने क्या होते है हार्टबर्न के लक्षण ?

शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे हर्ट बर्न या छाती में जलन जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा होगा. यह बहुत ही असहज स्थिति है जिसमें अचानक ऐसा लगता है कि उसकी छाती में दर्द हो रहा है या छाती चारों ओर से बंद हो गई है. इसे हम छाती में दर्द या हर्टबर्न तो कहते हैं लेकिन वास्तव में यह हर्टबर्न होता नहीं है क्योंकि इसका हार्ट से कोई लेना-देना नहीं है.

हालांकि इसके कुछ लक्षण हार्ट अटैक या स्ट्रोक से मिलते-जुलते हैं. जब गले से पेट की ओर जाने वाली नली यानी एसोफेगस में इरीटेशन या हलचल मचती है तो हर्टबर्न होता है. इस स्थिति में ऐसा महसूस होता है कि छाती के आसपास कुछ जलन सी हो रही है.

यह भी कहा जाता है कि हार्टबर्न कोई बीमारी नहीं है. यह एक लक्षण है जो एसिड रिफलेक्स की वजह से होता है. इसे इस तरह समझा जा सकता है कि आंत में मौजूद गैस जब गले की ओर उल्टी दिशा में आने लगती है तब हार्टबर्न करने लगता है.

छाती के मध्य हिस्से या ब्रेस्टबोन के आस-पास अचानक जलन महसूस होना.
गले में भी जलन महसूस होना.
झुकने, मुड़ने पर छाती में दर्द का अनुभव होना.
गर्म, एसिडिक, नमकीन और खट्टा टेस्ट.
निगलने में कठिनाई होना.
जी मिचलाना या मतली आना.

वेबएमडीकी खबर के अनुसार कुछ लोगों में हार्टबर्न शुरू होता है और कुछ समय अपने आप सही हो जाता है जबकि कुछ लोगों में यह घंटों तक परेशान कर सकता है. अधिकांश लोगों को सप्ताह में एक बार हार्टबर्न होता है लेकिन कुछ ही मिनट में यह अपने आप ठीक भी हो जाता है.

ग्रासनली या एसोफेगस जहां आंत से मिलता है वहां इसे बंद करने और खोलने के लिए इसमें एक मस्कुलर वाल्व लगा रहता है इसे लोअर एसोफेगल स्फींग्टर कहते हैं. यह कपाट या वाल्व तभी खुलता है जब भोजन पेट की ओर जा रहा होता है या कभी-कभी डकार लेने के समय खुलता है.

जब यह सही से काम करता है तो पेट में मौजूद कई तरह के एसिड पेट में रहकर अपना काम करता है लेकिन जब वाल्व या एलईएस बार-बार खुलने लगता या ठीक से बंद नहीं होता तो पेट का एसिड उपर की ओर उठकर ग्रासनली में आने लगता है. जब पेट में प्रेग्नेंसी, मोटापा या कॉन्स्टिपेशन की वजह से ज्यादा प्रेशर होता है तब भी एसिड उपर की ओर उठने लगता है.

जिस खाद्य पदार्थ में ज्यादा मात्रा में फैट या ऑयल रहता है उससे हार्टबर्न की समस्या हो सकती है. इसके अलावा ज्यादा मसाला भी हार्टबर्न का कारण बन सकता है. ज्यादा टमाटर, साइट्रस फूड, प्याज, अदरक, कॉफी, अल्कोहल, पिपरमिंट आदि से एसिड ज्यादा बनता है.

आमतौर पर हार्टबर्न में एंटासिड टैबलेट दिया जाता है. इसके अलावा घरेलू इलाज से भी इसे सही किया जा सकता है. तरबूज, केला, सेब, नाशपाती,ओटमील खाने से हार्टबर्न से आराम मिलता है. दही भी हार्टबर्न को भगाने का आसान उपाय है.

क्या करें कि हार्टबर्न हो ही नहीं
मोटापा पर लगाम रखें, वेट को बढ़ने न दें.
कार्बोनेटेट पेय पदार्थ का सेवन न करें.
ऐसा कपड़ा पहनें जो कमर पर प्रेशर न बनाएं.
ज्यादा न खाएं, कम-कम खाएं.
स्मोक न करें.
कब्ज को न होने दें.
पर्याप्त नींद लें.
खाने के बाद तुरंत बिस्तर पर न जाएं, तीन घंटे का इंतजार करें.

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