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स्वामी विवेकानंद की जयंती आज जाने इनके 09 अनमोल विचार

स्वामी विवेकानंद की जयंती आज पूरे देश में मनाई जा रही है. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं. स्वामी विवेकानंद को आध्यात्मिक गुरु का दर्जा प्राप्त है.

गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था. वे परमहंस जी से काफी प्रभावित थे. स्वामी विवेकानंद ने संसार को आध्यात्म का पाठ पठाया है, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है.

उन्होंने अपने अनमोल विचारों से युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं. आज भी उनके विचारों को लोग आत्मसात करके सफलता की नई कहानियां ​लिख रहे हैं. आज स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर जानते हैं उनके 09 अनमोल विचारों के बारे में.

स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार

  1. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि संभव की सीमा जानने का एक मात्र तरीका यह है, आप असंभव से भी आगे निकल जाएं.
  2. विवेकानंद ने लोगों को अपने विचारों में शुद्धता लाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि
    यह न भूलो कि बुरे विचार और बुरे काम व्यक्ति को पतन की ओर ले जाते हैं, जबकि अच्छे विचार और अच्छे कर्म लाखों देवदूतों के समान अनंतकाल तक आपकी रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं.
  3. स्वामी विवेकानंद ने विश्वास को बड़ा ही महत्व दिया है. उन्होंने कहा ​है कि आप जब तक स्वयं पर विश्वास नहीं करते हैं, तब तब आप ईश्वर पर भी विश्वास नहीं कर सकते हैं.
  4. विवेकानंद के सबसे प्रेरक विचारों में से एक विचार यह है कि उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न कर लो.
  5. स्वामी विवेकानंद ने इस बात पर बल दिया है कि व्यक्ति को कमजोर नहीं होना चाहिए. वे कहते हैं कि स्वयं को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप होता है.
  6. उन्होंने सफलता के लिए बताया है कि जब आप कोई नया काम करते हैं तो पहले उसका उपहास उड़ाया जाता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार कर लिया जाता है. इसलिए वे कहते हैं कि हर काम इन्हीं तीन अवस्था से गुजरती है, उपहास, विरोध और स्वीकृति.
  7. इंसान को हर दिन चुनौतियों का सामना कर उस पर​ विजय हासिल करनी चाहिए. स्वामी विवेकानंद कहते थे कि किसी दिन आपके सामने कोई चुनौती या समस्या न आए, तो आप समझ लो कि गलत रास्ते पर चल रहे हो.
  8. स्वामी विवेकानंद का कहना था कि अनुभव से ही व्यक्ति सीखता है, वही उसका सच्चा शिक्षक है. जीवन में हमेशा व्यक्ति को सीखते रहना चाहिए.
  9. असमंजस की स्थिति में जब आप निर्णय नहीं कर पाते हैं, तो स्वामी विवेकानंद ने कहा ​है कि दिल और दिमाग के टकराव में व्यक्ति को अपने दिल की सुननी चाहिए.

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