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मध्य प्रदेश में लगभग 2000 बच्चों को कोरोना ने लिया अपनी चपेट में

मध्य प्रदेश में कोरोना अब छोटे-छोटे बच्चों को भी अपनी जद में ले रहा है. 24 घंटे में मध्य प्रदेश में बच्चों के 122 मामले सामने आ चुके हैं. तीसरी लहर में यह आंकड़ा सबसे बड़ा है. अभी तक मध्य प्रदेश में लगभग 2000 बच्चों को कोरोना अपनी चपेट में ले चुका है.

मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर अब भारी पड़ती दिखाई दे रही है. हालांकि बच्चों की इम्युनिटी अच्छी होने की वजह से उन्हें अधिक खतरा नहीं पहुंच रहा है, लेकिन कुछ बच्चों को ऐतिहात के तौर पर हॉस्पिटलाइज भी किया गया है.

कोरोना स्पेशलिस्ट डॉक्टर एचपी सोनाने ने बताया कि जब बड़े कोरोना संक्रमित होते हैं तो उनके संपर्क में आने की वजह से छोटे-छोटे बच्चे भी चपेट में आ जाते हैं. इसी वजह से मध्य प्रदेश के उन शहरों में सबसे ज्यादा बच्चे संक्रमित हो रहे हैं,

जहां पर उनके अभिभावकों की तादाद भी अधिक है. यदि आंकड़ों की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में 1958 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव बच्चे सामने आ चुके हैं. इसके अलावा पिछले 24 घंटे की बात की जाए

तो मध्य प्रदेश 122 कोरोना पॉजिटिव बच्चे चिन्हित किए गए हैं. उज्जैन संभाग के रतलाम जिले में 10 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं. इन बच्चों के बेहतर इलाज को लेकर भी चिकित्सक लगातार कोशिश कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि सरकार 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को भी टीका लगा रही है. ऐसी स्थिति में भी कोविड पॉजिटिव बच्चों की संख्या का आंकड़ा बढ़ने से उनके पालकों की परेशानी भी बढ़ गई है.

चिकित्सक रौनक एलची के मुताबिक बच्चों की डाइट पर विशेष रूप से ध्यान रखे रखे जाने का समय है. उन्हें प्रतिदिन 15 से 30 मिनट तक क्षमता के अनुरूप व्यायाम भी करना चाहिए ताकि उन पर कोरोना का अधिक असर न पड़े.

मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में संक्रमित बच्चों की संख्या सर्वाधिक है. यहां पर बड़े भी अधिक संख्या में कोरोना पॉजिटिव निकल रहे है. खास बात यह है कि उक्त सभी जिलों में सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्र में बच्चे पॉजिटिव आ रहे हैं.

अभी भी देहात के इलाके में छोटे बच्चे अधिक संख्या में संक्रमित नहीं पाए जा रहे हैं. उदाहरण के लिए यदि शहरी क्षेत्र की बच्चों की पॉजिटिविटी की दर देखी जाए तो वह 3% है जबकि देहात के इलाके यह दर 0.5% है.

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