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मुख्यमंत्री ने जनपद अलीगढ़ के पं0 दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण कर अस्पताल में कोरोना उपचार व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद अलीगढ़ के पं0 दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण कर अस्पताल में कोरोना उपचार व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की।

निरीक्षण के उपरान्त, मुख्यमंत्री जी ने मीडिया के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी वेव के दौरान वे जनपद अलीगढ़ आये थे और यहां पर कोविड प्रबन्धन कार्यों का निरीक्षण किया था। थर्ड वेव के दौरान भी आज वह जनपद में कोविड प्रबन्धन के लिए शासन, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर की गयी व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना की थर्ड वेव वर्तमान में देश, प्रदेश सहित पूरी दुनिया में है। भारत के कोविड प्रबन्धन में जीवन एवं जीविका दोनों के बचाव का पूरा प्रबन्ध किया गया है, जिसकी सराहना पूरी दुनिया में हुई है। उन्होंने कहा कि देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबन्धन में पूरे देश में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की थर्ड वेव के अब तक आये परिणाम के आधार पर कहा जा सकता है कि यह वेव खतरनाक नहीं है, लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता व सावधानी आवश्यक है। इस वेव में संक्रमण तीव्र है, लेकिन सेकेण्ड वेव की तरह यह फेफड़ों को प्रभावित नहीं कर रहा है। इस वेव में गले के संक्रमण व वायरल फीवर के लक्षण मिल रहे हैं। 03 से 05 दिन में रिपोर्ट निगेटिव आ जा रही हैं। जबकि सेकेण्ड वेव में निगेटिव रिपोर्ट में 15 दिन से 01 महीने का समय लग रहा था। उन्होंने कहा कि सतर्कता व सावधानी की दृष्टि से प्रदेश में कोरोना प्रबन्धन के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल एक्टिव केस के 01 प्रतिशत लोग हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इनमें अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन या वेन्टिलेटर की आवश्यकता नहीं है। काफी कोविड मरीज ऐसे हैं, जिनके घर पर होम आइसोलेशन की सुविधा न होने के कारण आइसोलेशन की दृष्टि से उन्हें हॉस्पिटल की सुविधा दी गयी है। मरीज 03 से 05 दिन में कोरोना संक्रमण से निगेटिव होकर घर जा रहे हैं। शेष लोगों का उपचार होम आइसोलेशन में हो रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने में वैक्सीनेशन ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। भारत की स्वदेशी वैक्सीन बहुत प्रभावी है। इसे दुनिया में सराहा गया है। देश में अब तक लगभग 160 करोड़ कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। प्रदेश में गत दिवस तक लगभग 24 करोड़ 54 लाख कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। जनपद अलीगढ़ में 32 लाख 77 हजार कोरोना वैक्सीन की डोज दी गयी है। यहां पर कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज लगभग 97 प्रतिशत से अधिक तथा सेकेण्ड डोज लगभग 57 प्रतिशत पात्र लोगों को दी जा चुकी है। जनपद में 15 से 17 वर्ष आयुवर्ग के 02 लाख 57 हजार से अधिक किशोर बच्चों को वैक्सीन की डोज उपलब्ध करायी जा चुकी है। हेल्थ वर्कर्स तथा 60 वर्ष से ऊपर के को-मॉर्बिड नागरिकों को 13,783 प्रिकॉशन डोज उपलब्ध करायी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑक्सीजन की आत्मनिर्भरता के लिए प्रदेश में 551 ऑक्सीजन प्लॉण्ट लगाये गये, जो क्रियाशील हैं। जनपद अलीगढ़ में 11 ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित हुये हैं। इसमें पं0 दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में स्थापित 02 ऑक्सीजन प्लाण्ट शामिल हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोविड महामारी पूरी तरह नियंत्रण में है। कोरोना संक्रमण के प्रति सावधानी एवं सतर्कता के दृष्टिगत निगरानी समितियां डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कर मेडिसिन वितरण कर रही हैं। रैपिड रिस्पॉन्स टीम को भेजकर 24 घण्टे के अन्दर संदिग्ध व्यक्ति की कोविड जांच करवायी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरने और भागने की नहीं, बल्कि सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता है। बुजुर्ग, बीमार, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, कमजोर इम्युनिटी के लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, शेष लोगों को घर से बाहर निकलना हो तो मास्क जरूर लगायें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर अनावश्यक जाने से बचें।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन एक सुरक्षा कवच है। इसलिए ऐसे लोग जिन्होंने वैक्सीन की डोज नहीं ली है, वह वैक्सीन की दोनों डोज अवश्य ले लें। प्रदेश में सतर्कता के लिए निगरानी समिति एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से एक वृहद कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश सरकार प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और जीविका दोनों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में प्रत्येक कोविड संक्रमित व्यक्ति के उपचार के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में पर्याप्त संख्या में बेड एवं पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धता है। मेडिसिन एवं टेस्टिंग की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है।

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