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एमएआरडी है पुरूष पक्ष की आवाज़ उठाने वाली विश्व की पहली पार्टी कपिल मोहन

देश में आज कल महिला सुरक्षा के नाम पर पुरूष विरोधी प्रचार प्रसार करना एक फैशन सा बन गया है। जब भी कोई महिला सम्मान का हवाला देकर कानून बनाया जाता है तो उसमें सिर्फ  महिला के बयान को ही सत्य मानकर पुरूष पति परिवार पर कार्रवाई के नाम पर और कानून का आतंक दिखाकर उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया जाता है। उच्चतम न्यायलय ने 2005 में ही इसे कानूनी आतंकवाद का नाम तक दे दिया था। इसके बावजूद घर छोटी छोटी कहासुनी को हिंसा जोकि मार काट और बलवा आदि से बड़ा शब्द है जैसे शब्द देकर सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा का हवाला देकर घरेलू हिंसा से महिला सुरक्षा अधीनियम 2005 06 में लागू कर दिया गया। उक्त बातें यूपी प्रेसक्लब में मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कपिल मोहन चौधरी ने पत्रकारों से कहीं। आगे कहा कि वास्तव में पारिवारिक कलह का शिकार पुरूष ज्यादा होते हैं और सुनवाई न होने की दशा में महिला से दुगुने अधिक पुरूष आत्महत्या कर लेने पर मजबूर हैं।1967 से 2020 तक के एनसीआरबी के आंकड़े देखें तो विगत 53 सालों में कोई एक भी साल ऐसा नहीं है जहां महिलाओं की आत्महत्या दर अधिक रही हो। आज महिला की औसत उम्र भी पुरूष से ज्यादा है। महिला कानून जो महिला की सुरक्षा के नाम पर बनाये गये थे उनका 01 प्रतिशत उपयोग और 99 प्रतिशत दुरूपयोग होता है। अंत में कहा कि एमएआरडी पार्टी विश्व की आधी आबादी अर्थात पुरूष पक्ष की आवाज़ उठाने वाली विश्व की पहली पार्टी है। इस मौके पर कपिल मोहन ने पार्टी का घोषणापत्र पेश करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपने पांच प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। जिसमें बिलासपुर से चेत्न्जय पटेल बरेली शहर से जावेद हुसैन और बृजेश अवस्थी को लखनऊ उत्तर व विनय कुमार सिंह हंडिया तथा सोनू राय को चौरी चौरा से उम्मीदवार बनाया गया है।

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