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केजरीवाल सरकार धार्मिक पर्वों पर शराब के ठेके खोलने का फैसला गलत : अनिल कुमार

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस केजरीवाल सरकार द्वारा धार्मिक पर्वों पर शराब के ठेके खोलने और केवल 3 वार्षिक ड्राई डे निश्चित करने का विरोध करती है। केजरीवाल दिल्ली वालों की धार्मिक आस्थाओं को पूरी तरह नजरअंदाज करके दिल्ली में शराब की बिक्री में प्रोत्साहन देने का काम कर रहे है, क्योंकि नई आबकारी नीति के तहत जहां उन्होंने प्रत्येक वार्ड में 3-4 शराब की दुकानें खोलकर दिल्ली को नशे की राजधानी बना दिया है, वहीं रोजगार मांग रहे युवाओं की शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष कर दी है। चौ0 अनिल कुमार ने मांग की अरविन्द सरकार दिल्ली में ड्राई डे की संख्या को पुन: पुराने आधार पर लागू करे। चौ. अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल का दोहरा चरित्र दिल्लीवालों के सामने पूरी तरह उजागर हो चुका है, क्योंकि सत्ता के लालच में केजरीवाल चुनावी राज्यों में नशामुक्ति की बात करते है जबकि दिल्ली में शराब माफियाओं के साथ मिलकर त्यौहारों के दिन शराब बिक्री लागू करके धार्मिक भावनाओं को आहत पहुचाने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में जनता की धार्मिक आस्थाओं के मद्देनजर सभी धार्मिक त्यौहारों पर शराब की बिक्री बंद थी। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार चलाने में पूरी तरह विफल साबित हुए है, जबकि दिल्ली की जनता द्वारा केजरीवाल को 3-3 बार मुख्यमंत्री बनाने के बावजूद दिल्लीवालां को बदहाल दिल्ली मिली। प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में लागू ऑड-ईवन और वीकेंड लॉकडाउन के निर्णय के कारण छोटे-बड़े बाजारों के दुकानदारों, व्यापारियों और वहां काम करने वाले श्रमिकों को काफी नुकसान हो रहा है। दिल्ली सरकार को तुरंत व्यापारियों के हित में ऑड-ईवन को खत्म करके सभी दुकानों को खोलने का निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के बढ़ती रफ्तार में केजरीवाल दिल्ली को आर्थिक संकट में झौंक कर चुनावी राज्यों में सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रयारत है जबकि दिल्ली में व्यापारियों सहित गरीब तबका कोविड के साथ-साथ आर्थिक महामारी से अत्यधिक पीडि़त है। उन्हांने कहा कि असमय और बिना योजना के ऑड-इवन नीति और वीकेंड लॉकडाउन सहित नाईट कर्फ्यू लागू करने के कारण दिल्ली की जनता सहित व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।चौ. अनिल कुमार ने कहा कि जब दिल्ली के मुख्यमंत्री शराब नीति को लागू करने के लिए उपराज्यपाल से सहमति ले लेते है, तो व्यापारियों और जनमानस के हित में फैसला क्यों नही लेते। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार यह दावा कर रही है कि कोविड संक्रमण दर नियंत्रण में है तब केजरीवाल दिल्ली में व्यापारियों और उनके श्रमिकों की सुगम अजीविका के पक्ष में ऑड-ईवन नीति और वीकेंड कर्फ्यू को खत्म करने के आदेश देने चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने छोटे दुकानदारों, मझले व्यापारियों और पंजीकृत श्रमिकों को आर्थिक राहत देने की मांग की थी परंतु केजरीवाल सरकार ने इस संबध में कोई कदम नहीं उठाया।

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