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टीबी मुक्त भारत के लिए सक्रिय हुआ जिला प्रशासन

सुलतानपुर । मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पत्र के क्रम में क्षयरोग मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने के उद्देश्य से क्षय रोगियों को गोद लेने हेतु प्रदेश व्यापी विशेष अभियान चलाए जाने के संबंध में आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विकास भवन में प्रदेश के समस्त जिला अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं जिला छय रोग अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा बैठक लिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग समाप्त होने के बाद विकास भवन के एनआईसी हाल में जिला अधिकारी रवीश गुप्ता द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी की उपस्थिति में अंतर विभागीय बैठक हुई। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीके त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि क्षय रोग उन्मूलन के लक्ष्य को समयान्तर्गत प्राप्त करने हेतु जनपद के प्रयोगशालाओं में तथा प्राइवेट चिकित्सालय व एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान अंतर विभागीय सहयोग सामाजिक सहभागिता हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों को निशुल्क जांच, कोमारबीडीटी की जांच, ड्रग रेजिस्टेंस की जांच उपचार, एवं निश्चय पोषण योजना के अंतर्गत जब तक मरीजों का इलाज चलता रहता है उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से ₹500 प्रति माह प्रदान किया जा रहा है।  जिला अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि 24 मार्च 2022 को जनपद में क्षय रोगियों को गोद लेने हेतु 1 माह के विशेष अभियान का प्रारंभ किया जाएगा उक्त के क्रम में जनपद के समस्त सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों द्वारा क्षय रोगियों का चिन्हीकरण कर उन्हें नोटिफाई किया जाए, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, आईएपी, केमिस्ट एसोसिएशन एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से निजी क्षेत्र में जागरूकता उत्पन्न की जाए जनपद के ऐसे क्षेत्र जहां विगत 5 वर्षों में क्षय रोगी चिन्हित किए गए हैं उन क्षेत्रों में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाकर मिस्ड क्षय रोगियों को चिन्हित किया जाए, विभिन्न इच्छुक लोकोपकारी, सामाजिक शैक्षणिक संस्थाओं, गणमान्य नागरिकों, रेड क्रॉस सोसाइटी, टीबी एसोसिएशन, औद्योगिक घराने, शैक्षिक संस्थानों आदि को जनपद स्तर पर चिन्हित कर एक पुल तैयार किया जाए जनपद के समस्त क्षयरोगियों को निम्न क्रम में गोद लेने हेतु संस्थाओं को प्रेरित किया जाए। बाल रोगी जो 18 वर्ष से कम आयु के हैं, वयस्क महिला क्षय रोगी जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं, वयस्क पुरुष  रोगी जो 18 वर्ष से अधिक आयू के हैं। ड्रग रेजिस्टेंस, कोमारबीडीटी वाले क्षय रोगी सर्वप्रथम चिन्हित लोकोपकारी, सामाजिक शैक्षणिक संस्थाओं, गणमान्य नागरिकों द्वारा गोद लिए गए क्षय रोगियों को अपने स्रोतों से पौष्टिक आहार न्यूनतम 6माह अथवा उपचार अवधि पूर्ण होने तक जो भी बाद में हो प्रत्येक माह किट के रूप में प्रत्येक क्षयरोगी को उपलब्ध कराया जाए, गोद लेने वाली सामाजिक, शैक्षणिक, गणमान्य नागरिकों द्वारा संबंधित क्षय रोगी को अपने परिवार के सदस्य के समान भावनात्मक सहयोग प्रदान कर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे डॉट्स के माध्यम से दी जा रही औषधियों बिना नागा संपूर्ण उपचार अवधि में खाने हेतु प्रेरित किया जाए। मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स द्वारा निर्देशित किया गया कि जनपद में किसी भी चिकित्सक द्वारा जांच के बाद यदि क्षयरोगी की पुष्टि की जाती है तो बिना देरी किये जल्द से जल्द उसका उपचार प्रारंभ कर दिया जाय। जिला क्षय रोग अधिकारी जनपद के समस्त एमओआईसी, प्राइवेट चिकित्सालय, आईएमए के सदस्यों से संपर्क कर प्राइवेट क्षय रोगियों जो उपचार ले रहे हैं उनका शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन कराया जाए। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर आरके कनौजिया द्वारा बताया गया कि 9 मार्च से 22 मार्च तक जनपद में सक्रिय क्षयरोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है जिसमें टीमें घर-घर जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं जिनमें टीवी के लक्षण पाए जा रहे हैं उनके बलगम के नमूने एकत्र कर बलगम जांच की जा रही है,तथा एक्सरे हेतु नजदीक के अस्पताल में रिफर किया जा रहा है, क्षय रोग की बीमारी पाए जाने पर तुरंत उनका इलाज प्रारंभ किया जा रहा है जनपद वासियों से अपील की जाती है कि यदि सर्वे टीम उनके घर जाए तो उनका सहयोग अवश्य करें।

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