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भगवान नैमिष नाथ की 105वीं भव्य शोभायात्रा की अगवानी

सीतापुर । प्रतिवर्ष की भांति फाल्गुन नवमी की देर शाम तीर्थ समाज कल्याण परिषद द्वारा रामादल परिक्रमार्थियों और संतो का स्वागत सम्मान समारोह आयोजित किया गया। हजारों श्रद्धालुओं के जयघोष व वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य भगवान नैमिषनाथ की विशिष्ट वार्षिक शोभायात्रा महंत श्री 1008 इंदिरा रमण रामानुज दास की अध्यक्षता में बैण्ड-बाजे, शंख एवं घण्टा-घड़ियाल की पावन गूंज के साथ रामानुजकोट मंदिर से प्रारम्भ होकर माँ ललिता देवी मंदिर की परिक्रमा करते हुये चक्रतीर्थ परिसर पहुंची। जहाँ संस्था प्रमुख शैलेन्द्र शास्त्री, पुजारी राज नारायण पाण्डेय के सानिध्य में मुख्य अतिथि मिश्रिख विधायक रामकृष्ण भार्गव, गौरव रंजन श्रीवास्तव मेलाधिकारी मिश्रिख मुनीन्द्र अवस्थी पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष समेत कई गणमान्य अतिथियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य भगवान श्री नैमिषनाथ व श्रीदेवी सहित भूदेवी की विशिष्ट आरती एवं पूजन किया गया। इससे पहले से नवमी सुबह से ही रामानुजकोट मन्दिर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलता रहा। नैमिषारण्य तीर्थ की 84 कोसीय परिक्रमा में पुण्य लाभ के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में सन्त महंत व श्रद्धालु जुटते है। ये सनातन यात्रा आस्था और भक्ति के कई रंगो से रंगी हुई है और इस यात्रा में भक्तों को कठिनाइयां तो जरूर होती है पर इन्ही स्थितियों में उसे ईश्वर का आशीर्वाद और ईश्वर से निकटता का भी अनुभव होता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मिश्रिख विधायक रामकृष्ण भार्गव ने अपने संक्षिप्त सम्बोधन में कहा कि नैमिष तीर्थ की धार्मिक परम्परा की वाहक 84 कोसीय परिक्रमा की महिमा को नमन करते हुए शासन स्तर से परिक्रमार्थियों के लिए हर सम्भव सुविधा देने का जिक्र करते हुए सभी सन्तों के सहयोग की तारीफ की और हर बार ऐसे ही परिक्रमा के सफल संचालन की अपील की और परिक्रमार्थियों को इस यात्रा में शामिल होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं पुजारी राजनारायण पांडेय द्वारा चक्रतीर्थ की अष्टकोणीय आरती आकर्षण का मुख्य केंद्र रही, जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शामिल हुए और आरती के बाद प्रसाद ग्रहण किया। मुख्य अतिथियों द्वारा जिसके बाद मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित जगदाचार्य देवेन्द्रानंद सरस्वती जी महाराज, परिक्रमा अध्यक्ष महन्त नारायण दास, सन्तोष दास महंत,गोपाल शास्त्री कालीपीठाधीश्वर  गोपाल शास्त्री, लाल बिहारी शास्त्री पुजारी, स्वामी, श्री 1008 इंदिरारमण, विद्यानन्द, रामानुज कुमारी माताजी, साध्वी मुमुक्षा जी, अंजनी दास, नागेंद्र दास ,पाराश्रम विखनसाचार्युलु, आदि सन्तो गणमान्य अतिथियों का माल्यार्पण एवं अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर अष्टकोणीय आरती आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शामिल हुए और आरती के बाद प्रसाद ग्रहण किया।

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