उत्तराखंड

भारत चीन सीमा स्थित नेलांग घाटी में जवानों से मिले सेनाध्यक्ष

थल सेना प्रमुख बिपिन रावत सुबह करीब साढ़े आठ बजे चीन सीमा स्थित नेलांग बार्डर पर पहुंचे। जहां थल सेना प्रमुख ने सेना व आइटीबीपी के जवानों का उत्साहवर्धन किया तथा दीपावली की बधाई दी।

इस दौरान जवानों के बीच वह करीब दो घंटे रहे। साथ ही बॉर्डर की जानकारी ली। इसके बाद थल सेना प्रमुख हर्षिल पहुंचे। हर्षिल में आर्मी ने थल सेना प्रमुख बिपिन रावत का भव्य स्वागत किया।  

अब थल सेना प्रमुख हर्षिल से सड़क मार्ग होते हुए गंगोत्री मंदिर पहुंचेंगे। यहां उनका दर्शन का कार्यक्रम है। रात्रि विश्राम हर्षिल आर्मी गेस्ट हाउस में करने के उपरांत कल सुबह वह देहरादून रवाना होंगे।थल सेना प्रमुख आज से दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड में हैं। सेना, आइटीबीपी व प्रशासन ने इसकी तैयारियां पहले ही कर ली थी। उत्तरकाशी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में सेना प्रमुख बिपिन रावत का यह पहला दौरा है। उत्तरकाशी पुलिस और प्रशासन का अमला सेना प्रमुख के स्वागत को गंगोत्री पहुंचा है। यहां सेना पहले से ही तैनात है।

उत्तराखंड में 345 किलोमीटर लंबी सीमा चीन से सटी है। इसमें करीब 122 किलोमीटर उत्तरकाशी जिले में पड़ती है। इसकी सुरक्षा का जिम्मा आइटीबीपी 12वीं वाहिनी मातली और 35वीं वाहिनी माहिडांडा के हिमवीरों के पास है। 

सीमा पर महार रेजीमेंट और गढ़वाल स्काउट के जवानों की भी तैनाती की गई है। उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी में सेना और आइटीबीपी की नौ चौकियां हैं, जो करीब 12 हजार फीट से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। इन दिनों यहां का अधिकतम तापमान भी शून्य के करीब है। बावजूद इसके हिमवीर व सेना के जवान यहां पूरी मुस्तैदी के साथ देश की रक्षा के लिए डटे हैं। इन्हीं जवानों के बीच सेनाध्यक्ष ने पहुंचकर उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही उन्हें दीपावली की बधाई भी दी।

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