मध्य प्रदेश

ओडी फ्री डबल प्लस का दावा पेश करने वाला पहला शहर बना इंदौर

खुले में शौच से मुक्त (ओडी फ्री) डबल प्लस सर्टिफिकेट के लिए दावा पेश करने वाला इंदौर पहला शहर बन गया है। हालांकि अभी इंदौर को ओडी फ्री सर्टिफिकेट ही मिल पाया है और इसके बाद ओडी फ्री प्लस का सर्वे होना था लेकिन मंत्रालय ने इंदौर को इस मामले में छूट दी है।

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इंदौर नगर निगम ने शहर के ओडी फ्री घोषित होते ही ओडी फ्री प्लस सर्वे के लिए आवेदन शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया था लेकिन मंत्रालय स्तर की तैयारियां पूरी नहीं थीं। तब तक निगम ने ओडी फ्री डबल प्लस की तैयारी कर ली। यही वजह रही कि मंत्रालय ने इंदौर में सीधे डबल प्लस के सर्वे की अनुमति दी। सर्वे का काम सोमवार से शुरू होगा और बुधवार तक चलेगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम संभवतः रविवार शाम या सोमवार सुबह सर्वे के लिए इंदौर आ जाएगी।

मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप सर्वे किया जाएगा और टीम बताए गए कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलेट में उपलब्ध सुविधाओं की जांच करेगी। इस बार सर्वे में कई नवाचार जोड़े गए हैं और निगम को मानक स्तर पाने के लिए नए इंतजाम करना पड़े हैं। ओडी फ्री डबल प्लस के लिए शहर के 25 प्रतिशत टॉयलेट में विशेष सुविधाएं जुटाई गई हैं। इनमें शौचालयों में वाटर रिचार्जिंग, बेसिन के पास कांच की व्यवस्था, हैंड ड्रायर, सेनेटरी नेपकीन वेंडिंग मशीन, फीडबैक रजिस्टर, अटेंडर, एग्जास्ट फैन और 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधाएं शामिल हैं।

सबसे महत्वपूर्ण मानक यह है कि जिन शौचालयों में विशेष सुविधाएं रहेंगी, उन्हें निगम को 24 घंटे चालू रखना होगा। अब तक कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलेट (सीटीपीटी) सुबह पांच से रात 11 बजे तक खुले रहते हैं। अब मंत्रालय ने इनका समय सुबह चार से रात 11 बजे तक कर दिया है। विशेष सुविधाओं वाले टॉयलेट को तो 24 घंटे चालू रखना होगा। इसके अलावा शहर के 419 यूरिनल की भी साफ-सफाई, फ्लश सिस्टम, पानी, लाइट आदि का प्रबंधन भी सर्वे टीम द्वारा देखा जाएगा।

शहर में 329 सीटीपीटी, 145 टॉयलेट 24 घंटे रहेंगे चालू

निगम अफसरों ने बताया कि शहर में इस समय 329 सीटीपीटी हैं। इनमें से कम्युनिटी टॉयलेट की संख्या 120 हैं और बाकी पब्लिक टॉयलेट हैं। इनमें से कम्युनिटी टॉयलेट 24 घंटे चालू रहते हैं। इनके अलावा निगम 25 अन्य टॉयलेट भी 24 घंटे चालू रखेगा, जो रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मुख्य बाजारों या सार्वजनिक स्थलों के आसपास बने हैं।

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