जम्मू कश्मीर

वॉयरल वीडियो के अनुसार प्रोफेसर पर भगत सिंह को आतंकी बताने का आरोप है

 जम्मू विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकी कहकर बुरी तरह से फंस गए हैं। इस मामले ने राज्य में तूल पकड़ लिया है। जम्मू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जहां इस मामले को लेकर विरोध पर उतर आए हैं वहीं राजनीतिक स्तर पर भी उनके इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय खुलते ही विद्यार्थियों ने प्रोफेसर के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रोफेसर को पद से हटाने से कम कुछ मंजूर नहीं है। हालांकि जिस प्रोफेसर पर आरोप लगे हैं उसने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने उस समय के हालात के अनुसार उनकी जीवनी और तब के शासकों के हवाले से यह बात कही थी। वहीं बढ़ते विवाद को देख विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। यही नहीं कमेटी की रिपोर्ट आने तक प्रोफेसर ताजुद्दीन के पढ़ाने पर भी रोक लगा दी गई है।

वहीं अब राजनीतिक विज्ञान विभाग के कुछ विद्यार्थी प्रोफेसर के समर्थन में सामने आ गए हैं। उन्होंने प्रोफेसर के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह बताया जा रहा है, प्रोफेसर ने इस अंदाज से नहीं कहा है। वह अपने प्रोफेसर के साथ हैं।

यह विवाद उस समय सामने आया जब जम्मू विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ताजुद्दीन के लेक्चर का वीडियो वॉयरल हुआ। इसमें उन्होंने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकी कहा है। हालांकि उनके भाषण का सिर्फ एक ही अंश लोगों के सामने आया। इसे लेकर विवाद पैदा हो गया। वॉयरल वीडियो के अनुसार प्रोफेसर पर भगत सिंह को आतंकी बताने का आरोप है। जैसे ही यह वीडियो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के सामने आया, उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया।

कुछ विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत जम्मू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. मनोज धर से भी की। विद्यार्थियों का आरोप है कि प्रोफेसर के इस बयान से राष्ट्रवादी विद्यार्थियों को ठेस पहुंची है। उन्होंने वाइस चांसलर से प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

शिकायत विश्वविद्यालय के कानून विभाग के विद्यार्थियों ने की है। उनका कहना है कि भगत सिंह ने देश की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया है लेकिन प्रोफेसर उन्हें आतंकी बताकर नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। वहीं आरोपी प्रोफेसर ताजुद्दीन का कहना है कि वह कक्षा में लेनिन पर लेक्चर दे रहे थे। उसी संदर्भ में उनकी जीवनी उस समय की परिस्थिति और उनके भाई का जिक्र आया जिन्हें आतंकी प्रचार का नेतृत्व करने पर फांसी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि यही आतंक की परिभाषा है। मौजूदा राज्य अपने खिलाफ विद्रोह करने वालों को आतंकी करार देता है। इसी संदर्भ में भगत सिंह का जिक्र भी हुआ। उन्होंने कहा कि हम भारत वासियों के लिए चाहे भगत सिंह क्रांतिकारी थे, लेकिन उन समय के शासकों के लिए वह आतंकी थी। छात्रों को गुड टेरोरिज्म और बैड टेरोरिज्म के बीच के अंतर को समझना चाहिए। लेकिन बावजूद इसके अगर किसी को उनके इस भाषण से ठेस पहुंची है तो इसके लिए उन्हें खेद है। इस लेक्चर पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

प्रोफेयर के खिलाफ विवि में चल रहा हंगामा, कई समर्थन में उतरे

प्रोफेसर के बयान पर जहां कई विद्यार्थी हंगामा कर रहे हैं वहीं राजनीतिक विज्ञान विभाग में उनसे पढ़ने वाले कई विद्यार्थी उनके समर्थन में भी उतर आए हैं। वाइस चांसलर के कार्यालय के बाहर नारे लगाने के बाद गुस्साए विद्यार्थी राजनीतिक विज्ञान विभाग में घुस गए। भगत सिंह को आज के युवाओं का रोल मॉडल बताते हुए इन विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें आतंकी बताना उनकी शहादत को गाली है। यह टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुस्साए विद्यार्थियों ने प्रोफेसर को यूनिवर्सिटी से हटाने की मांग उठाई। यही नहीं उन्होंने ये चेतावनी भी दे डाली है कि जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, उनका प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा। कुछ विद्यार्थियों ने प्रोफेसर के कमरे के बाहर लगी उनकी लेमप्लेट तोड़ डाली और दरवाजे पर देशद्रोही लिखने का प्रयास किया। वहीं प्रोफेसर के पक्ष में सामने आए राजनीतिक विज्ञान के विद्यार्थियों ने तुरंत इसे साफ कर दिया। उन्होंने प्रोफेसर का समर्थन करते हुए कहा कि जिस तरह से उनके बयान को पेश किया गया है, ऐसा कुछ नहीं है। उन्हें फंसाया जा रहा है। विश्व विद्यालय में अभी भी हंगामा जारी है। वाइस चांसलर अपने कार्यालय में मौजूद नहीं है और विद्यार्थी पूरे विश्वविद्यालय में घूम-घूमकर प्रदर्शन व नारे लगा रहे हैं।

 

प्रोफेसर ने यह दिया था बयान

आजादी के दौर यहां भी आतंक हुअा था । भगत सिंह को हम हीरो बताते हैं, वह भी आतंकवादी थे।

मामले की जांच के लिए कमेटी गठित

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर मनोज धर ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. केशव शर्मा मामले की जांच करेंगे। वह इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर वीसी को सौंपेंगे। 

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