दिल्ली के सीने पर आज भी ताजा हैं इन 6 एनकाउंटर के निशान…
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को सूचना मिलती है और इसके बाद शुरू हो जाता है प्लानिंग का काम। प्लानिंग के बाद वक्त होता है बदमाशों से आमने-सामने की टक्कर का जिसके लिए ये पुलिसकर्मी हमेशा तैयार रहते हैं। शनिवार को भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुछ ऐसा ही हुआ। एक बाद एक पांच बदमाशों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने ढेर कर दिया। दिल्ली के छतरपुर इलाके में हुए इस एनकाउंटर को अब तक का सबसे बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है। आइए नजर डालते हैं दिल्ली में हुए अब तक के बड़े एनकाउंटर पर।
बाटला हाउस एनकाउंटर
19 सितंबर 2008
दिल्ली पुलिस द्वारा जामिया नगर इलाके में छिपे इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि सैफ मोहम्मद और आरिज खान भागने में कामयाब हो गए थे। वहीं, जीशान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मुठभेड़ के दौरान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा भी शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान स्थानीय कई लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इसके विरोध में कई राजनीतिक दलों सहित छात्र और शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
अंसल प्लाजा एनकाउंटर
3 नवंबर 2002
दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली स्थित अंसल प्लाजा शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बेसमेंट पार्किंग एरिये में लश्कर-ए-तैयबा के दो संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया था। दोनों आतंकी आगामी दिनों आने वाली दिवाली के दौरान दिल्ली में दहशत फैलाने की तैयारी में थे। आतंकियों के पास से एके-56 और दो मैग्जीन सहित सरोजनी नगर, लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट के नक्शे बरामद हुए थे।
कनॉट प्लेस फर्जी एनकाउंटर
31 मार्च 1997
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा कनॉट प्लेस इलाके में एनकाउंटर किया गया था। एसीपी एसएस राठी की टीम ने उत्तर प्रदेश के गैैंगस्टर मान कर हरियाणा के कारोबारी प्रदीप गोयल और जगजीत सिंह को गोली मार दी थी। जिससे उनकी मौत हो गई थी। फर्जी एनकाउंटर के इस मामले में अदालत में 16 वर्ष तक सुनवाई चली थी। जिसके बाद आरोपी पुलिस और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए थे।
राजेंद्र नगर एनकाउंटर
16 मई 2015
मध्य जिले के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित सागर रत्ना रेस्टोरेंट में मौजूद एक बदमाश और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के बीच मुठभेड़ हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि कई अपराध में शामिल इनामी मनोज वशिष्ठ वहां आने वाला है। इसके बाद पुलिस उसे दबोचने रेस्टोरेंट में पहुंची थी। पकड़े जाने का आभास होते ही बदमाश ने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी थी। इसके जबाव में पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से बदमाश ढेर हो गया था।
वसंत कुंज हयात होटल एनकाउंटर
25 अक्टूबर 2013
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात बदमाश नीतू दबोदिया और उसके साथी दक्षिण दिल्ली के होटल ग्रांड हयात के समीप आने वाले थे। इसके बाद पुलिस की टीम ने कार सवार बदमाशों को दबोचने का प्रयास किया था। पुलिस से घिरा देख बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इसके जबाव में पुलिस ने भी गोली चलाई। जिसमें कई अपहरण, फिरौती मांगने का आरोपी और इनामी बदमाश नीतू दबोदिया व सुरेंद्र मलिक सहित तीन बदमाश घायल हो गए थे। उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में ले जाया गया था। वहां, उनकी मौत हो गई थी।
विवेक विहार एनकाउंटर
5 जून 2018
विवेक विहार थाना पुलिस ने मियांवली थाना क्षेत्र से चुराई गई कार से भाग रहे बदमाशों की सूचना पर जांच अभियान चलाया गया था। रोके जाने पर बदमाशों ने पुलिस पर गोलाबारी शुरू कर दी थी। इसके जबाव में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। पुलिस और जयपुर के रहने वाले तीन बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने एक को मार गिराया था। जबकि दूसरा घायल हो गया वहीं, एक बदमाश भागने में सफल रहा था।